
दिव्यांगों के लिए लाइब्रेरी अपडेट, बढ़ीं फैसिलिटीज
ग्वालियर. समय के बदलाव के साथ पुस्तकालय की भूमिका और रूप में भी परिवर्तन हुआ है। पुस्तकालय में दिव्यांगों की रुचि बढ़ाने पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। इसी तरह से दिव्यांगों के लिए पुस्तकालय की सुविधाएं बढ़ी हैं। इसको ध्यान में रखते हुए कई गैजेट भी आ गए हैं। दिव्यांगों को ध्यान में रखते हुए लाइब्रेरी को अपडेट भी किया जाने लगा है। यह बात इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ दिल्ली के डॉ. आरसी गौड़ ने कही। वह जेयू में नाऊ एंड नेक्स्ट अनेबलिंग इनक्लूजन एंड एक्सेसिबिलिटी फॉर स्टूडेंट्स विद डिसेबिलिटीज इन हायर एजुकेशन विषय पर हुए वेबिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आयोजन सचिव प्रो. हेमंत शर्मा ने की। इस अवसर प्रो. जेएन गौतम, प्रो. डीसी गुप्ता, एचके द्विवेदी, साधना शर्मा, मनोज तिवारी और निधि श्रीवास्तव उपस्थित रहे।
सेंट जेवियर रिसोर्स सेंटर फॉर विजुअली चैलेंज्ड के डायरेक्टर डॉ. सेमतारा पोरेवाला ने कहा कि विजुअली चैलेंज्ड लोगों के लिए कई तरह की तकनीक आ गई है। डैसी फोरम इंडिया के रीजनल रिसोर्स सेंटर के डायरेक्टर दीपेंद्र मनोचा ने ऑनलाइन वीडियो से दिव्यांगों के लिए उपलब्ध गैजेट के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि पहले की अपेक्षा लाइब्रेरी में दिव्यांगों के लिए काफी सुविधाएं जुड़ने लगी हैं। इसके अलावा उनके साथ बेहतर तरीके से कम्युनिकेशन हो सके, इस बात पर भी खास ध्यान दिया जाता है।
स्पीकर्स ने क्वेरीज की सॉल्व
एक्सेसिबिलिटी एंड सेल्फ एडवोकेट की फाउंडर शिवानी गुप्ता ने फिजिकल एक्सेसिबिलिटी लेजिसलेटिव फ्रेमवर्क के बारे में जानकारी दी। जेएनयू दिल्ली के सोमेश विश्वकर्मा ने दिव्यांगों के लिए तकनीकी का उपयोग कैसे किया जाए पर अपने विचार रखे। इस दौरान पार्टिसिपेंट्स के कई सवालों के जवाब भी दिए गए।
Published on:
07 Jun 2020 07:53 pm
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