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‘स्वार्थी’ ने बेहतर समाज के निर्माण का उठाया बीड़ा

‘स्वार्थी’ ने बेहतर समाज के निर्माण का उठाया बीड़ा

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‘स्वार्थी’ ने बेहतर समाज के निर्माण का उठाया बीड़ा

‘स्वार्थी’ ने बेहतर समाज के निर्माण का उठाया बीड़ा

ग्वालियर. अगर हमें एक बेहतर समाज चाहिए तो उसका निर्माण हमें ही करना होगा। अगर किसी दीन दुखी की हम मदद कर रहे हैं या किसी भूखे को खाना खिला रहे हों, पौधरोपण कर रहे हों यह कोई सेवा कार्य नहीं हैं, बल्कि एक बेहतर समाज के लिए यह हमारा कर्तव्य है। इसी उद्देश्य से शहर के कुछ युवाओं ने मिलकर एक ग्रुप बनाया है जो सामाजिक उत्थान के लिए कार्य कर रहा है। इन युवाओं ने संस्था का गठन किया है जिसको नाम दिया है स्वार्थी।

स्वार्थी संस्था के संस्थापक हर्षित सेठ ने बताया कि वह किसी दोस्त का बर्थ डे होता था तो अनाथालय में जाकर मनाते थे। इसी दौरान उनके मन में विचार आया कि क्यों न सामाजिक उत्थान के लिए और भी कुछ किया जाए। यहीं से स्वार्थी संस्था की नींव पड़ी और संस्था ने एक साल में अनेक कार्यक्रम कराए, जिसमें मतदाता जागरुकता कैंपेन, निर्धन बच्चों को
पढ़ाना, गरीबों को भोजन कराना पौधरोपण आदि शामिल हैं।

पीपल और नीम के 1000 पौधे लगाने का लिया संकल्प

हर्षित सेठ के अनुसार पर्यावरण प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या है, इसका हल सिर्फ एक ही है कि अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाए जाएं। पीपल और नीम के पेड़ पर्यावरण के लिए बहुत फायदेमंद हैं, इसलिए संस्था द्वारा नीम और पीपल के एक हजार पेड़ लगाने का संकल्प लिया गया है, जिसके तहत समय-समय पर संस्था के सदस्यों द्वारा पौधरोपण किया जाता है। पौधरोपण के दौरान उनकी सुरक्षा का भी इंतजाम किया जाता है, जिससे वह पौधे खराब न हों और विकसित हो सकेें।

झुग्गी झोपड़ी के बच्चों की लेते हैं क्लास

हर्षित सेठ के साथ उनकी टीम में देवांशु वशिष्ठ, शुभम झा, शुभम महेश्वर, आशुतोष शर्मा, महिमा सिंह, गरिमा भदौरिया जुड़े हैं। टीम द्वारा बच्चों को पढ़ाने का कार्य किया जाता है, जिसके लिए वह झुग्गी झोपड़ी या ऐसी जगहों पर जाते हैं जहां निर्धन बच्चे रहते हैं और वह स्कूल नहीं जाते हैं। ऐसे बच्चों को पढ़ाने के साथ वह उन्हें स्टेशनरी भी वितरित करते हैं। इस ग्रुप के सभी साथी युवा हैं और अध्ययन कर रहे हैं। यह लोग गरीबों को भोजन भी कराते हैं। ऐसे में कुछ आर्थिक परेशानियां आती हैं। यह लोग अपनी पॉकेट मनी से पैसे एकत्रित करते हैं और उनसे ही भोजन करवाते हैं। हर्षित के अनुसार वह किसी से भी इसके लिए आर्थिक सहायता नहीं लेते हैं। उनका मानना है कि अगर सभी लोग यह समझ लें कि उनका समाज के प्रति भी कुछ दायित्व है, एक बेहतर समाज बनाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा। यह कर हम किसी पर अहसान नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह हमारा ही स्वार्थ है कि हम एक बेहतर समाज गढ़ें। इसके लिए सभी को खासकर युवाओं को यह समझने की जरूरत है कि समाज की हर समस्या को हमें अपनी समस्या समझना होगा और इसे देखकर आंखे बंद नहीं करनी होंगी, बल्कि उससे निपटने के लिए आगे बढऩा होगा। अगर सभी इस तरह सोचने लगें तो किसी भी राज्य या देश में कोई समस्या नहीं रहेगी और सभी अच्छे से रहेंगे।


युवा संसद कार्यक्रम अक्टूबर में : संस्था युवाओं में समाज के प्रति उनके कर्तव्य को जगाना चाहती है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर का युवा संसद कार्यक्रम का आयोजन अक्टूबर में किया जाएगा, जिसमें देशभर के युवाओं को शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया जाएगा।