
92 घंटे बाद 80 फीट की गहराई में मिला दूसरे मजदूर का शव
92 घंटे बाद 80 फीट की गहराई में मिला दूसरे मजदूर का शव
- पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंपे
- न्यौलखी में कुएं की मिट्टी धंसने से दो मजदूरों की मौत का मामला
रावतसर. निकटवर्ती गांव न्यौलखी के चक 4 केकेएसएम में कुआं चिनाई के दौरान मिट्टी ढहने से दबे दो मजदूरों को निकालने के लिए चार दिनों से चलाया जा रहा बचाव अभियान सोमवार को 92 घंटे बाद दूसरे मजदूर का शव मिलने के साथ ही थम गया। सोमवार सुबह लगभग 6 बजे 80 फीट की गहराई में दूसरे मजदूर का शव मिला। उसे स्थानीय राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया गया। वहां दोनों मजदूरों की शिनाख्त की गई। रविवार सुबह मिले मजूदर की शिनाख्त दीनदयाल पुत्र बाबूलाल स्वामी व सोमवार सुबह मिले मजदूर की आशाराम पुत्र शिवलाल कूकणा के रूप में पहचान हुई। पुलिस प्रशासन ने पोस्टमार्टम करवा दोनों शव परिजनों को सौंप दिए।
इस संबंध में मृतक दीनदयाल के चाचा भानीदास पुत्र मूलनाथ निवासी नाथवाना ने मर्ग दर्ज करवाई। उसने पुलिस को बताया कि दीनदयाल व आशाराम पिछले दो माह से आदराम पुत्र सुरजाराम सिराव निवास न्यौलखी के खेत में ट्यूबवैल व कुआं का निर्माण कार्य कर रहे थे। 16 सितम्बर को सुबह लगभग नौ बजे गिरधारीदास का फोन आया कि कुआं निर्माण के दौरान 40 से 60 फीट नीचे मिट्टी धंस गई। दीनदयाल व आसाराम मिट्टी में दब गए। मौके पर पहुंचा तो प्रशासन व पुलिस एक्सक्वेटर मशीनों से दोनों को खोज रहे थे।
पांच दिन चला सर्च अभियान
मजदूरों के मिट्टी में दबने की सूचना के साथ ही प्रशासन की मौजूदगी में ग्रामीणों ने बचाव अभियान शुरू कर दिया था। बाद में एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई। दिन-रात 92 घंटे तक चले सर्च अभियान के बाद सोमवार सुबह दूसरे मजदूर का शव मिला। इसके साथ ही सर्च अभियान का समापन कर दिया गया।
तो हो पाई शिनाख्त
कुआं चिनाई के दौरान मिट्टी धंसने से दबे एक मजदूर का शव रविवार सुबह निकाल लिया गया था। परन्तु मजदूर का शव पूरी तरह से फूलने व विकृत होने के कारण उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई। सोमवार सुबह दूसरे मजदूर का शव मिलने के बाद शिनाख्त हो सकी। उल्लेखनीय है कि न्यौलखी निवासी आदराम सिराव के खेत चक 4 केकेएसएम में दीनदयाल पुत्र बाबूलाल स्वामी, आसाराम पुत्र शिवलाल कूकणा व गिरधारी पुत्र जगदीशदास निवासी नाथवाना लुणकरनसर पिछले दो माह से कुआं खुदाई कर उसे पक्का करने में लगे हुए थे। गुरुवार सुबह दीनदयाल व आसाराम कुएं के अन्दर कार्य पूर्ण कर रहे थे व गिरधारीलाल बाहर से मदद कर रहा था। कार्य पूर्ण हो चुका था। दीनदयाल व आसाराम बाहर निकलने की तैयारी कर ही रहे थे कि अचानक मिट्टी धंसने से पक्का कड़ा टूट गया। कुएं में मिट्टी भर गई व दोनों मजदूर दब गए।
Published on:
20 Sept 2021 08:20 pm
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