
दो वर्ष पहले हुआ था जिपं में फायर ऑडिट, कूनो के ऑफिस में लटकी मिलीं खाली बाल्टी, कलेक्ट्रेट में इंतजाम ही नहीं
श्योपुर। प्रदेश की राजधानी में स्थित सतपुड़ा भवन में सोमवार को लगी आग से आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजना और स्वास्थ्य संचालनालय का ऑफिस जल गया। अगर कहीं श्योपुर केे कार्यालयों में भी इस तरह की कोई आकस्मिक घटना हुई तो बचाव के इंतजाम नहीं हैं। भोपाल में हुई घटना के बाद पत्रिका ने शहर के कार्यालयों की स्थिति जानी तो पता चला कि जिला पंचायत कार्यालय में दो वर्ष पहले ऑडिट हुआ था। जबकि कूनो डीएफओ ऑफिस में एक भी अग्रिशमन यंत्र नहीं हैं, रेत की बाल्टी खाली लटकीं थीं। यही हाल अन्य कार्यालयों का मिला। एक भी कार्यालय ऐसा नहीं मिला जिसमें आग बुझाने के लिए मानक के अनुसार इंतजाम हों। अधिकांश सरकारी कार्यालयों में अग्रिशमन यंत्र नहीं लगाए गए हैं। जहां यंत्र लगे हैं वहां रिफिलिंग ऑडिट नहीं हुआ है। चार यंत्र ऐसे मिले जिनके कैप पर जंग लग गई थी। जिले के सबसे महत्वपूर्ण कार्यालयों में हर दिन हजारों लोगों की आवाजाही होती है और यहीं सबसे ज्यादा लापरवाही नजर आई।
ऐसे दिखे कार्यालयों के हालात
कूनो डीएफओ कार्यालय
-शिवपुरी रोड से करीब 70 मीटर अंदर की ओर मौजूद कूनो डीएफओ कार्यालय के दो गेट हैं। मुख्य गेट से अंदर प्रवेश करते ही प्लास्टिक से बना सामान रखा है। विभिन्न शाखाओं के दरवाजे एक ही आंगन में खुलते हैं। स्थापना शाखा के सामने फायर के नाम से एक स्टैंड है, जहां नये लाल पेंट से चमचमाती बाल्टियां लटकी थीं। इनमें रेत नहीं थी। एक भी अग्निशमन यंत्र नजर नहीं आया।
जिला पंचायत
-कार्यालय के मुख्य गेट से अंदर प्रवेश करने के बाद वाटरशैड सेल के बगल में दो अग्रिशमन यंत्र लगे हैं। इनमें से एक का ऑडिट 2019 में हुआ था। दूसरे का ऑडिट वर्ष 2020 में हुआ था। इसके बाद जिला पंचायत सीईओ कक्ष के सामने दीवार पर एक अग्निशमन यंत्र लटका है। इसकी ऑडिट डेट भी वर्ष 2020 की है। कार्यालय में ग्रामीण विकास की सबसे महत्वपूर्ण फाइलें होने के बाद भी अग्निशमन यंत्र व्यवस्थित करने को लेकर जागरूकता नहीं है।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय
-मुख्य गेट से अंदर की पूरी लॉबी में एक भी अग्निशमन यंत्र नहीं है। एसपी कक्ष के सामने ही कार्यालय और डीएसपी केबिन है। सीढिय़ां चढऩे के बाद दायीं ओर एएसपी कार्यालय है। यहां भी अग्निशमन यंत्र नजर नहीं आए। रेत की बाल्टियां भी इस कार्यालय में नहीं दिखीं। पूरे जिले की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार कार्यालय में आग से सुरक्षा को लेकर सबसे ज्यादा उदासीनता दिखी।
भू अभिलेख
-संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में मौजूद भू अभिलेख कार्यालय में पूरे जिले की जमीनों के दस्तावेज रखे हैं। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से दस्तावेज संधारित किए जाते हैं। कार्यालय में अंदर प्रवेश करते ही बायीं ओर एसएलआर केबिन है और हॉल में स्टाफ बैठता है। यहां आग से बचाव का कोई इंतजाम नहीं दिखा। नजदीक ही एनआईसी का नियंत्रण कक्ष है, इस कक्ष के बाहर भी कोई यंत्र नहीं लगा था।
कलेक्टर कार्यालय
-कलेक्टर कार्यालय की पार्किंग लॉट से प्रवेश करते ही बायीं और सभागार और स्टेनो कक्ष है, दायीं ओर कलेक्टर का कक्ष और न्यायालय है। सभागार में ही जनसुनवाई होती है। इसके बाद कांच का गेट है। पूरी लॉबी में एक भी अग्निशमन यंत्र नहीं था। अगर कभी कोई आकस्मिक घटना हुई और दोनों तरफ के गेट बंद हुए तो खतरा और ज्यादा होने की संभावना रहेगी।
एसडीएम और ओएस
-संयुक्त भवन के मुख्य गेट से प्रवेश करते ही आम जन के लिए खुली जगह है। यहां जनसुनवाई के पंजीयन भी होते हैं। श्योपुर एसडीएम, तहसीलदार और कार्यालय अधीक्षक के कक्ष हैं। ऊपर की मंजिल पर महिला बाल विकास, जिला योजना एवं सांख्यिकी, दस्तावेज पंजीयन एवं मुद्रांक सहित अन्य कार्यालय हैं। इन सभी के बाहर आग से बचाव के कोई इंतजाम नहीं दिखे।
नगर पालिका
-शहर के सभी महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जिम्मेदार नगर पालिका कार्यालय मुख्य बाजार के पास ही है। कार्यालय में प्रवेश करते ही बाहर लॉबी के बांयी ओर अध्यक्ष और दायीं ओर सीएमओ के केबिन हैं। इसके बाद हॉल है और फिर अंदर की ओर सभी शाखाओं के कक्ष हैं। यहां हॉल में एक भी अग्निशमन यंत्र नहीं लगा है। पूछने पर कर्मचारियों ने कहा कि हमारे पास तो फायर ब्रिगेड है अगर कभी आग लगेगी तो बुला लेंगे।
वर्सन
-कार्यालय परिसर में अग्निशमन यंत्र पूर्व में लगवाए गए थे। इनकी रीफिलिंग होनी है। संबंधित को निर्देश दिए हैं, जल्द ही रीफिलिंग और परीक्षण कराया जाएगा।
अतेन्द्र सिंह गुर्जर, सीईओ-जिला पंचायत
-संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में संचालित सभी कार्यालयों में अग्निशमन यंत्र लगवाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसको लेकर सभी से अपडेट जानकारी मंगाई जा रही है।
शिवम वर्मा, कलेक्टर
Published on:
14 Jun 2023 11:32 pm
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