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लगातार दूसरे साल गुरु पूर्णिमा पर पड़ रहा चंद्र ग्रहण, जानें क्या होगा असर, बरतें ये सावधानियां

2 घंटे 58 मिनट तक रहेगा ग्रहण काल, सूतक लगने पर बंद होंगे धार्मिक आयोजन

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Solar Eclipse 2019

Solar Eclipse 2019

ग्वालियर। गुरु पूर्णिमा पर 16 जुलाई को एक बार फिर चंद्र ग्रहण पडऩे जा रहा है। इस सदी में संभवत पहली बार ऐसा योग बन रहा है,जब चंद्र ग्रहण लगातार दूसरी बार गुरु पूर्णिमा पर रहेगा। चंद्र ग्रहण और गुरु पूर्णिमा उत्सव एक ही दिन होने से धार्मिक आयोजन सूतक लगने के साथ ही बंद हो जाएंगे। पंडित नरेंद्र नाथ पांडेय के अनुसार इस साल चंद्र ग्रहण आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा के दिन 16 और 17 जुलाई की मध्य रात में पडऩे जा रहा है। ये यह लगातार दूसरा साल है, जब आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा तिथि पर भारत में चंद्र ग्रहण हो रहा है। वर्ष 2018 में भी गुरु पूर्णिमा के दिन 27-28 जुलाई की मध्यरात्रि में खग्रास चंद्र ग्रहण हुआ था। इससे पहले लगातार दो बार गुरु पूर्णिमा पर कब चंद्र ग्रहण रहा था, इसके बारे में पंडित भी कोई खास जानकारी नहीं दे
पा रहे हैं।

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रात 1.30 बजे शुरू होगा ग्रहण
करीब तीन घंटे तक आकाश में चंद्र ग्रहण का नजारा देखा जा सकेगा। 16 और 17 जुलाई की मध्य रात 1 बजकर 32 मिनट से ग्रहण का स्पर्श शुरू होगा। रात्रि 3 बजकर 01 मिनट पर ग्रहण का मध्य रहेगा और सुबह 4.30 बजे ग्रहण का मोक्षकाल होगा। चंद्र ग्रहण का कुल समय 2 घंटे 58 मिनट का रहेगा।

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इन क्षेत्रों में नजर आएगा प्रभाव
चंद्र ग्रहण का प्रभाव शासन की कार्यप्रणाली में परिवर्तन के रूप में दिखाई देगा। अधिकारियों में कार्य का परिवर्तन होगा।चंद्र ग्रहण का मंगल बुध से षडाष्टक योग बनेगा। मैदिनी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस प्रकार की ग्रह स्थिति जलवायु परिवर्तन के लिए खास होती है। चंद्रमा की राशि कर्क में मंगल तथा बुध का गोचर वर्षा ऋ तु के चक्र को प्रभावित करेगा। धनु राशि में ग्रहण होने के कारण इस राशि वाले विशेष रूप से प्रभावित होंगे।

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प्राकृतिक संतुलन बिगड़ेगा
ज्योतिषाचार्य वाचस्पति शास्त्री के मुताबिक गुरु पूर्णिमा पर 16 जुलाई को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग, विशिष्ट करण तथा धनु राशि का चंद्र ग्रहण रहेगा। यह ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र तथा धनु व मकर राशि में चंद्र ग्रहण होने से अतिवृष्टि के साथ कहीं-कहीं प्राकृतिक संतुलन भी बिगड़ेगा। कही आंधी आएगी तो कहीं तेज बारिश होने से बाढ़, आपदा आएंगी।

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वहीं यह चंद्र ग्रहण धनु राशि में चंद्र, केतु, शनि की त्रिग्रही युक्ति के साथ रहेगा। वहीं, मिथुन राशि स्थित सूर्य, राहु व शुक्र की त्रिग्रही युक्ति से बना रहा है। ये ग्रह सामाजिक व राजनीतिक गतिविधियों में हलचल लाएंगे। खाद्य वस्तु के मूल्यों में वृद्धि होगी। राजनीतिक विरोधाभास रहेगा। विदेश नीति में सफल रहेंगे। सोना चांदी, लोहा का मूल्य बढ़ेगा। रियल स्टेट में गिरावट आएगी। व्यापार की स्थिति सामान्य रहेगी।