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सूबे में 50 हजार से अधिक ज्वेलर्स, हॉलमार्क लाइसेंस सिर्फ 4,382 के पास

मध्यप्रदेश में करीब 50 हजार से अधिक सराफा कारोबारी हैं, लेकिन हॉलमार्क का लाइसेंस केवल 4,382 ज्वेलर्स के पास ही है। दो साल बाद भी सूबे में अब तक मात्र 10 फीसदी...

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सूबे में 50 हजार से अधिक ज्वेलर्स, हॉलमार्क लाइसेंस सिर्फ 4,382 के पास

ग्वालियर. मध्यप्रदेश में करीब 50 हजार से अधिक सराफा कारोबारी हैं, लेकिन हॉलमार्क का लाइसेंस केवल 4,382 ज्वेलर्स के पास ही है। दो साल बाद भी सूबे में अब तक मात्र 10 फीसदी ज्वेलर्स ने ही हॉलमार्क का लाइसेंस लिया है। ऐसे में करीब 90 फीसदी ज्वेलर्स बिना हॉलमार्क लाइसेंस के ही आभूषणों की बिक्री कर रहे हैं। अब तक प्रदेश के 9 जिलों में हॉलमार्क लाइसेंस अनिवार्य किया जा चुका है।


जून 2021 से किया था अनिवार्य
वर्ष 2000 तक हॉलमार्क लाइसेंस स्वैच्छिक था, लेकिन केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 जून से हॉलमार्क लाइसेंस को अनिवार्य कर दिया था। इसका मकसद लोगों को शुद्ध गहने मिलना था, लेकिन भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) सूबे में ऐसे में सराफा कारोबारियों की जांच-पड़ताल भी नहीं कर रहा है जिन्होंने अब तक हॉलमार्क लाइसेंस नहीं लिए हैं।

एक गहने पर 53 रुपए का खर्च
एक गहने पर हॉलमार्क लगवाने पर ज्वेलर्स को जीएसटी सहित 53 रुपए का खर्च आता है। आभूषण एक ग्राम का हो या एक किलो का हॉलमार्क शुल्क इतना ही लगता है।


हॉलमार्क पर जागरूकता कार्यक्रम आज
मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंंडस्ट्री की ओर से सराफा कारोबारियों के लिए हॉलमार्क पर जागरूकता कार्यक्रम 11 जुलाई मंगलवार को दोपहर 3 बजे से रखा गया है। इसमें भारतीय मानक ब्यूरो नोएडा से ज्वॉइंट डायरेक्टर रितुराज, तरुण दीक्षित, एचएमए और मोहित कुमार एसएसए मौजूद रहेंगे।


फैक्ट फाइल
- मध्यप्रदेश के भोपाल में 512, इंदौर में 676, जबलपुर में 307 और ग्वालियर 282 सराफा कारोबारियों ने हॉलमार्क लाइसेंस लिए हैं।
- पूरे मध्यप्रदेश में 4,382 ने हॉलमार्क लाइसेंस लिए है।
- प्रदेश के ग्वालियर, इंदौर, भोपाल, उज्जैन, रतलाम, जबलपुर, मुरैना, बालाघाट, देवास और छिंदवाड़ा जिलों में हॉलमार्क लागू किया जा चुका है।
- प्रदेश में कारोबारियों की संख्या करीब 55 हजार है वहीं अभी तक सिर्फ 5 हजार के पास ही हॉलमार्क लाइसेंस है।
- मध्यक्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले मध्यप्रदेश में हॉलमार्क सेंटर 18 काम कर रहे हैं।

सराफा कारोबारियों को लाइसेंस लेना चाहिए
हॉलमार्क लाइसेंस अब तक मध्यप्रदेश के नौ जिलों में अनिवार्य किया जा चुका है। सराफा कारोबारियों को हॉलमार्क लाइसेंस लेना चाहिए। इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम भी किए जा रहे हैं।
अभिषेक गोयल, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर मप्र, इंडियन बुलियन ज्वेलर्स ऐसो. (इब्जा)