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कांग्रेस की नई सूची में दतिया-पिछोर में बदलाव, मुरैना सुमावली विधायकों के टिकट काटे

आखिरकार कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची गुरुवार देर रात को जारी की। इसमें दतिया-पिछोर के उम्मीदवार बदले हैं, वहीं मुरैना और सुमावली के विधायकों के टिकट काट दिए हैं। ग्वालियर जिले की एकमात्र शेष ग्वालियर शहर विधानसभा से उम्मीदवार का नाम को फाइनल कर दिया। उपचुनाव में कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए प्रद्युम्न सिंह तोमर के खिलाफ किस्मत आजमा चुके सुनील शर्मा को फिर चुनाव मैदान में उतारा है।

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कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची गुरुवार देर रात को जारी की

ग्वालियर. आखिरकार कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची गुरुवार देर रात को जारी की। इसमें दतिया-पिछोर के उम्मीदवार बदले हैं, वहीं मुरैना और सुमावली के विधायकों के टिकट काट दिए हैं। ग्वालियर जिले की एकमात्र शेष ग्वालियर शहर विधानसभा से उम्मीदवार का नाम को फाइनल कर दिया। उपचुनाव में कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए प्रद्युम्न सिंह तोमर के खिलाफ किस्मत आजमा चुके सुनील शर्मा को फिर चुनाव मैदान में उतारा है।

इधर, उम्मीदवारों की पहली सूची के बाद उपजे विरोध के चलते दतिया और पिछोर में चेहरे बदले गए हैं। दतिया में अवधेश नायक की जगह एक बार फिर कांग्रेस के राजेंद्र भारती को टिकट दिया गया है। पिछोर विधानसभा से शैलेंद्र सिंह की जगह अरविंद सिंह लोधी को उम्मीदवार बनाया गया है।

मुरैना : दो विधायकों के टिकटकटे, नाथ की पसंद पर मुहर
मुरैना से राकेश मावई की जगह दिनेश गुर्जर को उतारा है। इसी तरह सुमावली से अजब सिंह कुशवाह की जगह कुलदीप सिकरवार को अपना चेहरा बनाया है। दिनेश 2013 का चुनाव बुरी तरह से हार चुके हैं, लेकिन इन दोनों सीट पर उतारे गए उम्मीदवारों को कमलनाथ की पसंद माना जा रहा है।

दिमनी से केंद्रीय मंत्री के मुकाबले रविंद्र सिंह तोमर
भाजपा ने दिमनी विधानसभा से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को उतारा है। कांग्रेस ने यहां से रविंद्र सिंह तोमर को टिकट दे दिया है। जातिगत समीकरणों के आधार पर अब दिमनी में तोमर वर्सेस तोमर मुकाबला होगा। वहीं बसपा के बलवीर सिंह दंडौतिया मैदान में हैं। ऐसे में यहां त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई है।

ग्वालियर में सुनील के संघर्ष और समर्पण को माना आधार
सुनील और प्रद्युम्न कभी एक कश्ती पर सवार रहे थे। सिंधिया खेमे के इन दोनों नेताओं में से प्रद्युम्न सिंह को 2018 में कांग्रेस ने टिकट दिया था, लेकिन 2019 में वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में चले गए। लेकिन सुनील ने कांग्रेस का हाथ नहीं छोड़ा। कांग्रेस के साथ विपक्ष में रहते हुए आंदोलन करते रहे। माना जा रहा है उनके इसी संघर्ष और समर्पण की वजह से उपचुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस ने एक बार फिर मौका दिया है।

ग्वालियर शहर- सुनील शर्माभिंड - चौधरी राकेश चतुर्वेदी
गोहद - केशव देसाई सुमावली - कुलदीप सिकरवार
मुरैना - दिनेश गुर्जरदिमनी - रविंद्र सिंह तोमर
अंबाह - देवेंद्र रामनारायण सकवारपिछोर - अरविंद सिंह लोधी
दतिया - राजेंद्र भारती (बदला)

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