
सर्वे नंबर के साथ हर खातेदार का दर्ज होगा नक्शा, ऑनलाइन मिल सकेगी जानकारी
ग्वालियर. जमीनों के फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने और किसानों के साथ होने वाली धोखाधड़ी रोकने के लिए प्रदेश के भू अभिलेख विभाग में एक सितंबर से नक्शा शुद्धिकरण किया जाएगा। इसके बाद भूलेख पोर्टल के माध्यम से नक्शों का रियल टाइम अपडेट हासिल किया जा सकेगा। किसानों को डिजिटल सिग्नेचर सहित नक्शा और अन्य अभिलेखों की प्रति भी मिल सकेगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के गांव अभी सर्वेक्षण संख्यांक और नक्शा डाटा ङ्क्षलक में नहीं जुड़े हैं, लोगों को जो नक्शे मिल रहे हैं वे पूरी तरह शुद्ध नहीं हैं। एक सितंबर से इनका शुद्धिकरण करने के लिए प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी ने आदेश जारी किया है, ताकि खसरे और नक्शे में समानता न होने से किसानों को जो परेशानी होती है, उससे बचा जा सके।
पटवारियों को है आपत्ति
नक्शा शुद्धिकरण के लिए पटवारियों के प्रशिक्षण के बाद यह काम एक सितंबर से शुरू होगा। इसमें पटवारियों की आपत्ति है कि शुद्धिकरण का काम पटवारियों की बजाय राजस्व निरीक्षकों से कराया जाए। इसको लेकर विभाग में मंथन चल रहा है।
अभी यह त्रुटियां आती हैं सामने
नामांतरण/बंटवारा आदेश के आधार पर खसरा में बटांकन किया गया, लेकिन नक्शे पर अमल नहीं दिख रहा है। यह त्रुटि नक्शा बटांकन मॉड्यूल के जरिये सही होगी।
एक ही खसरा नंबर नक्शे के दो पार्सल में दर्ज दिखता है, जबकि नक्शे के प्रत्येक पार्सल पर एक ही खसरा नंबर दर्ज होना चाहिए। यह त्रुटि मैप नंबर मॉड्यूल के जरिये सही होगी।
नक्शे में अल्फा न्यूमेरिक नंबर जैसे मिन, जेड, एक्सएक्स, एए, क,ख,ग आदि प्रदर्शित हों तो कंप्यूटर खसरा नंबर से ङ्क्षलक स्थापित नहीं कर पाता है। अब इसका सुधार एट्रिब्यूट अपडेट मॉड्यूल के जरिये हो सकेगा।
नक्शे में बटांकन दर्ज होने के बाद भी खसरा पर पुराना मूल नंबर दिखने पर नक्शे में दर्ज बटांकों को मूल नंबर से मर्ज कर इस खामी को विलेज मैप करेक्शन मॉड्यूल के उपयोग से दूर किया जा सकता है।
तहसीलदार लॉगिन में मिङ्क्षसग खसरों को मैप पार्सल बनाकर नक्शा सुधार किया जा सकेगा। मैप क्लिङ्क्षपग मॉड्यूल के माध्यम से यह सुधार होगा और किसानों की परेशानी कम होगी।
यह है पटवारियों के लिए काम
प्रत्येक पटवारी अपने क्षेत्र के सभी नक्शों का मिलान करने के बाद भूलेख पोर्टल पर मौजूद नक्शे का मिलान करके सत्यापित करेगा।
पटवारी को यह सत्यापित करना होगा कि भूलेख पोर्टल पर मौजूद नक्शा पूरे राजस्व ग्राम का है, और कोई भी सीट छूटी नहीं है।
यह भी सत्यापित करना होगा कि पोर्टल पर मौजूद नक्शा सही स्केल पर ङ्क्षप्रट हो रहा है या नहीं।
प्रशिक्षण दिया गया है
नक्शा शुद्धिकरण पखवाड़े के दौरान काम कराने के लिए सभी पटवारी और राजस्व निरीक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। पूर्व में चलाए गए भू अभिलेख पखवाड़े की तरह शुद्धिकरण पखवाड़ा भी तय समय पर पूरा कराया जाएगा। इसके लिए पटवारियों को निर्देशित किया जा चुका है।
शिवानी पांडेय, अधीक्षक-भू अभिलेख
Published on:
27 Aug 2022 05:57 pm
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