-आवासीय छात्रावास और खेल परिसर में कमियों को लेकर खिलाड़ी, समाजसेवी और पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने रखी अपनी बात -पत्रिका लगातार
श्योपुर। शहर और अंचल के 250 से अधिक खिलाडिय़ों सहित आदिवासी खेल प्रतिभाओं को अंतर राष्ट्रीय स्तर की आधुनिक सुविधाएं देने के लिए 14 करोड़ रुपए की लागत से ढेंगदा में तैयार हो रहे खेल परिसर में हैंडओवर होने से पहले ही कमियांं दिखनी लगी हैं। इसको लेकर पीआईयू के अधिकारी लापरवाह रवैया अपनाए हुए हैं और प्रशासनिक अधिकारियों के निरीक्षण के बाद भी रनिंग ट्रैक और बैडमिंटन कोर्ट की कमियों को दूर नहीं कराया जा रहा है। मावठ की बारिश ने 400 मीटर रनिंग ट्रैक और इसके बीच बनाए गए ग्रासी फुटबॉल मैदान की कमियों की पोल खोल दी। इस मामले में कलेक्टर ने गुणवत्ता को बनाए रखने की बात कही है। अब शहर के खिलाड़ी और नेता भी गुणवत्ता की कमियों को लेकर मुखर होकर सामने आने की बात कर रहे हैं। पीआईयू द्वारा मानक को दरकिनार रख कराए जा रहे कामो की स्वतंत्र तकनीकी एजेंसी से जांच कराने की मांग उठने लगी है।
दरअसल, केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश में छह खेल परिसर बनाने के लिए राशि दी थी। आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से बनने वाले इन खेल परिसरों के लिए राशि भी जारी हो चुकी है। इनमें से एक खेल परिसर श्योपुर के ढेंगदा स्थित आवासीय विद्यालय के परिसर में बनाया जा रहा है। खेल परिसर का काम पूरा होने की रिपोर्ट दी जा चुकी है। पीआईयू के कार्यपालन यंत्री विपिन सोनकर ने खामियों को छुपाकर भोपाल और श्योपुर में अधिकारियों के सामने इसका प्रजेंटेशन भी दे दिया है। जबकि मैदान और ट्रैक में तमाम खामियां हैं।
यह बोले शहर के लोग
-ढेंगदा खेल परिसर में बैडमिंटन कोर्ट के वुडन फ्लोर की स्थिति मानक के हिसाब से नहीं लगती। इसके अलावा रनिंग ट्रैक देखने में तो बहुत आकर्षक लग रहा है लेकिन सिंथेटिक ट्रैक पर जब पहुंचते हैं तो असमतल लगता है। बारिश में इस पर पानी भी रुक रहा है, इससे ट्रैक खराब होने की संभावना बनी रहेगी।
तरुण बंसल, बैडमिंटन खिलाड़ी
-सरकार ने खिलाडिय़ों की प्रतिभा को निखारने के लिए ढेंगदा खेल परिसर बनवाया है। लेकिन निर्माण एजेंसी ने काम की गुणवत्ता को बेहतर नहीं रखा। सिंचाई के लिए एक बोरिंग तक नहीं कराई है। ट्रैक का ढलान भी सही नहीं है। पहले भी इसकी जानकारी कलेक्टर को दी थी, उन्होंने निरीक्षण किया था, कमियां सामने आ चुकी हैं। क्षेत्रीय सांसद और केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को भी खेल परिसर में हो रहे गुणवत्तविहीन कामों की जानकारी दी है। उन्होंने श्योपुर दौरे पर आनेे के समय निरीक्षण करने का आश्वासन दिया है।
राघवेन्द्र सिंह जाट, अध्यक्ष-वीर सावरकर फुटबॉल अकॉदमी
-श्योपुर खेल के मामले में पिछड़ा रहा है, अब अगर अच्छी व्यवस्था जिले को मिल रही है, अब जब यह उपलब्धि मिल रही है, तो इसमें किसी भी तरह की कमी नहीं रहनी चाहिए। अगर पानी रुक रहा तो गुणवत्ता पर अपने आप प्रश्र खड़ा हो रहा है। खिलाडिय़ों के लिए उपलब्ध कराई जा रही तो इसमें किसी तरह की भृष्टाचार नहीं होना चाहिए। स्वतंत्र तकनीकी विशेषज्ञों की समिति के माध्यम से खेल परिसर में हुए निर्माण की जांच कराने की मांग करेंगे।
अतुल चौहान, जिलाध्यक्ष-कांग्रेस
-आदिम जाति कल्याण विभाग के ढेंगदा स्थित आवासीय परिसर का मैं निरीक्षण करूंगा। इसके साथ ही इसकी गुणवत्ता की पूरी रिपोर्ट लेने के बाद इसमें जो भी कमियां होंगीं उनको दूर कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे। खिलाडिय़ों की प्रतिभा को निखारने के लिए बन रहे ट्रैक की गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा।
भारत सिंह कुशवाह, प्रभारी मंत्री