
शहर की सडक़े चौड़ी होने के नाम पर पिछले कई सालों से केवल फाइलें मोटी हुई हैं, सडक़े नहीं। मास्टर प्लान 2035 में जिन 115 महत्वपूर्ण सडक़ों को आम जनता की सुविधा और भविष्य के ट्रैफिक प्रेशर को देखते हुए चौड़ा होना था, वो आज भी कागजों की कैद में हैं। ऐेसे में भोपाल से टीडीआर नियम 2018 के अतंर्गत ग्वालियर में मास्टर प्लान 2035 में शामिल सडक़ों का सर्वेक्षण मांगा गया है। जिसमें निगम ने 2022 में मास्टर प्लान बनाने के दौरान छोड़ी गई छोटी-बड़ी 57 सडक़ों को जोडकऱ कुल 172 सडक़ों का नए सिरे से सर्वे करना शुरू कर दिया है। लेकिन सवाल यह है कि जब सडक़ों चौड़ीकरण का प्रस्ताव लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है तो आखिकर इतने साल के बाद अब निगम की नींद आखिर कैसे खुल गई। जबकि पूर्व में भी इसी तरह का पत्र निगम के पास आया था। ग्वालियर में शहर का विस्तार तेजी से हुआ पर प्रशासन की सोच नहीं। हालात यह कि मास्टर प्लान में शामिल 2378 हेक्टेयर क्षेत्र की 115 सडक़े को चौड़ा होना है, इसमें 99 सडक़े चौड़ी और 16 सडक़े नई बनना था। वर्तमान में ये सडक़े अब अतिक्रमण और अव्यवस्थित निर्माण के चलते संकरी गलियां बन गई है।
अब निगम का नया संस्करण जमीन लेगा, पैसा नहीं देगा
सरकार की ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (टीडीआर) पॉलिसी का लाभ नगरीय क्षेत्र में रहने वालों को देने के लिए निगम मास्टर प्लान में शामिल 115 सडक़ों के साथ ही निगम ने अपनी 57 सडक़ों को जोडकऱ 172 सडक़ों का सर्वेक्षण करा रहा है। नीति के तहत भविष्य में सडक़ चौड़ीकरण के नाम पर जमीन ली जाएगी और बदले में संपत्ति स्वामी (मालिक) को पैसा न देकर टीडीआर पॉलिसी के तहत प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। इसे वह बिल्डरों या कमर्शियल निर्माण करने वालों को बेच पाएगा यानी जनता जमीन देगी और बिल्डरों की चांदी।
सर्वे में ये देखेंगे अफसर,शहरवासी बोले कहीं अगला बहना तो नहीं
सडक़ों के सर्वेक्षण में बीईओ, जेडओ, मानचित्रकार व सिटी प्लानर सहित अन्य अधिकारी यह देखेंगे कि जिस सडक़ का सर्वे कर रहे हैं उस सडक़ की वर्तमान चौड़ाई, अतिक्रमण और निर्माण कार्य तो नहीं है,सडक़ ट्रैफिक में बाधा बन रही है तो कितनी और उस सडक़ को कितना भविष्य चौड़ा किया जा सकता है, जो सडक़ है वह किस विभाग की है। लेकिन शहरवासी का सिर्फ एक ही सवाल है कि अतिक्रमण हटाने की हिम्मत कब दिखेगी या फिर सर्वे भी बन जाएगा अगला बहाना?
कौन सी सडक़ कहां पर कितने मीटर में होना है चौड़ी
ये है 10 से 12 मीटर चौड़ी
दौलतगंज से खुर्जे वाला मोहल्ला, निंबालकर की गोठ, टापू मोहल्ला मार्ग,लक्ष्मीगंज ढोलीबुआ, खासगी बाजार,चावड़ी बाजार,राममंदिर, नई सडक़,जयेंद्रगंज, माधवगंज, मोची ओली रोड, हुजरात मंडी, मैथली शरण चौराहा से लोहिया बाजार, तारागंज मार्ग, मामा का बाजार रोड, जयेंद्रगंज से जिंसीनाला रोड, लोहामंडी से खेड़ापति मार्ग, लोहामंडी से तानसेन नगर शामिल हैं।
ये है 15 से 18 मीटर चौड़ी
महाराज बाड़ा से जनकगंज, छत्री बाजार, आर्दश मिल रोड, सैनिक पेट्रोल पंप,मोर बाजार मार्ग, फालका बाजार मार्ग, लोहिया बाजार मार्ग, डीडवाना ओली मार्ग, माधवगंज तारागंज-स्काउट चौराहा-खासगी बाजार, हुजरात मार्ग, कंपू बाड़ा मार्ग, दौलतगंज मार्ग,हजीरा चौराहा से किलागेट, एबी रोड से लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम मार्ग,सनातन रोड शामिल है।
ये है 30 से 80 मीटर चौड़ी
उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर बायपास,ग्वालियर-इटावा रोड,गोल पहाडिय़ा-बहोड़ापुर, झांसी रोड, गांधी रोड से डोंगरपुर,तिघरा मार्ग,बेहट मार्ग,गांधी रोड,रेसकोर्स मार्ग,एमएलबी मार्र्ग,सुसेरा मार्ग,मोतीझील से तिघरा रोड,चेतकपुरी चौराहा से एजी ऑफिस, माधव राव सिंधिया मार्ग, फूलबाग से किला गेट, हजीरा से पड़ाव व न्यू हाईकोर्ट मार्ग शामिल हैं।
मास्टर प्लान में हमने 2378 हेक्टेयर क्षेत्र की 115 सडक़ों को चौड़ा करने के लिए था। इसमें 99 सडक़े चौड़ी और 16 सडक़े नई बनना प्रस्तावित है। निगम ने अपनी 57 सडक़ों को जोडकऱ 172 सडक़ों का सर्वे करा रहा है। सडक़ चौड़ीकरण का प्रस्ताव शासन स्तर पर है, इस मामले में निगम अफसर ही और विस्तार से बता सकते हैं।
केके कुशवाह, संयुक्त संचालक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ग्वालियर चंबल संभाग
Published on:
13 Dec 2025 11:37 pm
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