
स्मार्ट सिटी की मनमानी : आपने गाड़ी बेच दी तो भी आपके घर ही आएगा चालान
ग्वालियर। यदि आपने अपनी गाड़ी बेच दी है और कोई दूसरा व्यक्ति गाड़ी चलाते समय सिग्नल तोड़ रहा है तो भी स्मार्ट सिटी द्वारा चालान आपके ही घर ही भेजा जाएगा। यह हम नहीं कह रहे बल्कि स्मार्ट सिटी में यह नजारे हर दिन देखे जा रहे हैं,क्योंकि स्मार्ट सिटी के पास आरटीओ का दो-तीन साल पुराना डाटा है और उसी डाटा के आधार पर स्मार्ट सिटी के आईटीएमएस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी चालन बनाकर भेज रहे हैं।
मनमाने चालान व गाड़ी बेचने के बाद भी चालान आने से परेशान लोग स्मार्ट सिटी ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं। इतना ही नहीं इससे परेशान होकर लोग अब स्मार्ट सिटी सीइओ, निगमायुक्त व कलेक्टर सहित भोपाल में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों को भी शिकायती पत्र भेज रहे हैं। स्मार्ट सिटी के आईटीएमएस विभाग द्वारा राजस्व वसूली के लिए हर दिन 500 से 600 चालन बनाए जा रहे हैं। इसमें रेड लाइट वॉयलेशन (लाल बत्ती उलंघन), नो हेलमेट (हेलमेट नहीं पहनने पर), ओवर स्पीड (गति उलंघन) व हैवी मोटर व्हीकल ओवर स्पीड पर यह चालान बनाए जा रहे हैं।
3.98 लाख चालान काटकर अब तक वसूले 7 करोड़
स्मार्ट सिटी द्वारा 53 करोड़ खर्च कर 31 स्थानों पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) लगाए गए हैं। इसमें नदी गेट बीते करीब एक साल से ब्लिंकर पर है और चेतकपुरी वाला बंद पड़ा हुआ है। इसके अलावा हर दिन जीवाजी, पड़ाव, गोविंदपुरी, तानसेन, फूलबाग, कल्पी ब्रिज के बंद चालू होते रहते है। चालान वसूली से अब तक 3 लाख 98 हजार 284 चालान बनाए गए हैं, इनमें 1 लाख 51851 पैड करते हुए 7.02 करोड़ की वसूली हो चुकी है।
अब तक काटे गए चालान
वर्ष चालान काटे
2020 6449
2021 53825
2022 88120
2023 184661
2024 30269
पब्लिक बोली-टाइमिंग सही नहीं, स्मार्ट सिटी बना रही 500 से 600 चालान
शहर के व्यस्त चौराहों कालपी ब्रिज, फूलबाग, पिन्टू पार्क सहित अन्य चौराह से गुजरने वाले लोगों ने बताया कि शहर के प्रमुख चौराह पर आईटीएमएस में टाइमिंग सही सेट नहीं से यह कभी रेड से सीधे ग्रीन होने लगता है तो कभी काफी देर तक ग्रीन होने से यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। हालांकि स्मार्ट सिटी का दावा है कि ऐसा नहीं है प्रतिदिन 500 से 550 सिग्नल तोडऩे वालों के चालान बनाए जाते हैं। इनमें से कुछ लोग कुछ सेकेंड में रेड लाइट सिग्नल तोड़ते हुए कैमरे में कैद होते है। वहीं 100 लोग हर दिन चालान जमा करने कंट्रोल कंमाड सेंटर पर पहुंच रहे हैं।
53 करोड़ रुपए खर्च फिर भी हर दिन लगता है जाम
स्मार्ट सिटी ने भले ही शहर के 31 स्थानों पर आईटीएमएस लगा दिए और इनमें 30 चालू होने की बात कही जा रही है। लेकिन शहर के गांधी रोड, नदी गेट चौराह, रानीलक्ष्मीबाई समाधी स्थल, फूलबाग चौराह, कालपी बिज्र, महाराज बाडा, इंद्रमणी चौराह, तानसेन रोड हजीरा, पिन्टू पार्क, पड़ाव और मुरार सहित कई स्थानों पर हर दिन जाम लगता है और शहरवासी परेशान होते रहते हैं। जबकि इन आईटीएमएस पर 53 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
अब तक वॉयलेशन काउंट बाय टाइप
-रेड लाइट वॉयलेशन (लाल बत्ती उलंघन) : कुल चालान-286634, पैड-103540
-नो हेलमेट (हेलमेट नहीं पहनने पर) : कुल चालान-87769, पैड-40271
-ओवर स्पीड (गति उलंघन/हैवी मोटर व्हीकल): कुल चालान-23881, पैड-8040
हर दिन जमा ऑनलाइन 150 तो ऑफलाइन 20 चालान हो रहे जमा
स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने बताया कि प्रतिदिन स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम के पास बनाए गए चालान कार्यालय में हर दिन ऑफलाइन 20 से 30 चालान जमा हो रहे हैं और इनमें 10 से 15 हजार राजस्व की प्राप्ति हो रही है। जबकि ऑनलाइन चालन में 150 से 180 हर दिन जमा हो रहे हैं और इनमें 70 से 80 हजार का राजस्व मिल रहा है।
यहां तोड़े जाते हैं सबसे अधिक और सबसे कम सिग्नल
सबसे अधिक : नाकाचंद्रबदनी, हजीरा चौराह, जीवाजी विवि गेट, कालपी ब्रिज, थाटीपुर, तानसेन, पिन्टू पार्क व फूलबाग।
सबसे कम : गोले का मंदिर, सिटी सेंटर, आकाशवाणी चौराह पर सबसे कम लोग नियम तोड़ते हैं।
यहां रहता है सबसे अधिक दबाव
शहर के नाकाचंद्रबदनी चौराह से झांसी रोड, सिटी सेंटर, महाराज बाड़ा, रेलवे स्टेशन, पड़ाव, आकाशवाणी तिराह, पड़ाव, फूलबाग व नदी गेट चौराह से स्कूल-कॉलेज व यात्री बसों के वाहन गुजरते हैं, इससे यहां हर दिन काफी दबाब रहता है।
परिवहन विभाग को डाटा प्रोडेक्शन सर्वर के लिए भेजा है पत्र
स्मार्ट सिटी आईटीएमएस के प्रोजेक्ट मैनेजर राहुल शर्मा ने बताया कि अभी हम आरटीओ के पुराने रिकॉर्ड से ही चालान बना रहे हैं। ई-परिवहन का सारथी पोर्टल पर डाटा प्रोडेक्शन सर्वर की कार्रवाई के लिए परिवहन विभाग को पात्राचार किया गया है। इसमें प्रथम चरण की कार्रवाई हो चुकी है और दूसरे चरण की जल्द होने की उम्मीद है।
लगातार जुर्माना फिर भी लोगों में डर नहीं
स्मार्ट सिटी द्वारा वाहन चालाकों से जुर्मानें के रूप में वसूले गए 7 करोड़ की राशि यह बताती है कि किस तरह से लोग हेलमेट को नजर अंदाज कर रहे हैं। दुपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाना पसंद नहीं कर रह है, ऐसे में सवाल यही है कि आखिर अर्थदंड होने के बाद भी लोग हेलमेट लगाना क्यों पसंद नहीं करते है, क्या जागरुकता की अभी भी लोगों में कमी है अथवा फिर उन्हें अपनी जिंदगी से प्यार नहीं है।
"मैंने चार महीन पहले गाड़ी बेच दी है। खरीददार के नाम गाड़ी भी हो चुकी है, लेकिन सिग्नल तोडऩे पर मुझे चालान भेज दिया है। जब इसकी स्मार्ट सीटी में शिकायत की तो उन्होंने बताया कि पुराना डेटा होने की वजह से गलती हुई है।"
विवेक खेडकऱ, अतिरिक्त महाधिवक्ता ग्वालियर
Published on:
26 Feb 2024 12:15 pm
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