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शादी का झांसा देकर ठगी करने वाले दो फर्जी मैट्रिमोनियल कॉल सेंटर का भडाफोड़, 20 युवतियां गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच ने शादी के नाम पर कुंवारे युवकों से ठगी करने वाले दो फर्जी मैट्रिमोनियल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है।

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ग्वालियर. क्राइम ब्रांच ने शादी के नाम पर कुंवारे युवकों से ठगी करने वाले दो फर्जी मैट्रिमोनियल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। ये कॉल सेंटर थाटीपुर थाना क्षेत्र के मयूर नगर और ज्योतिनगर स्थित द्वारिकाधीश मंदिर के सामने संचालित किए जा रहे थे। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 20 युवतियों को हिरासत में लिया है, जबकि पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड तिलेश्वर पटेल फरार हो गया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि इन कॉल सेंटरों के जरिए अब तक करीब 1500 लोगों से लाखों रुपए की ठगी की जा चुकी है। एक कॉल सेंटर से प्रतिमाह ढाई से तीन लाख रुपए की कमाई का अनुमान है।

मयूर नगर से पहला कॉल सेंटर पकड़ा गया, 13 युवतियां गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि मयूर नगर स्थित एक मकान की पहली मंजिल पर फर्जी मैट्रिमोनियल वेबसाइट के नाम पर कॉल सेंटर चलाया जा रहा है। दबिश के दौरान वहां से लैपटॉप, कंप्यूटर, रजिस्टर और मोबाइल फोन बरामद किए गए। यहां 20 से 25 वर्ष आयु की 13 युवतियां युवकों को फोन कर ठगी कर रही थीं। पूछताछ में सामने आया कि इस कॉल सेंटर का संचालन राखी गौड़ कर रही थी, जबकि असली मास्टरमाइंड तिलेश्वर उर्फ दिनेश पटेल है।

ज्योतिनगर में दूसरा अड्डा, 7 युवतियां हिरासत में

पहले खुलासे के बाद पुलिस ने ज्योतिनगर स्थित द्वारिकाधीश मंदिर के सामने एक फ्लैट पर दबिश दी। दूसरी मंजिल के एक कमरे में 7 युवतियां शादी के नाम पर ठगी करती हुई पकड़ी गईं। इस कॉल सेंटर का संचालन सीता उर्फ शीतल चौहान कर रही थी। यहां भी मास्टरमाइंड तिलेश्वर पटेल फरार पाया गया।

ऐसे फंसाते थे कुंवारे युवकों को

जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी mypartnerindia.com व uniquerishtey.com नाम की फर्जी मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर युवकों का रजिस्ट्रेशन कराते थे। इसके बाद आकर्षक मॉडलिंग गल्र्स के फोटो भेजकर परफेक्ट मैच का झांसा दिया जाता था। फोन पर युवतियां खुद को वही लडक़ी बताकर बात करतीं और अलग-अलग बहानों से क्यूआर कोड भेजकर पैसे ट्रांसफर करवा लेती थीं। रकम मिलते ही संपर्क पूरी तरह तोड़ दिया जाता था।

ठगी के बाद नंबर बंद, सैकड़ों लोग बने शिकार

गिरोह की रणनीति के तहत युवतियों को केवल साधारण की-पैड मोबाइल दिए जाते थे, जिनमें सोशल मीडिया ऐप्स नहीं होते थे। सिम कार्ड और मोबाइल मास्टरमाइंड के नाम पर रहते थे और ठगी के बाद नंबर बंद कर दिए जाते थे। पुलिस के मुताबिक अब तक 1500 से अधिक लोग इस गिरोह का शिकार बन चुके हैं।

पुलिस ये सामान बरामद किए

45 मोबाइल फोन, 12 एटीएम कार्ड, 2 कंप्यूटर, सिम कार्ड, बैंक पासबुक सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए हैं। डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर ठगी की कुल राशि और पीडि़तों की संख्या का आकलन किया जा रहा है। वहीं फरार मास्टरमाइंड तिलेश्वर पटेल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।