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3300 वर्ग किलोमीटर के जंगल में 123 प्रकार के पेड़, हर वर्ष घट रहा हरियाली का घनत्व

-वर्ष 2021 में आई रिपोर्ट में दी थी वन संरक्षित करने की सलाह-कटाई छंटाई पर प्रतिबंध के बाद से गिनती में भी हो रही लापरवाही

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3300 वर्ग किलोमीटर के जंगल में 123 प्रकार के पेड़, हर वर्ष घट रहा हरियाली का घनत्व

3300 वर्ग किलोमीटर के जंगल में 123 प्रकार के पेड़, हर वर्ष घट रहा हरियाली का घनत्व


श्योपुर। 6603 वर्ग किलोमीटर के जिले में 3300 वर्ग किलोमीटर से अधिक जंगल है। इसमें से 748 वर्ग किलोमीटर कूनो नेशनल पार्क के लिए रिजर्व है। दो भागों में बटे इस जंगल में 123 प्रकार के पेड़ और 71 प्रकार की झाडिय़ां पंजीकृत की गई थीं। अब इस जंगल में 16.9 की कमी आ गई है। कम हो रहे इस जंगल को बचाने के लिए इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट की रिपोर्ट में सलाह भी दी थी और वनों के घनत्व के कम होने की वजह से पर्यावरण पर होने वाले असर को लेकर चिंता भी जताई थी। इसके बाद भी वनों को बचाने के लिए पुख्ता उपाय नहीं किए गए हैं। वनों के कम होने का असर तापमान पर भी पड़ रहा है।


उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के 52 जिलों में बालाघाट और श्योपुर ही ऐसे जिले हैं, जहां 54 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र वनाच्छादित है। इन जिलों की वन भूमि को संरक्षित रखने के लिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पेशल प्लानिंग बनाकर काम करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी वनाच्छादित भूमि बढऩे की बजाय कम होती जा रही है। वर्ष 2021 में जारी हुई फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में भी श्योपुर के जंगल से पेड़ों के कम होने की पुष्टि हुई है। इसका असर यह है कि जिले के सामान्य तापमान में भी 2 से 3 डिग्री तक की बढ़ोतरी हुई है। 100 प्रतिशत वन भूमि मेें से अब 84 प्रतिशत में ही पेड़ बचे हैं, ये भी धीरे-धीरे कम हो रहे हैं।


एक नजर में वनक्षेत्र
-मिश्रित वनों के बीच सलाई,करधई, खैर, तेंदू, पलाश सहित पीपल,बरगद, नीम जैसे आम वृक्षों सहित पेड़ों की 123 प्रजातियां हैं।
-71 प्रकार की प्रजातियोंं में करील, टैंटी, झरबेरी सहित अन्य शामिल हैं।
-34 प्रजातियां बांस और गंठीली घास की 34 प्रजातियां हैं।


इतने जीव जंगल के भरोसे
-वन क्षेत्र में स्तनधारियों की 33 प्रजातियां हैं।
-पक्षियों की 206 प्रजातियां हैं।
-मछलियों की 14 प्रजातियां हैं।
-सरीसृप की 33 प्रजातियां हैं।
-उभयचर प्राणियों की 10 प्रजातियां हैं।
-जंगली फूलों की भी तमाम प्रजातियां हैं।


हर वर्ष बढ़ रहा तापमान
घटते वनक्षेत्र का असर जिले के पर्यावरण पर भी दिखने लगा है। हरियाली घटने के कारण गर्मी बढ़ी है। जो औसत तापमान 43 से 45 डिग्री तक रहता था, वह अब 45 से 48 डिग्री तक जा पहुंचा है। वर्तमान सीजन में भी पारा 45 डिग्री को छू गया है। मौसम वैज्ञानिक जून में गर्मी और बढऩे का अनुमान लगा रहे हैं।


इसलिए कम हो रहा वन
सामान्य वनक्षेत्र में पेड़ों की कटाई अंधाधुंध तरीके से हुई है। कराहल की सिरोनी रैंज और गोरस से बारां जाने वाले रूट के आसपास के जंगलों में कटाई लगातार जारी है। जमीन के लालच में भू माफिया आदिवासियों को हथियार बनाकर झाडिय़ां और पेड़ कटवा रहा है।


वर्सन
-सघन वन क्षेत्र में कुछ कमी आई है। इसको संरक्षित करने के लिए मैदानी अमले को विशेष निर्देश दिए गए थे। बीते तीन वर्ष में बीज छिड़काव और पौधारोपण किया गया है। इस वर्ष भी बारिश के दौरान पौधे लगाए जाएंगे।
सीएस चौहान,डीएफओ-सामान्य वनमंडल, श्योपुर