
भोपाल. राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का दबदबा बीजेपी के केद्रीय नेत्रत्व के साथ ही मध्य प्रदेश में बढ़ता जा है। प्रदेश की 3 साल बाद हुई कार्यसमिति की बैठक में एमपी से लौटकर दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष के साथ शामिल हुए। सिंधिया के बढ़ते कद के चलते ही एमपी में बीजेपी संगठन और सरकार में उनके समर्थकों को तबज्जो मिलने लगी है।
एमपी में पहले कार्यसमिति फिर मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों में सिंधिया की एकतरफा चली। अब एक महीने के भीतर जिला टीम, मोर्चा-प्रकोष्ठ टीम सहित विभिन्न समितियों का गठन होना है। राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव इसकी गाइडलाइन दे गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का साथ मिलने से उनका सियासी कद और बढ़ सकता है। 15 जुलाई तक प्रदेश में भाजपा को जिला स्तर की सभी टीमों का गठन और बैठक कर दिल्ली शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट देना है।
यूं दिखा सिंधिया का दबदबा
बात सत्ता की हो तो मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रीमंडल में सिंधियासमर्थक मंत्रियों को बेहतर विभाग दिए गए हैं। वही बात संगठन की करें तो मध्य प्रदेश में 402 की कार्यसमिति में 68 सदस्य सिंधिया के शामिल किए गए है। ग्वालियर अंचल के 08 में से 06 जिलों का प्रभार सिंघिया समर्थक मंत्रियों को दिया गया है। वही सिंधिया दिल्ली से राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल हुए।
मध्य प्रदेश में चल रही निगम-मंडल, संगठन और मंत्रिमंडल विस्तार की अटकों के बीच मध्यप्रदेश में सियासी पारा हाई है। राज्यसभा सांसद के लगातार मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के तूफानी दौरों के कई मायने निकाले जा रहे थे। वही कांग्रेस का कहना है ,कि बीजेपी की सरकार सिंधिया की बैसाखी वैशाखी पर टिकी है इसलिए कठपुतली की तरह काम कर रही है, तो वहीं बीजेपी अपने बचाव में इसे सीएम का अधिकार क्षेत्र बता रही है।
Published on:
02 Jul 2021 10:49 am
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