
सृष्टि करती है निर्माण और ज्योतिष उसका विश्लेषण करता है
ग्वालियर. मानव जीवन की रचना के बाद उसका सही विश्लेषण ज्योतिष ही करता है क्योंकि ईश्वर केवल रचना करता है। लेकिन आपके जीवन में प्रारब्ध और भाग्य सब ज्योतिष से ही पढ़ा जाता है। इसके साथ ही सृष्टि में जो कुछ घटित हो रहा है उसका पूर्वानुमान भी ज्योतिष से ही संभव है। यह बात हरियाणा एवं त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने कही, वे यहां भिंड रोड स्थित दो दिवसीय प्रथम अंतर्राष्ट्रीय वैदिक एवं एस्ट्रोलॉजिकल सेमिनार के समापन समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से उद्बोधन दे रहे थे। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ.दिलीप दुरेहा कुलपति एलएनआईपीई मौजूद थे।
निजी होटल में आराधना एस्ट्रो रिसर्च सोसायटी की ओर से आयोजित दो दिवसीय सेमिनार का रविवार को अंतिम दिन था। जिसके प्रथम सत्र में ज्योतिषाचार्य दिनेश गुरु इंदौर, ज्योतिषाचार्य जितेंद्र नेपाल, ज्योतिषाचार्य एंड रियो मार्टन इंग्लैंड, ज्योतिषाचार्य गिरिराज शर्मा ग्वालियर ने ज्योतिष एवं वास्तु पर अपना उद्बोधन दिया। वहीं हस्तरेखा विशेषज्ञ डॉ.आरएन मिश्रा भोपाल ने हस्तरेखा एवं हेमंत श्रीवास्तव ने अंगूठे की रेखाओं से सम्बंधित विधा पर जानकारी दी। दिल्ली से आए ज्योतिषाचार्य अनिल वत्स ने कहा कि गणित और फलित दोनों चीजें एक दूसरे के पूरक हैं और इसी के आधार पर सारी गणना निर्धारित की जाती है।
ज्योतिषाचार्यों को किया सम्मानित
सेमिनार के अंतिम सत्र में ज्योतिषाचार्यों का सम्मान किया गया। इसमें केए दुबे कानपुर, डॉ.एचएस रावत दिल्ली एवं अनिल वत्स दिल्ली को लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम में ज्योतिषाचार्य दिवाकरण केरल, ज्योतिषाचार्य चंद्रशेखर शास्त्री मोदीनगर, ज्योतिषाचार्य डॉ.दिलीप दिल्ली, ज्योतिषाचार्य पदम उपाध्याय दिल्ली, ज्योतिषाचार्य सतीश उपाध्याय औरंगाबाद उपस्थित रहे। सेमिनार में शामिल देश-विदेश की सभी ज्योतिषाचार्यों को सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। संचालन ज्योतिषाचार्य हीरेंद्र शुक्ला ने जबकि आभार अशोक एवं आराधना भटनागर ने व्यक्त किया।
Published on:
16 Feb 2020 09:13 pm
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