
मजबूत इरादे, कुशल प्रबंधन से मां-शिशु को महामारी से बचाया
ग्वालियर.
मुसीबतें कभी बताकर नहीं आती। एक अच्छा लीडर वही है, उन परेशानियों में भी धैर्य न खोए और अपनी टीम को मोटिवेट करते हुए विपरीत परिस्थितियों से पार पाए। ऐसी ही जिम्मेदारी थी कमलाराजा हॉस्पिटल की विभागाध्यक्ष डॉ. वृंदा जोशी के पास। उस समय गर्भवती महिलाओं के एडमिशन बढ़ गए थे। स्टाफ सीमित था, वो भी कोरोना से डरा हुआ। उन्होंने एक अच्छे लीडर की तरह टीम का हौसला बनाए रखा और जच्चा व बच्चा दोनों को सुरक्षित रखा। ऐसी व्यवस्था बनाई कि नॉर्मल गर्भवती महिलाएं कोरोना से बच सकें और संक्रमित महिलाओं से उनके बच्चे तक संक्रमण न फैले। इसके लिए डॉ. वृंदा ने कई ऑपरेशन करने के साथ अच्छा प्रबंधन भी किया और पारदर्शिता रखी। डॉ. वृंदा ने बताया कि महामारी से निपटने में पूरी टीम का साथ रहा। खास तौर से डीन डॉ. एसएन अयंगर और सुप्रिटेंडेंट डॉ. आरकेएस धाकड़ के गाइडेंस में काम किया।
गर्भवती महिलाओं को कोरोना से बचाने दो भागों में बांटा था स्टाफ
डॉ. वृंदा ने बताया कि उस समय गर्भवती महिलाओं को कोरोना से बचाने के लिए खूब एक्सरसाइज करनी पड़ी। हमने डॉक्टर सहित स्टाफ को दो भागों में बांट दिया था। एक टीम केआरएच में थी और दूसरी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में। संक्रमित गर्भवती महिलाओं को हम सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल भेज रहे थे और नॉर्मल को केआरएच। नॉर्मल महिलाओं के बच्चे होने पर मां को देते थे, लेकिन संक्रमित महिलाओं के बच्चों को उनके अटेंडर को सौंपते थे ताकि बच्चा सुरक्षित रहे।
फोन पर अटेंडर लेते थे मां और बच्चे की जानकारी
महिला के एडमिशन के साथ ही उनका आरटीपीसीआर कराते थे। रिपोर्ट आने पर उनका स्थान बदला जाता था और पूरे हॉल को तुरंत सेनेटाइज किया जाता था। उस समय अटेंडर अपने मरीज के लिए बहुत चिंतित थे। हमने एक नंबर जारी किया था, जिस पर संक्रमित गर्भवती महिला की जानकारी वे ले रहे थे। नॉर्मल महिलाओं के साथ अटेंडर रहते थे, लेकिन संक्रमित की देखरेख हर तरह से हमारी टीम करती थी।
Published on:
07 Aug 2021 10:10 am
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