इस दिन शनि मंदिरों में जप-तप कर शनि भगवान की उपासना की जाएगी। शनिश्चरी अमावस्या का संयोग तब बनता है जब अमावस्या शनिवार के दिन पड़े। ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी का कहना है कि सूर्यदेव के पुत्र शनिदेव को खुश करने के लिए शनिश्चरी अमावस्या के दिन तिल, जौ और तेल का दान करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। शनिश्चरी अमावस्या पर दान करने से मनोवांछित फल मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में भी शनिश्चरी अमावस्या का विशेष महत्व है। जिन राशियों के जातकों के लिए शनि अशुभ है वे इस विशेष संयोग पर शनिदेव की पूजा कर ढैया,साढ़े साती की दशा से मुक्ति पा सकते हैं।
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ऐसे करें शनिदेव की पूजा
आचार्य वाचस्पति शास्त्री का कहना है कि इस दिन शनिदेव को तेल से अभिषेक कर सुगंधित इत्र, इमरती का भोग लगाने, नीला फूल चढ़ाने के साथ मंत्र का जाप करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिल सकती है। इस दिन शनि मंदिर में जाकर शनि देव के श्री विग्रह पर काला तिल, काला उड़द, लोहा, काला कपड़ा, नीला कपड़ा, गुड़, नीला फूल, अकबन के फू ल पत्ते अर्पण करना चाहिए। इसके अलावा काले रंग के श्वान को तेल चिपड़ी हुई रोटी खिलाएं। ग्रह शांति के लिए शनिश्चरी अमावस्या के दिन सुबह जल्दी स्नान आदि से निवृत होकर सबसे पहले अपने इष्टदेव, गुरु और माता-पिता का आशीर्वाद लें। सूर्य आदि नवग्रहों को नमस्कार करते हुए श्री गणेश भगवान का पंचोपचार, वस्त्र, चंदन, फूल, धूप, दीप से पूजन करें।
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इन राशियों वालों की चमकेगी किस्मत
पंडित नरेंद्रनाथ पांडेय के मुताबिक शनिश्चरी अमावस्या मेष,मिथुन राशि के जातकों के लिए लाभ दायक रहेगी। कर्क, सिंह, कन्या राशि वालों के लिए शुभ समाचार, यात्रा, निर्माण कार्य लेकर आएगी। तुला राशि वालों को स्वास्थ्य में हानि रहेगी। वृश्चिक राशि वालों को रुके कार्यों में सफलता मिलेगी, धन व स्वास्थ्य लाभ होगा। मकर व कुं भ वालों के लिए धन हानि एवं स्वास्थ्य खराब होने के योग रहेंगे। मीन राशि वालों को धन की प्राप्ति होगी।