
Hamirpur Murder
हमीरपर. हमीरपर जिले में नरसंहार हुआ है। गुुरुवार को एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या से पूरे शहर में सनसनी फैल गई है। मृतकों में एक दंपत्ति, एक वृद्ध महिला व दो नाबालिग लड़कियां शामिल हैं। लेकिन अभी तक पुलिस को मामले में कोई सफलता नहीं मिली है। वारदात की तस्वीरें इतनी भयावह हैं कि किसी की भी रूह कांप जाए। किसी की लाश दरवाजे पर, तो किसी का खून से लथपथ शव बिस्तर पर पड़ा मिला है। पुलिस को लूट के बाद हत्या पर संदेह है। वहीं यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पांच थाना की फोर्स को इस हत्याकांड का राजफाश करने में लगा दिया है।
हथौड़े व धारधार हथियार से उतारा मौत के घाट-
मामला हमीरपुर के रानी लक्ष्मी बाई मोहल्ले का है जहां तिराहे के पास नेशनल हाईवे 34 के किनारे रहने वाले सरकारी सेवा से रिटायर कर्मी नूरबख्श किसी काम से अपनी पत्नी के साथ बाहर गए हुए थे। इसी दौरान उन्हें खबर मिली कि छोटे बेटे रईस (27) व उसकी पत्नी रोशनी (25), आलिया (4), भांजी (15) और उसकी दादी सकीना (85) की हत्या कर दी गई है। आनन-फानन में वे घर वापस आए तो मंजर देख उनके होश फाख्ता हो गए।
रईस व उसकी दादी सकीना के शव गैलरी में पड़े थे। बेटी आलिया व पत्नी रोशनी का खून से लथपथ शव बेड पर मिला जबकि भांजी का शव अलग कमरे में था। यह देख प्रतीत हो रहा था कि कुछ लोगों ने इन्हें दौ़ड़ा-दौड़ा कर किसी धारधार हथियार व हथौड़े से कुचल कर मारा है। पूरे घर में जगह-जगह खून फैला पड़ा मिला था। पुलिस ने घटनास्थल से खून से सना हथौड़ा भी बरामद किया है।
पड़ोंसियों को भनक तक नहीं लगी-
हैरान करने वाली बात यह कि इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे दिया गया, लेकिन पड़ोसियों व आस-पास के लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी। आसपास घनी आबादी बावजूग इसके किसी को भी कोई चीख-पुकार सुनाई नहीं पड़ी। घटना किस समय घटित हुई इसका भी पता नहीं चल पाया है। माना जा रहा है कि वारदात को गुरुवार दोपहर 3 से 4 बजे के बीच अंजाम दिया गया है। शवों को देखने के बाद कम से कम डॉक्टरों का तो यही मानना है।
पुलिस मौके पर-
घटना स्थल पर डीएम-एसपी व चित्रकूट धाम मंडल के बांदा के डीआइजी भी पहुंचे। डीआईजी का कहना है की प्रथम दृष्टया यह प्रतीत हो रहा है कि इस घटना को पारिवारिक रंजिश की वजह अंजाम दिया गया है। पुलिस को संदेह है कि हत्याकांड में परिवार का ही कोई सदस्य शामिल हो सकता है।
हमीरपुर में सामूहिक हत्याकांड का यह है तीसरा मामला-
मार्च 2010 में होली से कुछ दिन पूर्व थाना ललपुरा के मोराकांदर गांव में जगदीश सिंह के पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया गया था। इसमें जगदीश, उनकी पत्नी और चार बच्चों को धारदार हथियारों से मार दिया गया था।
वहीं दो साल पूर्व 12 मई 2017 को मौदहा कस्बे के बड़ी देवी मंदिर के पास किसान केपी सिंह चंदेल व उनके परिवार के साथ भी ऐसा हुआ। केपी सिंह, उनकी पत्नी कुसमा सिंह, पुत्री रानी, नातिन रामलली और रामलली की दुधमुंही बच्ची को बेरहमी से मार दिया गया था। कुछ को जहर से तो कुछ को गला घोंट कर मारा गया था।
Published on:
28 Jun 2019 05:20 pm
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