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वाहन चोरी की देर से सूचना देना शर्तों का उल्लंघन नहीं है, सबसे पहले सूचना पुलिस को देना जरूरी

- फोरम ने बीमा कंपनी को दिया आदेश कि 6.94 लाख रुपए ब्याज के साथ वापस करे

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वाहन चोरी की देर से सूचना देना शर्तों का उल्लंघन नहीं है, सबसे पहले सूचना पुलिस को देना जरूरी

वाहन चोरी की देर से सूचना देना शर्तों का उल्लंघन नहीं है, सबसे पहले सूचना पुलिस को देना जरूरी

ग्वालियर। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने यह कहते हुए 6 लाख 94 हजार रुपए का क्लेम देने का आदेश दिया है कि वाहन चोरी होने पर सबसे पहले सूचना पुलिस को देनी होती है। न बीमा कंपनी को। देर से सूचना देना बीमा शर्तों का उल्लंघन नहीं है। आदेश की कॉपी मिलने के बाद दि ओरियंटल इंश्योरेंश कंपनी 6 फीसदी ब्याज के साथ क्लेम राशि वापस करे।

दरअसल धर्मेंद्र दांतरे की 18 मई 2019 को एमपी 07 सीएफ 2419 गाड़ी दिल्ली में चोरी हो गई। हिम वर्षा अपार्टमेंट आईपी एक्सटेंशन नई दिल्ली से चोरी हुई थी। गाड़ी चोरी होने के बाद तत्काल थाना मधुर विहार में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद बीमा कंपनी को टोल फ्री नंबर पर सूचना दी। गाड़ी चोरी एफआइआर के बाद बीमा कंपनी से क्लेम की राशि मांगी गई, लेकिन बीमा कंपनी ने देर से सूचना और वैध लाइसेंस न होने के कारण क्लेम खारिज कर दिया।

इसके बाद दांतरे ने उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया। उनकी ओर से तर्क दिया कि बीमा कंपनी ने अनुचित व्यापार किया है। इसलिए क्लेम राशि के साथ क्षतिपूर्ति दिलाई जाए। बीमा कंपनी को गाड़ी चोरी होने की सूचना 44 दिन बाद दी। इसके बाद बीमा कंपनी ने मामले की जांच कराई। चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस व अन्य दस्तावेज नहीं थे। इसका स्पष्टीकरण नहीं दिया, जिसके चलते क्लेम खारिज कर दिया। परिवाद को भी खारिज किया जाए। फोरम ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस न होना। असुरक्षित दशा में गाडी़ छोडऩे के कारण क्लेम खारिज करने का आधार नहीं माना जा सकता है। बीमा कंपनी ने सेवा में कमी की है। साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति के बदले में 2500 रुपए व केस लडऩे के 2500 रुपए अलग से दिए जाएं।