27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सबसे खतरनाक डकैत जिनके नाम भर से कांपता था पूरा चंबल- देखें वीडियो

- चंबल का सबसे खतरनाक डकैत कौन था?

3 min read
Google source verification
chambal.png

,,

मध्य प्रदेश के चंबल क्षेत्र को हमेशा से ही बागियों की भूमि माना जाता है। ऐसे में जहां एक ओर लोग इन्हें डकैत की श्रेणी में रखते हैं, वहीं ये खुद को व इस क्षेत्र के आसपास के लोग इन्हें बागी कहते हैं।

ऐसे में भले ही अनेक डकैत या बागी समय समय पर यहां राज करते रहे हैं। लेकिन आखिर चंबल का कौन सा डकैत या बागी सबसे बड़ा माना जाता है। इस बात को लेकर लोगों के मन में सवाल उठते ही रहते हैं। इन्हीं सब स्थितियों को देखते हुए आज हम आपको बता रहे हैं कि चंबल का वो बागी या डकैत कौन था जिसे सबसे खतरनाक माना जाता है।

तो चलिए आज हम आपको चंबल के सबसे ज्यादा खतरनाक 4 बागियों या डकैतों के बारे में बताते हैं, ये सभी आपस में एक दूसरे को बराबरी की टक्कर देते दिखते हैं।

1. साल 1940 से 1955 तक कुख्यात डकैत मान सिंह का नाम सुनकर आगरा, मथुरा, मुरैना के लोग थर-थर कांपते थे। मान सिंह को चंबल का सबसे खतरनाक डाकू माना जाता है। आगरा के राजपूत परिवार से मान सिंह का ताल्लुक था। मान सिंह पर 1112 लूट और 125 हत्याओं के मामले दर्ज थे। इस डाकू की खास बात यह भी थी कि वह अमीरों से जो भी धन लूटता था उसे गरीब.लाचार लोगों की सहायता में लगा देता था। मध्य प्रदेश पुलिस से भिंड जिले में एक एनकाउंटर के दौरान साल 1955 में मानसिंह की मौत हुई थी।

2. चंबल के बड़े डाकुओं में से एक निर्भय सिंह गुज्जर भी था। निर्भय सिंह के पास करीब 80 डाकुओं का गिरोह था। वह एके-47 जैसी राइफलों से लैस रहने के साथ ही नाइट विजन दूरबीन बुलेट प्रूफ जैकेट पहनता था। चंबल क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामों में निर्भय के खौफ का माहौल था। लोगों को लूटने के अलावा उस पर लोगों की हत्या और बलात्कार के मामले भी दर्ज थे। उस दौर में नेता भी उसके आतंक से खौफ खाते थे। पुलिस ने साल 2005 में उसे एनकाउंटर कर मौत के घाट उतारा दिया था।

3. चंबल का एक प्रसिद्ध बागी था पान सिंह तोमर जिस पर बालीवुड में फिल्म भी बनी चुकी है। बागी होने से पहले पान सिंह तोमर इंडियन आर्मी का सिपाही था। साथ ही वह एक एथलीट भी था। 1950 और 1960 के दशक में पान सिंह सात बार के राष्ट्रीय चैंपियन रहा वहीं इन 10 सालों तक कोई भी तोमर का रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाया। साल 1952 के पान सिंह ने एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। सेना से रिटायर होने के बाद अपने पैतृक गांव लौटने पर वह जमीनी विवाद के लेकर फंस गए। ऐसे में तोमर को मजबूरी में बंदूक उठानी पड़ी और बाद में उसे चंबल घाटी के खूंखार डकैत के नाम से जाने गए। भारतीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा साल 1981 में तोमर को मार दिया गया था। देश में तमाम कुख्यात डाकुओं के सामान ही पान सिंह का खौफ भी लंबे समय तक रहा।

4. चंबल की महिला डकैतों में फूलन देवी का नाम सबसे उपर आता है। पान सिंह की भांति ही उन पर भी बालीवुड में बैंडिट क्वीन नामक फिल्म बनी। फूलन देवी का नाम भी चंबल के सबसे खतरनाक डाकुओं में शुमार है। फूलन देवी के डाकू बनने के पीछे एक दर्दनाक कहानी भी रही। पहले कम उम्र में शादी और उसके बाद वह गैंगरेप की भी शिकार हुई। इन सभी तरह की घटनाओं के बाद ही वह डाकू बनी थी। साल 1983 में फूलन देवी ने खुद को सरेंडर किया था, जिसके बाद वह सांसद भी बनी। इसके बाद 25 जुलाई 2001 को फूलन देवी की हत्या कर दी गई।

अतीक से भी भयंकर था इनका टेरर, इनके आने की खबर से ही खाली हो जाते थे गांव