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सलमान मेरे सामने बच्चा था, तो पिता ही बनूंगा: राजीव वर्मा 

राजीव हम दिल दे चुके सनम, ये रास्ते हैं प्यार के, जीत, हिम्मतवाला, कच्चे धागे आदि फिल्मों में श्रेष्ठ अभिनय के साथ कई सीरियल भी कर चुके हैं।

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Gaurav Sen

Jul 25, 2016

rajeev verma

rajeev verma


ग्वालियर। आज सलमान खान भले ही सिने वल्र्ड के स्टॉर बन गया हो, लेकिन उन दिनों तो वह मेरे सामने बच्चा ही था। मैंने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा, तो मेरी उम्र 38 वर्ष थी। मैंने पहली फिल्म 'मैंने प्यार कियाÓ से एंट्री ली। एेसे में कोई डायरेक्टर मुझे हीरो तो बनाएगा नहीं। बनूंगा तो पिता ही न...। यह बात अभिनेता राजीव वर्मा ने पत्रिका प्लस से खास बातचीत में कही। राजीव हम दिल दे चुके सनम, ये रास्ते हैं प्यार के, जीत, हिम्मतवाला, कच्चे धागे आदि फिल्मों में श्रेष्ठ अभिनय के साथ कई सीरियल भी कर चुके हैं। वह संस्कार भारती के प्रोग्राम में शामिल होने ग्वालियर आए थे।

Q- आप आर्किटेक्ट से अभिनेता कैसे बनें?मैं बॉलीवुड इंडस्ट्री में जुडऩे से
A- पहले आर्किटेक्ट था। मेरे लिए उसमें भी बेहतरीन कॅरियर था, लेकिन मैं ग्लैमर की दुनिया में आना चाहता था। फिर भी मैंने एक साथ दो नाव पर कभी पैर नहीं रखा।

Q- सीरियल व फिल्मों में पिता का रोल ही क्यों?
A- यही रोल दिया गया।
Q- इंडस्ट्री में आप क्या चेंज देख रहे हैं?
A- आज की डिमांड के हिसाब से फिल्में बन रही हैं। इन फिल्मों में कॉमेडी का तड़का है, तो सस्पेंस भी है। फाइटिंग है, तो रोमांस भी है। आज की फिल्में स्टोरी बेस्ड हैं, जो लोगों को तीन घंटे तक बांधकर रखती हैं।

Q- लाइफ का टर्निंग पॉइंट क्या रहा?
A- मेरी लाइफ में कोई टर्निंग पॉइंट नहीं आया। मैं जिंदगी के मजे ले रहा हूं। इंतजार है टर्निंग पॉइंट का। संस्कार भारती से जुड़ चुका हूं। शायद अब लाइफ कोई मोड़ ले।
Q- सीरियल और फिल्म में बेस्ट क्या है?
A- सीरियल लोग दंत मंजन की तरह यूज करते हैं। जबकि फिल्में रिपीट करके देखी जाती हैं। एक ही फिल्म कई लैंग्वेज में बनती है और बार-बार देखी जाती हैं।

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