ग्वालियर

ओमीक्रोन का सब वेरिएंट बी 2 बन रहा खतरा

जीनोम स्वीकेंसिंग नहीं शहर में वेरिएंट की स्थिति का पता नहींआरटीपीसीआर को भी दे रहा मात

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ओमीक्रोन का सब वेरिएंट बी 2 बन रहा खतरा

ग्वालियर। कोरोना की तीसरी लहर सात दिन से ढ़लान पर है, लेकिन संक्रमण का खतरा पूरी तरह नहीं टला है। अब ओमीक्रोन का नया सब वैरिएंट बीए 2 चिंता की वजह साबित हो रहा है। क्योंकि संक्रमण का यह नया वैरिएंट भी तेजी से फैलता है और फेफडों को भी संक्रमित करता है।

हालांकि इसमें भी मृत्युदर कम है। जिले में कोरोना संक्रमितों की जीनोम स्वीकेसिंग नहीं हुई है। इसलिए नहीं कहा जा सकता इनमें सब वैरिएंट संक्रमित शामिल है या नहीं। चिकित्सक कहते हैं फिलहाल ओमीक्रोन के साथ डेल्टा वैरिएंट भी संक्रमित कर रहा है। जिन मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी है उनमें डेल्टा संक्रमण की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

शुक्रवार को कोरोना संक्रमितों की गिनती में फिर इजाफा हुआ है। गुरूवार की तुलना में 26 संक्रमित ज्यादा निकले हैं। संक्रमण पूरी तरह खत्म होने में वक्त लेगा। क्योंकि कोरोना के नए सब वैरिएंट बीए २ का खतरा पनप रहा है।

फिलहाल इससे संक्रमित इंदौर और भोपाल में सामने आए हैं। चिकित्सकों के मुताबिक संक्रमण का नया वैरिएंट ज्यादे फासले पर नहीं है। कोरोना की पिछली दोनों लहरों में जिले में वही पैटर्न सामने आया था जो भोपाल और इंदौर में संक्रमितों में था।

इससे इंकार नहीं कर सकते कोरोना का नया सब वैरिएंट शहर में भी आ चुका है। लेकिन उसकी पहचान नहीं है। क्योंकि तीसरी लहर में संक्रमितों की गिनती ११ हजार को छू रही है। लेकिन अभी तक किसी संक्रमित की जीनोम स्वीकेंसिंग नहीं हुई है। इसलिए तय नहीं है संक्रमण का कौन सा वैरिएंट फैला है।

तेजी से फैलता, फेफडों पर असर
चिकित्सकों के मुताबिक बीए २ वैरिएंट भी तेजी से फैलता है। इसके अलावा फेफडों पर भी 35 से 40 प्रतिशत तक असर करता है। इसलिए इसे घातक भी माना जा रहा है। हालांकि संक्रमण सेे मौत का खतरा कम है। इससे बचाव के लिए कोविड गाइड लाइन का पालन करना जरूरी है। उसमें लापरवाही घातक हो सकती है।

आरटीपीसीआर को चकमा
सब वैरिएंट आरटीपीसीआर को भी चकमा दे रहा है। कई बार इस जांच में भी संक्रमित की पहचान नहीं होती है। लक्ष्णों के आधार पर पता चलता है कि संक्रमण है।

यहां उलझे चिकित्सक
-जीनोम स्वीकेंसिंग नहीं होने से संक्रमण की पहचान नहीं
- ओमीकोन के साथ डेल्टा संक्रमण की जारी
इनका कहना है
ओमीक्रोन का सब वैरिएंट बीए 2 ज्यादा संक्रामक है। यह संक्रमण फेफडों पर भी असर करता है। हालांकि इसमें मृत्युदर अभी तेज नहीं दिखी है। कई बार आरटीपीआर टेस्ट में भी पकड़ नहीं आता है। इससे बचाव के लिए वैक्सीनेशन और कोविड गाइडलाइन का पालन जरूरी है।
डा. अजय पाल प्रोफेसर जीआरएमसी

Published on:
29 Jan 2022 03:00 am
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