
यदि वसीयत विवादित नहीं है तो तहसीलदार को करना पड़ेगा नामांतरण
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने वसीयत के आधार पर नामांतरण न किए जाने के मामले में अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि यदि वसीयत विवादित नहीं है। या किसी की आपत्ति नहीं है तो तहसीलदार को नामांतरण करना होगा। वसीयत विवादित होने पर फैसला सिविल कोर्ट करेगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की संपत्ति का नामांतरण करने का आदेश दिया है।
दरअसल अनिल कुमार के पिता कैलाश चंद्र की 3 मई 2021 को मृत्यु हो गई थी। पिता की मृत्यु के बाद अनिल कुमार ने तहसीलदार के यहां संपत्ति के नामांतरण का आवेदन दिया था। पिता ने बेटे के नाम वसीयत की थी। पिता की वसीयत पर बेटी ने भी अनापत्ति दे दी। मुरैना के अंबाह तहसीलदार ने 11 मार्च 2023 को आवेदन खारिज कर दिया। इसके बाद एसडीएम ने अपील खारिज की। निर्देश दिए कि सिविल कोर्ट से इस विवाद को खत्म किया जाए। अनिल कुमार ने हार्ईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुरेश अग्रवाल ने तर्क दिया कि वसीयत पर कोर्ई विवाद नहीं है। बहन ने याचिकाकर्ता के पक्ष में बयान दिए हैं। इसलिए तहसीलदार को नामांतरण करना है, लेकिन उन्होंने आवेदन को खारिज कर दिया। कोर्ट ने तहसीलदार के आदेश का अवलोकन करने के बाद कहा कि वसीयत के आधार पर नामांतरण के नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन किसी भी पक्ष ने आपत्ति नहीं की। कैलाश चंद्र की पुत्री ने भी अनापत्ति दी। ऐसी स्थिति में तहसीलदार को नामांतरण की अनुमति करना चाहिए। कोर्ट ने वसीयत के आधार नामांतरण का आदेश दिया है।
Published on:
28 Dec 2023 11:26 am
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