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बच्चों को इतना काबिल बनाओ कि वे किसी पर आश्रित न रहें : जया किशोरी

- नानी बाई की मायरो कथा में श्रद्धालुओं पर बरसाए फूल

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बच्चों को इतना काबिल बनाओ कि वे किसी पर आश्रित न रहें : जया किशोरी

बच्चों को इतना काबिल बनाओ कि वे किसी पर आश्रित न रहें : जया किशोरी

ग्वालियर. नरसी भगत पर जव ठाकुर जी की कृपा हुई तो उन्होंने राधेश्याम के जयकारों के बीच अपनी पुत्री नानीबाई का ऐसे मायरा भरा कि उसका वैभव लोग देखते ही रह गए। नरसी ने अपने सांवरे पर भरोसा किया और अशर्फियों, मोतियों, पन्नों, गहनों और नोटों से भरे थाल, हीरों का हार, लहंगा-चूंदडियों के साथ नानी बाई के ससुरालवालों द्वारा मांगी गई हर वस्तु मायरे में दे दी। मायरे में इतना सामान देखकर नानी बाई के ससुरालवालों की आंखें खुली की खुली रह गईं। प्रख्यात कथावाचिका जया किशोरी ने नानी बाई को मायरो की कथा सुनाकर ग्वालियर के श्रद्धालुओं को आनंद विभोर कर दिया। दर्शन सिंह की स्मृति में नानी बाई का मायरो की कथा के अंतिम दिवस एक नंबर लाइन के मैदान में चलो रे मन श्रीवंृदावन धाम..से उन्होंने अपने भजनों का सिलसिला शुरू किया, जो कथा विश्राम तक निरन्तर श्रद्धालुओं को आनंदित करता रहा। कथा का रसपान कराते हुए जया किशोरी ने कहा कि भक्तों को भगवान के पास जाने की जरूरत नहीं होती, बल्कि जो सच्चे भक्त होते हैं भगवान खुद उनके पास चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि लडक़ा हो या लडक़ी अपने बच्चों को इतना काबिल बना दो कि वे आत्मनिर्भर होकर अपनी जिंदगी आराम से गुजार सकें। बेटी ससुराल में अन्याय तभी सहती जब वह अपने पैरों पर खड़ी नहीं होती है। अन्याय करने वाला तो पापी होता ही है, अन्याय सहना भी गलत है। बच्चों को आत्मनिर्भर कर दिया समझो मां-बाप ने गंगास्नान का पुण्य हासिल कर लिया।

कभी भी ये मत सोचो कि लोग क्या कहेंगे...
जया किशोरी ने कहा कि अधिकांशत: महिलाएं ही महिलाओं से ईष्र्या करती हैं, जहां चार महिलाएं एकत्रित हुई उन्होंने दूसरी महिलाओं की बुराई करना शुरु कर दिया, यह ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आदमी इतना स्वार्थी हो गया है कि यदि उसका काम न हो तो वह भगवान भी बदल लेता है, यह भक्ति नहीं हैं। यदि सच्चे मन से भक्ति करोगे तो आपकी हर मनोकामना पूरी होगी। उन्होंने कहा कि कभी भी जिंदगी के फैसले ये सोचकर मत लेना कि लोग क्या कहेंगे। लोगों की सोचकर यदि आपने निर्णय लिए तो आपको पूरी जिंदगी पछताना पड़ेगा।