लोकायुक्त पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा, पंजीयन विभाग को भेजी सर्वे नंबरों की सूची, सरकारी सर्वे नंबर को बेच न दे, उसके लिए भी दी सूचना, 95 बीघा का किया था करार
Saurabh Sharma Case: परिवहन विभाग की काली कमाई से धन कुबेर बना सौरभ शर्मा का नेटवर्क दूसरे विभागों में भी काम करता था। पुलिस सुरक्षा में हुई पूछताछ के दौरान उससे कई बड़े काले कारनामों का भी खुलासा हुआ है। वह सरकारी जमीनों में हेराफेरी का भी काम करता था। इसके बदले वह मोटी रकम भी लेता था। सौरभ शर्मा ने ग्वालियर में 95 बीघा शासकीय जमीन को निजी करने का ठेका भी लिया। इसका करार भी किया।
सौरभ शर्मा के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद विशेष स्थापना पुलिस (लोकायुक्त पुलिस) ने जमीनों के सर्वे नंबर की सूची पंजीयन विभाग को भेजी है। ताकि वह जमीन को बेच न दे। यह सर्वे नंबर वर्तमान में सरकारी दर्ज हैं। यह सरकारी जमीन शहर की बेशकीमती जमीन है। जिसकी कीमत करोड़ों में है।
दरअसल 19 दिसंबर 2024 को सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित आवास पर लोकायुक्त पुलिस का छापा पड़ा था। छापे में करोड़ों रुपए की संपत्ति का खुलासा हुआ। इसके भोपाल के एंडोरी में स्थित विनय हासवानी के फार्म हाउस पर सोना व पैसों से भरी गाड़ी बरामद हुई। परिवहन विभाग से सौरभ शर्मा ने जो काली कमाई की, उसका खुलासा हुआ। लोकायुक्त पुलिस व ईडी ने केस दर्ज किया।
लोकायुक्त पुलिस सौरभ शर्मा को रिमांड में लेकर पूछताछ कर चुकी है। इस पूछताछ में उसने अपनी काली कमाई के कारनामों को खोला है। सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग के चेकपोस्ट से करोड़ों रुपए की काली कमाई की। इसके बाद वह जमीनों के धंधे में उतर गया। सरकारी जमीनों को निजी करने का भी काम उसने किया। करोड़ों रुपए लेकर जमीन को निजी करने का करार भी किया।
सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग से की काली कमाई को जमीन, फ्लैट व मकान खरीदने में लगाया है। शहर सहित जिले में जमीन खरीदने की संभावना है। इसके लिए लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा व उसके परिवार के लोगों की संपत्ति की जानकारी मांगी है। जिला पंजीयक ने इसकी सूचना उप पंजीयकों को भेज दी है। उप पंजीयक सौरभ शर्मा के नाम की रजिस्ट्री की तलाश कर रहे हैं।
-सौरभ शर्मा ने बेनामी संपत्तियां भी खरीदी हैं। क्योंकि उसके रिश्तेदार ग्वालियर में हैं।