तानसेन का नाम आते ही एक नाम और उभर कर आता है, वह है बैजू बावरा का, जो भले किसी शहंशाह का नवरत्न नहीं बन सका, लेकिन उसके सामने तानसेन जैसे गायक भी नतमस्तक थे। बैजू बावरा का जन्म गुजरात के चांपानेर गांव के एक ब्राह्मण कुल में हुआ था। इनका असली नाम बैजनाथ मिश्र था। बैजू ग्वालियर के राजा मानसिंह के दरबार के गायक और उनकी संगीत नर्सरी के आचार्य भी रहे।