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हनुमानगढ़ जिला उपभोक्ता मंच अध्यक्ष के खिलाफ जज के नाम पर 15 लाख रुपए का मांगने का मामला दर्ज

हनुमानगढ़. जिला उपभोक्ता मंच अध्यक्ष राजेशसिंह शेखावत के खिलाफ जज के नाम पर 15 लाख रुपए मांगने के आरोप में जंक्शन थाने में मामला दर्ज किया गया।

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हनुमानगढ़ जिला उपभोक्ता मंच अध्यक्ष के खिलाफ जज के नाम पर 15 लाख रुपए का मांगने का मामला दर्ज

हनुमानगढ़ जिला उपभोक्ता मंच अध्यक्ष के खिलाफ जज के नाम पर 15 लाख रुपए का मांगने का मामला दर्ज

हनुमानगढ़ जिला उपभोक्ता मंच अध्यक्ष के खिलाफ जज के नाम पर 15 लाख रुपए का मांगने का मामला दर्ज
- विशिष्ट लोक अभियोजक एनडीपीएस रहते समय पैसे ऐंठने का आरोप
- एनडीपीएस प्रकरण में सेटिंग कराने के नाम पर पैसे मांगने का आरोप
हनुमानगढ़. जिला उपभोक्ता मंच अध्यक्ष राजेशसिंह शेखावत के खिलाफ जज के नाम पर 15 लाख रुपए मांगने के आरोप में जंक्शन थाने में मामला दर्ज किया गया। एसीबी हनुमानगढ़ से मिले दस्तावेजों के आधार पर एसपी प्रीति जैन के आदेश पर रविवार को प्रकरण दर्ज किया गया है। इस संबंध में पहले विशिष्ट न्यायालय एनडीपीएस ने भी एसीबी मुख्यालय को प्रार्थी की ओर से की गई शिकायत के आधार पर पत्र भेजा था। राजेशसिंह शेखावत के पास हनुमानगढ़ सहित कई जिलों के उपभोक्ता मंच का कार्यभार है। शेखावत हनुमानगढ़ उपभोक्ता मंच में महीने में एक सप्ताह आते हैं।
पुलिस के अनुसार दिनेश कुमार पुत्र अशोक कुमार अग्रवाल निवासी वार्ड 12, पीलीबंगा ने 8 दिसम्बर 2017 को एनडीपीएस कोर्ट हनुमानगढ़ के तत्कालीन विशिष्ट लोक अभियोजक राजेशसिंह शेखावत के खिलाफ एसीबी को लिखित शिकायत दी थी। इसमें बताया कि प्रार्थी के पिता अशोक कुमार जंक्शन में रहते हैं। उनके खिलाफ एनडीपीएस कोर्ट में मामला विचाराधीन है। इसको लेकर वे काफी परेशान थे। परिवार के लोगों से हरीश गिरधर पुत्र बलवन्त गिरधर वार्ड 18, पीलीबंगा तथा रामकुमार बेनीवाल पुत्र जगदीश बेनीवाल निवासी गांव पीलीबंगा का संपर्क था। दोनों ने कहा कि वे प्रकरण में उसके पिता को बरी करवा सकते हैं। इसके बाद दोनों जनों ने उनको अधिवक्ता राजेशसिंह शेखावत से मिलवाया। अधिवक्ता ने कहा कि उनकी एनडीपीएस कोर्ट के जज से खास जान-पहचान है। आपकी बात कर लूंगा। इसके दो-तीन दिन बाद प्रार्थी व उसके पिता फिर अधिवक्ता शेखावत से मिले तो उसने कहा कि जज से बात हो गई है। उन्होंने अशोक कुमार को बरी करने के लिए 15 लाख रुपये की मांग की है। अधिवक्ता को ढाई लाख रुपए 18 सितम्बर 2017 को दे दिए। दूसरी किस्त पांच लाख तथा 685000 तीस किस्त के रूप में फैसले से एक सप्ताह पहले राजेशसिंह शेखावत को सौंप दिए। बकाया 65000 रुपए का भुगतान फैसले से एक दिन पहले कर दिया। फैसले से एक दिन पहले अधिवक्ता शेखावत ने जज से मिलने के लिए उनको बुलाया। अधिवक्ता ने प्रार्थी व उसके पिता से एसपी आफिस के सामने वाली रोड पर मुलाकात की तथा कहा कि जज ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया है। पत्रावली का निस्तारण जल्दी कर देंगे। इस प्रकरण में प्रार्थी के पिता को कोर्ट ने सजा सुनाई। कोर्ट ने अशोक कुमार को 20 वर्ष कठोर कारावास तथा जुर्माने की सजा दी। इसके बाद अधिवक्ता व दोनों बिचौलियों से पैसे वापस लेने के लिए पंचायत हुई। तब राजेश सिंह ने कहा कि उनकी पैमेंट जज के पास पहुंचा दी थी, अब वे पैसे देने से मना कर रहे हैं। इस प्रकरण से सम्बन्धित सभी आडियो रिकार्डिंग सेव कर ली गई। इस संबंध में एसीबी में शिकायत की गई। एसीबी ने 22 जनवरी 2018 को प्रकरण दर्ज कर एसीबी हनुमानगढ़ को सत्यापन के लिए परिवाद भिजवाया।
अशोक कुमार के खिलाफ दर्ज प्रकरण का फैसला 22 नवम्बर 2017 को एनडीपीएस कोर्ट ने सुनाया था। इसमें तीन आरोपियों सोनू उर्फ अमित, पवन कुमार उर्फ सोनू तथा मुकेश बंसल को न्यायालय ने संदेह का लाभ देकर दोष मुक्त कर दिया था। अशोक कुमार को धारा 8/22 अधिनियम 1985 में 20 वर्ष कठोर कारावास एवं दो लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।