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दो साल बाद भी तैयार नहीं हो पाई साइंस ब्लॉक की बिल्डिंग

हजीरा स्थित भगवत सहाय कॉलेज में साइंस के विद्यार्थियों के लिए अलग भवन बनकर तैयार होना था, लेकिन दो साल बीतने के बाद भी निर्माण कार्य अधूरा है. विज्ञान वर्ग के विद्यार्थियों की सुविधा...

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दो साल बाद भी तैयार नहीं हो पाई साइंस ब्लॉक की बिल्डिंग

ग्वालियर. हजीरा स्थित भगवत सहाय कॉलेज में साइंस के विद्यार्थियों के लिए अलग भवन बनकर तैयार होना था, लेकिन दो साल बीतने के बाद भी निर्माण कार्य अधूरा है. विज्ञान वर्ग के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए भवन का निर्माण कार्य अप्रेल 2021 में शुरू हुआ था. साढ़े 3 करोड़ की लागत से बन रहे बिल्डिंग का निर्माण कार्य हाउङ्क्षसग बोर्ड कर रही है। सर्वप्रथम जिस ठेकेदार ने काम शुरू किया था लेटलतीफी के कारण उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था. बाद में निर्माण की जिम्मेदारी दूसरे ठेकेदार को सौंपी गई थी, इसके बाद भी निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ सका। समय पर निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए कॉलेज प्रबंधन भी हाउङ्क्षसग बोर्ड के इंजीनियरों को पत्राचार कर चुका है। भवन तैयार न होने के कारण विद्याथियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं प्रोजेक्ट के लेट होने का कारण जानने के लिए हाउङ्क्षसग बोर्ड के सहायक यंत्री कौशलेंद्र चतुर्वेदी कई बार कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
गौरतलब हैं कि कॉलेज में विज्ञान वर्ग की कक्षाओं के लिए कमरों की कमी पड़ रही थी। अतिरिक्त कक्षाओं की जरूरत को महसूस करते हुए कॉलेज प्रबंधन ने परिसर में नए भवन के निर्माण की कवायद शुरू की। वर्ष 2019 में कॉलेज प्रबंधन ने उच्च शिक्षा विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजा। शिक्षा विभाग विभाग से बजट मिलने के बाद 2020 में कार्यदायी संस्था हाउङ्क्षसग बोर्ड ने निर्माण कार्य शुरू कराया। एक साल में भवन बनाकर कॉलेज को हैंडओवर करना था, लेकिन लेटलतीफी का आलम यह है कि अभी तक बिल्डिंग निर्माणाधीन है। बता दें कि कॉलेज में विभिन्न संकायों में 2200 विद्यार्थी अध्ययनरत है। निर्माणाधीन भवन में क्लास रूम्स, प्रयोगशालएं, लेक्चर रूम आदि की सुविधाएं मिलनी थी। अफसरों की लापरवाही के कारण प्रोजेक्ट का काम लेट होता चला गया।


इनका कहना है
साइंस स्टूडेंट््स के लिए क्लासेस की आवश्यकता पड़ रही थी, इसलिए प्रस्ताव बनाकर 2020 में भेजा गया था। निर्माण भी शुरू हुआ, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। तेजी से कार्य कराने के लिए कई बार संबंधितों को पत्र लिख चुके हैं. ताकि बिङ्क्षल्डग बनने के बाद वहां क्लासेस लगाई जा सके।
जेपी ङ्क्षसह, प्रभारी प्रचार्य, भगवत सहाय कॉलेज


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