
चेकिंग प्वॉइंट पर दो पहिया वाहन चालक ही क्यों बन रहे शिकार?
ग्वालियर. यातायात के नियमों को सख्ती से पालन करने के लिए अदालत के फरमान के बाद शहर में भी यातायात पुलिस ने तेवर बदले हैं, लेकिन उसका रवैया दो पहिया वाहन चालकों पर सख्त और चार पहिया पर नरम नजर आ रहा है। शहर के लगभग सभी बड़े चौराहों और चेकिंग प्वॉइंटस पर पुलिस उन लोगों को तो रोकती है जो बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन ड्राइव करते हैं, लेकिन इन्हीं प्वाइंटस से चार पहिया वाहन चालक पर उसका रवैया नरम रहता है। उन्हें ड्राइविंग के वक्त सीट बेल्ट और मोबाइल पर बात नहीं करने की सलाह देने से परहेज कर रही है। नजारा शहर की हर सडक़ पर रोज देखा जा सकता है। यातायात के नियम का पुलिस सख्ती से पालन कराएगी। पुलिस लाइन में परेड के बाद लगाए गए दरबार में एडीजी राजाबाबू सिंह ने फरमान दिया था। उनकी हिदायत के बाद पुलिस के चार पहिया वाहन चालक सीट बेल्ट लगाकर गाड़ी ड्राइव करते देखे गए थे, दो पहिया वाहन चलाने वाले पुलिसकर्मियों ने हेलमेट लगाना शुरू कर दिया था। अब यह सख्ती सिर्फ दो पहिया वाहन चालकों तक सीमित रह गई है, चार पहिया वाहन चालकों ने सीट बेल्ट को नजर अंदाज कर लिया है।
रफ्तार का हवाला देकर सीट बेल्ट से दूरी : यातायात पुलिस के कर्मचारी कहते हैं चार पहिया वाहन चालक को रोक कर टोकने पर कहासुनी का झंझट ज्यादा रहता है, हर कोई नेता, अफसर की धमकी देता है इसके अलावा कई वाहन चालक तो सीधा सवाल करते हैं कि शहर की सडक़ोंं पर गाड़ी रेंगकर तो चल रही है इसमें क्या सीट बेल्ट लगाएं। दो पहिया वाहनों की गिनती ज्यादा है। इसलिए पुलिस उन पर कार्यवाही करना ज्यादा मुनासिब समझती है।
ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक हर दिन शहर में यातायात पुलिस के चेकिंग प्वाइंटस पर दो पहिया वाहन चालकों के करीब 5 से 10 चालान होते हैं, लेकिन चार पहिया वाहन चालकों के चालान इनमें शामिल नहीं हैं। सिर्फ नो पार्किंग में चार पहिया गाड़ी खड़ी मिलने पर उन कार्रवाई होती है। पुलिसकर्मी भी मानते हैं कि ड्राइविंग के दौरान ज्यादातर चार पहिया वाहन चालक मोबाइल पर बात करते हैं।
Published on:
11 Oct 2019 08:41 pm
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