-अगस्त से जारी था युक्तियुक्तकरण का काम
ग्वालियर। जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में मौजूद 1735 मतदान केन्द्रों के युक्तियुक्तकरण का काम पूरा हो गया है। 1500 से ज्यादा मतदाता वाले 150 से अधिक मतदान केन्द्रों को खोजकर मतदाता संख्या और क्षेत्रीय स्थिति को देखने के बाद बड़े मतदान केन्द्रों को पुरानी स्थिति में रखा गया है। जबकि दक्षिण विधानसभा के 8 मतदान केन्द्रों को मर्ज कर दिया गया है। अब दक्षिण विभानसभा में मतदान केन्द्रों की संख्या 287 से घटकर 279 हो जाएगी। जबकि जिले के मतदान केन्द्रोंं की संख्या 1727 रह जाएगी। निर्वाचन विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण किए जाने के बाद अब चुनाव होने पर आठ मतदान केन्द्रों पर लगने वाले कर्मचारियोंं की बचत भी हो सकेगी और मतदाताओं को भी आसानी होगी।
दरअसल, आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदान केन्द्रों का युक्तियुक्तकरण करने के निर्देश भारत निर्वाचन आयोग ने दिए थे। इसके बाद सबसे पहले इंदौर निर्वाचन विभाग ने अपने क्षेत्र में 2500 मतदान केन्द्र घटाकर पूरे प्रदेश को दिशा दी। इंदौर के इस मॉडल के आधार पर ही ग्वालियर में भी मतदान केन्द्रों के युक्तियुक्तकरण का काम करने पर फोकस किया गया। 25 अगस्त को राजनीतिक दलोंं को बुलाकर प्रस्ताव मांगे गए थे। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब जिला निर्वाचन विभाग ने युक्तियुक्तकरण का काम पूरा कर लिया है। इसमें यह ध्यान रखा गया है कि जो मतदान केन्द्र पास पास हैं और एक में मतदाता संख्या कम और एक में ज्यादा है तो उसे मर्ज कर दिया जाए।
निगम चुनाव में हुई थी परेशानी
नगर निगम चुनाव के समय मतदान केन्द्र अचानक बदले जाने से शहर के अधिकांश मतदाताओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा था। मतदाताओं की परेशानी दूर न होने की वजह से मतदान का प्रतिशत भी कम हो गया था। अब विधानसभा चुनाव से पहले ही निर्वाचन विभाग मतदाता संख्या, मतदान केन्द्र सहित अन्य व्यवस्थाओं को समय रहते ही पूरी करने में लगा है ताकि बाद में किसी तरह की समस्या खड़ी न हो।
वर्सन
-हां, हमारे क्षेत्र में आठ मतदान केन्द्र अब कम हो जाएंगे। इससे मतदाताओं को सुविधा ही रहेगी। जो केन्द्र मर्ज किए गए हैं, उनमें सभी ऐसे थे जो एक ही कैंपस के अलग-अलग कक्ष में थे।
प्रवीण पाठक, विधायक-दक्षिण विधानसभा
-मतदान केन्द्रों के युक्तियुक्तकरण का काम पूरा कर लिया गया है। दक्षिण विधानसभा में आठ केन्द्रों को मर्ज किया गया है। इससे मेन पॉवर की बचत होगी।
कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, जिला निर्वाचन अधिकारी