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किसी एक खेल से जीवन भर करें प्यार, खेलने के बहाने ढूंढ़ें

आइटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर में नेशनल स्पोट्र्स डे पर एक्टिविटीज

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किसी एक खेल से जीवन भर करें प्यार, खेलने के बहाने ढूंढ़ें

किसी एक खेल से जीवन भर करें प्यार, खेलने के बहाने ढूंढ़ें

ग्वालियर.

कोई टेबल टेनिस पर फुर्ती से बॉल हिट करने में लगा था तो कोई बैडमिंटन में चपलता के साथ खेलते हुए अपने स्कोर बनाने की कोशिष में था। सबसे ज्यादा उत्साह दिखा क्रिकेट मैच में, जहां दोनों टीमें आपसी सामंजस्य और टीम भावना के साथ बेहतर प्रदर्शन करने में जुटी थीं। वहीं म्यूजिक चेयर कॉम्पीटिशन भी मनोरंजक रहा जिसका लुत्फ प्रतिभागियों के साथ ही ऑडियंस ने भी बखूबी लिया। कुछ ऐसे ही रोचक खेलभावना से परिपूर्ण मुकाबले देखने को मिले, आइटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर के स्कूल ऑफ स्पोट्र्स एजुकेशन द्वारा आयोजित नेशनल स्पोट्र्स डे सेलिब्रेशन में। हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की स्मृति में मनाया जाने वाला स्पोट्र्स डे के उपलक्ष्य में यूनिवर्सिटी में विभिन्न कार्यक्रम किए गए। शुरुआत हुई नेशनल स्पोट्र्स डे की प्रजेंटेशन से, जिसके बारे में स्टूडेंट्स को स्कूल ऑफ स्पोट्र्स एजुकेशन के डीन डॉ कपिल दवे ने मेजर ध्यानचंद के जीवन और खेल में उनके योगदान के बारे में प्रकाश डाला। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कुछ भी नामुमकिन नहीं है, हम कड़ी मेहनत और एकाग्रता से हर चीज मुमकिन कर सकते हैं।

स्पोट्र्स एक्टिविटी में दिखा खिलाडिय़ों के बीच सामंजस्य
इसके बाद शुरू हुआ विभिन्न स्पोट्र्स एक्टिविटीज का सिलसिला। जिसमें प्रमुख रूप से क्रिकेट, बैडमिंटन, टेबिल टेनिस, म्यूजिकल चेयर आदि कॉम्पीटिशन रखे गए। जिसमें मेल और फीमेल प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस दौरान मेजदार खेल देखने को मिले। सभी फैकल्टीज और एडमिन स्टाफ ने खेलभावना के साथ खेल प्रदर्शन किया। एक-दूसरे के साथ सामंजस्य और स्वस्थ प्रतियोगिता का जज्बा रखते हुए खेलकर सभी उत्साहित थे। कार्यालयीन कार्य के बाद मैदान में स्वतंत्र रूप से खेलने व एक-दूसरे से खेलभावना के साथ जुडऩे से सभी के बीच परस्पर सौहार्द भी बढ़ा। सभी टीमों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। इससे पहले कार्यक्रम का संचालन फैकल्टी वसीम अहमद ने व आभार प्रदर्शन असि प्रो. भानु यादव ने किया।

दैनिक जीवन में खेलों को बनाए अहम हिस्सा: डॉ भाकर
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद आइटीएम के वाइस चांसलर डॉ एसएस भाकर ने कहा कि अब क्रिकेट, कुश्ती, हॉकी, बैडमिंटन जैसे कई खेल सफलता का पर्याय बन चुके हैं। इन खेलों के जरिए युवा विष्व स्तर पर नाम कमा रहे हैं। हाल ही में ओलिम्पिक में गोल्ड मेडल जीतकर नीरज चौपड़ा ने स्वर्णित इतिहास रचा है। यदि हम अपने दैनिक जीवन में भी खेलों को अहम हिस्सा बनाते हैं तो यह काफी लाभदायक हो सकता है। ज्यादा कुछ नहीं तो हम रोज सुबह दौड़ सकते हैं, मैदानों में जाकर व्यायाम कर सकते हैं, दोस्तों के साथ कभी-कभी क्रिकेट, बैडमिंटन, कबड्डी खेल सकते हैं। हम सभी को इंटरनेट में ज्यादा व्यस्त रहने के बजाय खेलने के लिए समय निकालना चाहिए। फिटनेस बनाए रखने के लिए एक्टिव रहना चाहिए। इससे शारीरिक और मानसिक विकास दोनों अच्छे से हो सकेगा।