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अष्ट महालक्ष्मी और हनुमान मंदिर में अब नहीं लगेगा मिठाई का भोग

- कांच जडि़त छत और दीवारें खराब होने के कारण अगरबती, धूप बत्ती, दीपक जलाना भी प्रतिबंधित

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अष्ट महालक्ष्मी और हनुमान मंदिर में अब नहीं लगेगा मिठाई का भोग

अष्ट महालक्ष्मी और हनुमान मंदिर में अब नहीं लगेगा मिठाई का भोग

ग्वालियर. प्रदेश के इकलौते और भव्य नवनिर्मित जौरासी अष्ट महालक्ष्मी मंदिर में श्रद्धालु माता को सिर्फ मेवा का ही भोग प्रसाद ही लगा पाएंगे। यह निर्णय जौरासी हनुमान मंदिर ट्रस्ट ने लिया है। इसका कारण यह है श्रद्धालु मिठाई का भोग लगाने के नाम पर मूर्तियों और दीवारों पर चिपका रहे हैं, जिसके कारण मंदिर खराब हो रहा है। इतना ही नहीं धूप बत्ती और अगरबत्ती से निकलने वाले धुएं से मंदिर की कांच जडि़त छत भी खराब हो रही है। लिहाजा धूप बत्ती, अगरबत्ती और दीपक जलाना भी प्रतिबंधित किया गया है।

शहर के वास्तु दोष को समाप्त करने के लिए जौरासी में हनुमान मंदिर के पास 15 करोड़ रुपए की लागत से अष्ट महालक्ष्मी का मंदिर बनाया गया है। मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा इसी माह के पहले सप्ताह में की गई है। मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।

7 से 12 मार्च के बीच मंदिर में दर्शन करने के लिए आए श्रद्धालुओं ने मंदिर के गर्भगृह में धूपबत्ती और प्रसाद चढ़ाने के दौरान अष्ट महालक्ष्मी की प्रतिमा के पीछे प्रसाद दीवार से चिपका दिया।मंदिर की छत को कांच से सजाया गया है, जिसमें धूपबत्ती के धुएं से मंदिर की छत में लगा कांच खराब हो रहा है। इसी को देखते हुए ट्रस्ट हनुमान मंदिर जौरासी की कार्यकारिणी की बैठक बुलाई।

मंदिर प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष सुरेश चतुर्वेदी ने बताया कि बैठक में मंदिर के आसपास के प्रसाद बेचने वाले दुकानदारों को भी बुलाया गया। दुकानदारों से कहा गया कि उनकी दुकान में जो प्रसाद बचा है उसका 19 मार्च तक विक्रय कर लें। 20 मार्च के बाद मंदिर में काजू, बादाम, छुआरे, पिस्ता, छुआरे, मखाने और बिना साबुत नारियल का प्रसाद चढ़ाया जाएगा। धूप, अगरबत्ती का विक्रय भी नहीं करें। ट्रस्ट हनुमान मंदिर जौरासी की कार्यकारिणी की बैठक में उपाध्यक्ष एसएस तोमर, सचिव प्रेम सिंह भदौरिया, सहसचिव केशव सिंह, कोषाध्यक्ष अशोक भार्गव, सदस्य आरएन पटवर्धन, ओपी त्रिपाठी और कमल किशोर सिंहल मौजूद थे।