
ग्वालियर/भिण्ड। महाशिवरात्रि पर्व 14 फरवरी को देश भर में मनाया जाएगा। पंडितों के मतानुसार चतुर्दशी का उदय 13 फरवरी को होने जा रहा है। लेकिन सूर्योदय काल 14 फरवरी को होगा। इसलिए इसी दिन महाशिवरात्रि पर्व मनाते हुए भगवान शिव व पार्वती का विवाहोत्सव मनाया जाएगा। भगवान शिव का का इस दिन जलाभिषेक व व्रत का विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर भिण्ड के इंदिरा चौक के पास स्थित कुंडेश्वर महादेव का मंदिर का भगवान वनखंडेश्वर के बाद दूसरा स्थान है। इस मंदिर में विराजित शिवलिंग का अभिषेक प्रतिदिन काशी से आने वाली श्मशान की भस्म से होता है।
साथ ही यहां पर २४ घंटे जलता रहने वाला शिवजी का धूना जिले भर के भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। करीब ४५० साल पहले यहां पर स्थित विशाल कुंड से शिवलिंग निकला था। यही कारण है कि यहां पर विराजमान शिवजी को कुंडेश्वर के नाम से जाना जाता है।
मंदिर की देखभाल उदासीन संप्रदाय के आश्रम इटावा की ओर से की जाती है। साथ ही भक्तों की मान्यता है कि यहां पर लगातार आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
गांव के बुजुर्ग लोगों ने बताया कि सैकड़ों साल पहले नि:संतान सर्राफ बैजनाथ सोनी के भगवान शिवजी की कृपा से चार बेटे हुए थे। इसके बाद सोनी जी ने ही यहां पर शिवलिंग की स्थापना कराई थी।
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वहीं कुं डेश्वर धाम के महंत मोहन मुनि ने बताया कि कुंडेश्वर भगवान का प्रतिदिन काशी से लाई गई भस्म से अभिषेक होता है। धूना जलाने की परंपरा इस मंदिर के अलावा कहीं अन्य स्थानों पर नहीं है। मंदिर करीब ४५० साल पुराना है जो आस्था का केंद्र है। उन्होंने बताया कि यहां हर साल महाशिवरात्री पर हजारों की संख्या में भक्तगण आते हैं।
Published on:
09 Feb 2018 09:50 pm
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