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शराब दुकानों के लिए 100 मीटर का दायरा ही क्यों?

म ध्य प्रदेश में वर्ष-2025-26 की नई आबकारी नीति में प्रदेश सरकार ने 17 धार्मिक जिलों में शराब बंदी का निर्णय लिया है, जो काबिले तारीफ है। लेकिन अन्य जिलों के लिए शराब नीति में राहत ....

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शराब दुकान के लिए स्कूल-कॉलेजों व धार्मिक स्थलों के 100 मीटर के दायरे को बढ़ाया क्यों नहीं जा सकता? बढ़ाया जाना चाहिए

शराब दुकान के लिए स्कूल-कॉलेजों व धार्मिक स्थलों के 100 मीटर के दायरे को बढ़ाया क्यों नहीं जा सकता? बढ़ाया जाना चाहिए

शराब दुकान के लिए स्कूल-कॉलेजों व धार्मिक स्थलों के 100 मीटर के दायरे को बढ़ाया क्यों नहीं जा सकता? बढ़ाया जाना चाहिए

म ध्य प्रदेश में वर्ष-2025-26 की नई आबकारी नीति में प्रदेश सरकार ने 17 धार्मिक जिलों में शराब बंदी का निर्णय लिया है, जो काबिले तारीफ है। लेकिन अन्य जिलों के लिए शराब नीति में राहत नहीं दिख रही है। स्कूल-कॉलेज और धार्मिक स्थलों से 100 मीटर की दूरी पर शराब दुकान खोलने की अनुमति देकर खुलेआम नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। कई शराब दुकानें तो स्कूल और कॉलेज के रास्ते पर ही हैं। छात्र-छात्राओं को इन दुकानों के सामने से होकर आना-जाना पड़ता है। हालात में सुधार के लिए इस नियम को और कड़ा करना होगा। स्कूल कॉलेजों के आसपास ही नहीं, उनके रास्ते में भी इस तरह की किसी दुकान को अनुमति नहीं दी जाए, तब स्थिति कुछ बेहतर हो सकती है। इसी तरह की कड़ाई धार्मिक स्थलों के आसपास भी बरती जानी चाहिए। कई शराब दुकानें तो धार्मिक स्थल के पास ही खुली हैं और शराबी धार्मिक स्थल के बाहर ही बैठकर शराब पीते हैं। कहना न होगा कि यह नियमों का सरासर उल्लंघन है। सरकार ने 2023 में अहाते बंद करने का निर्णय लिया था। इसके पीछे तर्क यह था कि अहाते में बैठाकर शराब पिलाने से कानून व्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है। झगड़े होते हैं। लेकिन, इन अहातों का स्थान अब शराब दुकान के आसपास के स्थान और स्कूल-कॉलेजों के मैदानों ने ले लिया है, जो और बुरी स्थिति है। एक विसंगति इन दुकानों को 16 घंटे बिक्री करने की अनुमति देने की है। इसमें ये दुकानें स्कूल और कॉलेज खुलने के समय ही खुल जाती हैं, जो रात 11.30 बजे तक खुली रहती हैं। पुलिस अन्य दुकानों व बाजार को रात 10.30 बजे बाजार बंद करने निकलती है, लेकिन शराब की दुकानें उसका मुंह चिढ़ाती हैं। सरकार को शराब नीति में सुधार करने की आवश्यकता है, ताकि युवाओं और बच्चों को शराब की उपलब्धता कम हो और समाज में सकारात्मक परिवर्तन हो। इसके लिए सरकार को शराब दुकानों को स्कूल-कॉलेज और धार्मिक स्थलों से दूर रखने के लिए कदम उठाने चाहिए। शराब दुकानों के खुलने के समय को भी नियंत्रित करना चाहिए, ताकि युवाओं और बच्चों को शराब की उपलब्धता कम हो। प्रदेश सरकार शराबबंदी की दिशा में अपने कदम बढ़ा रही है। भविष्य में यदि प्रदेश में शराबबंदी होती है तो यह एक ऐतिहासिक कदम होगा।

राहुल गंगवार rahul.gangwar@epatrika.com