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MP भाजपा में यहां फंस गया पेंच!

विधायक का इशारा- यह उनकी सीट है, इस पर कोई और नाम कैसे?कांग्रेस की समस्या भी इस क्षेत्र में कम नहीं

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चुनाव से छह महीने पहले ग्वालियर शहर साउथ सीट पर भाजपा में ऐसा पेंच फंसा है। जिसे सुलझाने में पार्टी की स्ट्रेटजिक टोम अभी से पसीना पसीना हो रही है। अनूप मिश्रा ने जब हर कीमत पर इस सीट चुनाव लड़ने का ऐलान किया और दीपक जोशी प्रसंग के बाद वीडी शर्मा से मुलाकात में उन्हें कोई ठेस आश्वासन मिलने की खबर गर्म हुई तो इस सीट से तीन बार विधायक और तीनों बार मंत्री रहे नारायण सिंह ने भोपाल में ही डेरा डाल दिया और नेतृत्व को साफ बता दिया कि यह उनकी सीट है, इस पर कोई और नाम कैसे ? उधर महापौर रह चुकीं समीक्षा गुप्ता भी इसी सीट से तैयारी कर रहीं हैं। वहीं सांसद शेजवलकर भी इस सीट से अपने बेटे प्रांशु के लिए जोर लगा रहे हैं। बेटे के कैरियर के लिए वे खुद वीआरएस लेने को तैयार हैं।

इधर, ग्वालियर की जिम्मेदारी लेकिन भांडेर पर दावा नहीं छोड़ा-
ग्वालियर देहात कांग्रेस के नए बने सदर पड़ोसी जिले के भांडेर का मोह नहीं छोड़ पा रहे। उनका एक पैर ग्वालियर, तो दूसरा पैर भांडेर में रहता है। भांडेर सीट पर उनका दस बरस पुराना दावा है लेकिन पार्टी कभी अन्नु भारती और रक्षा सिरोनियां तो कभी फुलसिंह बरैया को आजमातों रहीं। बहरहाल, भांडेर से टिकट हासिल करने इस बार ग्वालियर देहात के सदर प्रभूदयाल जौहरे ने पूरी ताकत लगा दी है। जौहरे को ग्वालियर कांग्रेस की कमान मिलते ही भांडेर से टिकट की दौड़ में शामिल दूसरे नेताओं ने अपनी राह आसान मान ली थी लेकिन जौहरे ने भांडेर में अपने बैनर, कटआउट लगवाकर साफ जतला दिया है कि वे अभी भी चुनावी रणभूृमि में हैं।

जौरा को टारगेट पर रखा नाथ ने-
जौरा सीट पर 18 के चुनाव में कांग्रेस ने जीत का परचम फहराया था, लेकिन इसके बाद हुए उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस के हाथ से फिसलकर भाजपा के खाते में चली गई थी। कमलनाथ ने इस सीट को टारगेट पर रखा है क्योंकि यहां कांग्रेस को भाजपा और बसपा से समान मुकाबला करना पड़ता है। 18 में तो यहां बसपा दूसरे नम्बर पर रही थी। इस सीट को भाजपा के कब्जे से निकालकर वापस कांग्रेस के पास लाने और बसपा से मुकाबले के लिए यहां के नेताओं में जोश भरने कमलनाथ की आमसभा तो है ही, मंडलम, सेेक्टर व प्रकोष्ठों की बैठक भी रखी गई है, जिसमें नाथ जीत का मंत्र देंगे। फिलहाल चंबल के कांग्रेसजनों का जोर जौरा में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने पर है।