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रेत बनी जानलेवा, फिर भी नहीं रुक रहा अवैध धंधा

रेत बनी जानलेवा, फिर भी नहीं रुक रहा अवैध धंधा

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रेत बनी जानलेवा, फिर भी नहीं रुक रहा अवैध धंधा

रेत बनी जानलेवा, फिर भी नहीं रुक रहा अवैध धंधा

ग्वालियर.जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर सिंध नदी क्षेत्र से लगातार रेत उत्खनन ने नदी के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। डबरा और भितरवार के इस क्षेत्र में माफिया ने रेत निकालने के लालच में नदी के बीच पनडुब्बी डालकर गहरे गड्ढे कर दिए हैं। 50 से 70 फुट तक गहरे गड्ढे से नदी के बहाव पर तो असर पड़ा ही है, दुर्घटना की संभावनाएं भी लगातार बढ़ी हैं। अभी भी अगर अधिकारियों ने सुध नहीं ली तो बारिश के सीजन में हर साल बच्चों के डूबने की खबर इस बार भी आ सकती है। स्थिति यह है कि हर दिन लगभग 200 ट्रॉली से अधिक रेत निकलकर शहर में आ रहा है। जबकि आधा दर्जन जगहों से डंपरों से रेत की ढुलाई की जा रही है। खास बात यह है कि खनिज अधिनियम में वैध खदानों के सीमांकन का प्रावधान है, लेकिन विभाग द्वारा नदी किनारे चिन्हित खदानों का अभी तक सही तरीके से सीमांकन करके उत्खनन की सीमा तय नहीं की है।


रेत पर लगाम लगाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी हर दूसरे तीसरे दिन कार्रवाई कर रहे हैं। इस कार्रवाई में ज्यादातर सडक़ पर दौड़ रहे वाहनों को निशाना बनाया जाता है। जबकि जिन खदानों से अवैध रेत निकलकर आ रहा है, उन पर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस अनदेखी से न तो परिवहन रुक रहा है और न ही अवैध उत्खनन पर लगाम लगी है।


बांध भी हो रहा खत्म : सिंध नदी के बहाव क्षेत्र को रोककर डबरा को पानी पिलाने के लिए इनटेक वेल के पास बांध बनाया गया था। इस बांध का भराव क्षेत्र लगभग डेढ़ किलोमीटर रेडियस में है। वर्तमान स्थिति यह है कि नदी के बहाव क्षेत्र में लगातार उत्खनन को बनाए रखने के लिए रेत माफिया ने स्टॉप डेम में सेंध लगाना शुरू कर दिया है। सिल्ट भर जाने के कारण अब यह बांध अपनी पूरी क्षमता से नहीं भर रहा है।


माफिया ने बढ़ा दिए गड्ढे :दतिया जिले के कोटरा और डबरा के लोहगढ़-मगरौरा मौजे में रेत माफिया ने रेत निकालकर गहरे गड्ढे कर दिए हैं। इसके अलावा भैंसनारी, बाबूपुर और भितरवार के लुहारी में पनडुब्बी से रेत निकाला जा रहा है। पनडुब्बी से रेत निकाले जाने के कारण नदी में रेतीला दलदल बन गया है। गहरे गड्ढों के रूप में बने इन दलदली गड्ढों में हर साल लगभग आधा दर्जन लोगों की जान जाती है। इसके बावजूद पनडुब्बी पर रोक नहीं लगी है।

डबरा के देवगढ़, हथनौरा, चांदपुर, रायपुर, बेलगढ़ा, बाबूपुर आदि जगहों से निर्बाध रेत निकाला जा रहा है। खदान से निकलकर यह रेत रात के समय शहर की सीमा में लाया जाता है। ६ थानों की सीमा से निकलने के बाद भी रेत के इन वाहनों पर पुलिस की नजर नहीं पड़ती।