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ग्वालियर-चंबल-बुंदेलखंड….कांग्रेस इस बार पुराने चेहरों और परिवारों के सहारे भाजपा को देगी चुनौती

MP Vidhan Sabha Election 2023 : कांग्रेस ने पहली बार में ही ग्वालियर-चंबल की 29 में से 20 सीटों और बुंदेलखंड की 27 में से 19 सीटों पर उम्मीदवार तय कर दिए हैैं। लेकिन कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची में चौंकाने वाली नहीं है।

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MP Vidhan Sabha Election 2023 : कांग्रेस ने पहली बार में ही ग्वालियर-चंबल की 29 में से 20 सीटों और बुंदेलखंड की 27 में से 19 सीटों पर उम्मीदवार तय कर दिए हैैं। लेकिन कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची में चौंकाने वाली नहीं है। आखिर में कांग्रेस अपने पुराने चेहरों और परिवारों के भरोसे ही भाजपा को चुनौती देने मैदान में उतर रही है। कांग्रेस ने ग्वालियर-चंबल से लेकर बुंदेलखंड तक अपने विधायकों पर ही एक बार फिर जीत का भरोसा जताया है। हालात कुछ ऐसे है कि पिछले एक-दो नहीं बल्कि तीन चुनाव हारने वाले नेताओं को टिकट दिया है। इससे इतना तो साफ है कि प्रदेश के इन प्रमुख अंचलों में कांग्रेस नए नेताओं को नहीं तराश पाई या फिर स्थानीय स्तर पर उनको तलाश नहीं पाई है।

यशोधरा ने मैदान छोड़ा, कांग्रेस ने केपी को उतारा
कांग्रेस ने एकमात्र बड़ा बदलाव पिछोर सीट पर केपी सिंह को शिवपुरी भेजकर किया है। पिछोर से छह बार के विधायक केपी सिंह के खिलाफ भाजपा ने प्रीतम लोधी को टिकट दिया था। काांग्रेस ने परंपरागत सीट पिछोर से जीत का दारोमदार शैलेंद्र सिंह को देकर दिग्गज नेता केपी सिंह को शिवपुरी से चुनाव मैदान में उतार दिया है। शिवपुरी से भाजपा की यशोधरा राजे सिंधिया ने चुनाव नहीं लडऩे का ऐलान कर चुकी हैं। चंबल में दिग्गजों भिण्ड के लहार में डॉ. गोविंद सिंह और अटेर से हेमंत कटारे पहले से तय नाम हैं। मुरैना की दिमनी सीट पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुकाबले का चेहरा कांग्रेस तय नहीं कर पाई है। यहां सबलगढ़ और जौरा सीट पर ही उम्मीदवार तय हो सके हैं।

दलबदल करने वाले चुनाव में आमने-सामने
सागर में कांग्रेस जिताऊ चेहरे को अब तक नहीं ढूंढ पाई है। यहां से चार टिकट तय हुए हैं। इनमें सुरखी विधानसभा में दलबदल करने वाले उम्मीदवार आमने-सामने होंगे। यहां कांग्रेस से भाजपा में आए मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ हाल ही कांग्रेस में आए नीरज शर्मा को टिकट दिया है। यहां लगातार हारने वाले सुरेंद्र चौधरी एक बार फिर नरयावली से टिकट पाने में कामयाब रहे हैं। देवरी में कांग्रेस में रहते एक-दूसरे के धुर विरोधी अब आमने-सामने हैं। कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व विधायक बृजबिहारी पटैरिया के सामने निवृत्तमान विधायक हर्ष यादव चुनाव लड़ेंगे।

छतरपुर में यूपी के चरण और साध्वी फिर मैदान में
जिन अन्य सीटों पर कुछ बदलाव नजर आ रहा है उनमें छतरपुर की बिजावर विधानसभा सीट भी है। यहां भाजपा में आए सपा विधायक बबलू शुक्ला के नाम पर फैसला नहीं कर पाई है तो वहीं कांग्रेस ने उत्तरप्रदेश के सपा नेता दीपनारायण यादव के रिश्तेदार चरण सिंह यादव को टिकट दिया है। साध्वी उमाभारती की प्रभाव वाली बड़ा मलहरा सीट से साध्वी रामसिया भारती कांग्रेस की उम्मीदवार बनाई गई हैं। पन्ना के पवई में पुराने नेता मुकेश नायक उम्मीदवार हैं।

टीकमगढ़ में कांग्रेस 3 सीटों पर तीन परिवारों के भरोसे
टीकमगढ़ जिले में कांग्रेस तीन परिवारों तक ही सिमटी नजर आ रही है। यहां सात बार चुनाव लडऩे वाले यादवेंद्र सिंह बुंदेला आठवीं बार मैदान में उतारे गए हैं। यह पांच बार चुनाव हारे हैं, लेकिन जनशक्ति पार्र्टी बनाकर चुनाव लडऩे वाली उमाभारती को हराने का रेकॉर्ड इन्हीं के नाम है। खरगापुर में गौर परिवार से पूर्व विधायक चंदारानी को पिछला चुनाव हारने के बाद फिर टिकट मिला है। वे उमाभारती के भतीजे आखिरी समय में राज्यमंत्री बने राहुल सिंह लोधी को चुनौती देंगी। पृथ्वीपुर में कांग्रेस ने दिवंगत नेता ब्रजेंद्र सिंह राठौर के बेटे नितेंद्र को उपचुनाव हारने के बाद फिर उम्मीदवार बनाया है।

ग्वालियर में चारों विधायकों को टिकट, ग्रामीण में फिर गुर्जर को
ग्वालियर में कांग्रेस ने जिले की छह में से पांच विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार तय कर दिए हैं। ग्वालियर शहर सीट को छोडक़र शेष सभी सीटों पर एक बार फिर पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया है। पूर्व विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा का गढ़ ढहाने वाले विधायक सतीश सिकरवार को उतारा है। कमलनाथ की पसंद विधायक प्रवीण पाठक दक्षिण विधानसभा से फिर मैदान में होंगे। पिछला चुनाव कम अंतर से हारने वाले साहब सिंह गुर्जर एक बार फिर ग्रामीण सीट पर कांग्रेस की उम्मीद हैं। तीन बार के विधायक लाखन सिंह यादव भिरतवार से चौथी बार किस्मत आजमाएंगे। इमरती देवी के भाजपा में जाने के बाद उपचुनाव में कांग्रेस को उसकी परंपरागत सीट जिताने वाले विधायक सुरेश राजे ही डबरा से चुनाव लड़ेंगे।

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