बेटियों को बेहतर शिक्षा की सौगात, जिले में जल्द खुल सकते हैं नए केजीबीवी
हनुमानगढ़Published: Jan 31, 2019 12:03:12 pm
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बेटियों को बेहतर शिक्षा की सौगात, जिले में जल्द खुल सकते हैं नए केजीबीवी
बेटियों को बेहतर शिक्षा की सौगात, जिले में जल्द खुल सकते हैं नए केजीबीवी
– शिक्षा विभाग ने मापदंडों के अनुसार छह ब्लॉक में केजीवी खोलने के भेजे प्रस्ताव
हनुमानगढ़. जिले की बेटियों के लिए खुशखबरी है। जल्द ही यहां नए कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय (केजीबीवी) खोले जा सकते हैं। देश व प्रदेश में पहले से संचालित केजीबीवी की कामयाबी को देखते हुए सरकार ने इनकी संख्या बढ़ाने के लिए प्रक्रिया शुरू की है। अभी जिले में केवल एक ही केजीबीवी का संचालन किया जा रहा है जो टिब्बी में है। बालिका शिक्षा का ग्राफ बढ़ाने तथा उनको स्वावलम्बी बनाने में कस्तूरबा गांधी विद्यालयों का रिकॉर्ड अच्छा रहा है। इसीलिए इनकी संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
इस संबंध में सरकार ने शिक्षा विभाग के माध्यम से सभी जिलों से पिछले दिनों रिपोर्ट मांगी थी। इसमें बालिका शिक्षा की स्थिति, नामांकन, ड्रॉपआउट, इसके कारण आदि की जानकारी मांगी गई। जिले से जो रिपोर्ट बनी उसमें टिब्बी को छोडकऱ शेष सभी छह ब्लॉक में छह केजीबीवी शुरू करने का प्रस्ताव मुख्यालय को भिजवाया गया है। इसको लेकर अंतिम निर्णय तो मुख्यालय स्तर पर होगा। मगर यह तय है कि हनुमानगढ़ को केजीबीवी की सौगात मिल जाएगी।
अब बदले मापदंड
जानकारी के अनुसार केजीबीवी खोलने के लिए शुरुआत में जो मापदंड थे, उनमें अब बदलाव कर दिया गया है। पहले बालिका शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े वह ब्लॉक जहां 2001 की जनगणना के अनुसार महिला शिक्षा का स्तर 46 प्रतिशत से कम हो। महिला व पुरुष साक्षरता दर में अंतर 20 फीसदी से ज्यादा हो। साथ ही अल्पसंख्यक बालिका शिक्षा की स्थिति बिगड़ी हुई हो। अब पंचायत मुख्यालयों पर केजीबीवी खोलने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत सभी जिलों से बालिका शिक्षा की स्थिति को लेकर समसा से रिपोर्ट मांगी गई। हनुमानगढ़ से जो रिपोर्ट भिजवाई गई है, उसमें छह केजीबीवी खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है।
मिलता है बड़ा लाभ
आवासीय केजीबीवी में बालिकाओं को आवास, कपड़े, जूते, भोजन आदि की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही प्रतिमाह 150 रुपए बालिकाओं को खर्च के लिए भी दिए जाते हैं जो उनके खाते में जमा कराए जाते हैं। पढ़ाई के साथ-साथ सिलाई, ब्यूटीशियन व हेल्थ आदि से संबंधित प्रशिक्षण भी नियमित तौर पर दिया जाता है।
जो कभी स्कूल नहीं गई
नए केजीबीवी में उन बालिकाओं को प्रवेश में वरीयता दी जाएगी जो कभी स्कूल नहीं गई या ड्रॉप आउट हैं। उनको आयु के हिसाब से कक्षा में प्रवेश देकर फिर उस स्तर तक लाने का प्रयास किया जाएगा। जाहिर है कि किन्हीं कारणों से विद्यालय नहीं जा पाई बेटियों को केजीबीवी सरीखे स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा तो नि:संदेह बालिका शिक्षा की स्थिति में और सुधार आएगा।
छह का प्रस्ताव
नए केजीबीवी खोलने को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मुख्यालय ने मांगी थी। मुख्यालय को जिले में छह केजीबीवी खोलने का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। अब इस पर आगामी निर्णय मुख्यालय स्तर पर ही होगा।- वीर सिंह धानिया, एपीसी, समसा।
बढ़ावे के लिए कारगर
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिहाज से केजीबीवी बहुत कारगर हैं। इनमें बच्चियों को पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल व सुविधाएं मिलती हैं। व्यावसायिक शिक्षा भी दी जाती है। – रोहताश चुघ, नोडल प्राचार्य, केजीबीवी।