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हनुमानगढ़

विधायकों को जीरो नंबर, नहरी पानी से सबका किनारा

हनुमानगढ़. भाखड़ा परियोजना की नहरों का रेग्यूलेशन निर्धारित करने के लिए मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में भाखड़ा रेग्यूलेशन कमेटी की बैठक की गई।

हनुमानगढ़Oct 01, 2024 / 08:31 pm

Purushottam Jha

हनुमानगढ़ में हुई भाखड़ा रेग्यूलेशन कमेटी की बैठक में आमंत्रित सभी सात विधायक व सांसद रहे गैर हाजिर

हनुमानगढ़ में हुई भाखड़ा रेग्यूलेशन कमेटी की बैठक में आमंत्रित सभी सात विधायक व सांसद रहे गैर हाजिर

-हनुमानगढ़ में हुई भाखड़ा रेग्यूलेशन कमेटी की बैठक में आमंत्रित सभी सात विधायक व सांसद रहे गैर हाजिर
-सबकी सहमति से भाखड़ा नहर में छह दिसम्बर 2024 तक 1200 क्यूसेक पानी चलाने पर सहमति बनी
हनुमानगढ़. भाखड़ा परियोजना की नहरों का रेग्यूलेशन निर्धारित करने के लिए मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में भाखड़ा रेग्यूलेशन कमेटी की बैठक की गई। श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले की अर्थव्यवस्था में नहरों का अहम योगदान माना जाता है। सिंचाई पानी को लेकर बड़े आंदोलन भी दोनों जिलों में हो चुके हैं। भाखड़ा रेग्यूलेशन कमेटी की बैठक में शामिल होने के लिए सभी विधायकों को सूचित किया गया था।
इस अहम बैठक में किसान हित की बात करने को श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले के कोई विधायक व सांसद बैठक में शामिल नहीं हुए। इस तरह उपस्थिति मामले में विधायकों व सांसद की संख्या जीरो रही। इस दौरान बैठक की अध्यक्षता कलक्टर कानाराम ने की। किसान प्रतिनिधि ओम जांगू ने कहा कि विभाग की ओर से तैयार रेग्यूलेशन से किसानों की कोई फसल नहीं पकेगी। सरसों व चने को भी कोर दबाने के लिए दिसम्बर में पूरा पानी चाहिए। जांगू ने जनवरी तक नहरों में 1200 क्यूसेक पानी चलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि विभाग ने जो रेग्यूलेशन तैयार किया है वह आंकड़ों के हिसाब से ठीक है लेकिन खेती के लिहाज से उचित नहीं है। इस स्थिति में विभाग से मांग करते हैं कि वह जनवरी तक पूरा पानी चलाए। किसान प्रतिनिधि अशोक चौधरी ने कहा कि सिंचाई विभाग 1200 क्यूसेक पानी देकर रबी फसलों की बिजाई करवा दे। पकाई ऊपर वाला अपने आप करवा देगा। सभी पक्षों को जानने के बाद जिला कलक्टर कानाराम ने कहा कि जिला प्रशासन का प्रयास रहेगा कि नहरों में अधिकतम पानी अधिकतम समय के लिए चलाया जाए। लेकिन बांधों में भंडारित पानी का ध्यान रखना बेहद जरूरी होगा। उपलब्ध पानी को ही सही तरीके से वितरित करने के लिए यह बैठक बुलाई गई है। प्रशासन का प्रयास है कि अभी से लेकर तीस मार्च तक का प्लान बनाए। सबकी सहमति से ही नहरों में पानी चलाने की बात कही। काफी देर तक पानी के मसले पर चर्चा के बाद आखिर में छह दिसम्बर 2024 तक 1200 क्यूसेक पानी चलाने तथा 25 नवम्बर को रीव्यू बैठक करके आगे का रेग्यूलेशन निर्धारित करने की बात पर सहमति बनी। कलक्टर ने कहा कि सबका प्रयास रहना चाहिए कि बिजाई के साथ ही फसलों की पकाई भी हो। उन्होंने कहा कि मुझे अच्छी तरह से याद है कि गत वर्ष जब मेरी पोस्टिंग जिले में हुई थी, उस वक्त भी सबने तीस मार्च तक नहरों में पूरा पानी चलाने की मांग रखी थी। इसलिए हमारा प्रयास पूरे मार्च तक को ध्यान में रखते हुए रेग्यूलेशन बनाने की रहता है। जिला प्रमुख कविता मेघवाल, भाखड़ा प्रोजेक्ट के चेयरमैन मनप्रीत सिंह, जल संसाधन विभाग खंड द्वितीय के एक्सईएन नरेश कुमार मीणा, एक्सईएन द्वितीय सुनील कुमार निवाद, जेईएन संजय शर्मा, किसान प्रतिनिधि प्रगट सिंह बराड़, कृष्ण जैन, अंग्रेज सिंह, केसी गोदारा, कृषि विभाग के सहायक निदेशक बलकरण सिंह आदि ने बैठक में विचार रखे।
इनको होना था शामिल
भाखड़ा रेग्यूलेशन कमेटी की संपन्न हुई बैठक में सात में से एक भी विधायक बैठक में किसान हित की बात करने नहीं पहुंचे। विभागीय अधिकारियों के अनुसार हनुमानगढ़ विधायक गणेशराज बंसल, सादुलशहर विधायक गुरवीर सिंह बराड़, संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनियां, पीलीबंगा विधायक विनोद गोठवाल, सूरतगढ़ विधायक डूंगरराम गेदर, श्रीगंगानगर विधायक जयदीप बिहाणी, श्रीकरणपुर विधायक रुपिंदर सिंह कुन्नर व सांसद कुलदीप इंदौरा को बैठक में शामिल होना था। इसकी सूचना माननीयों को भिजवाई गई थी। किसान नेता ओम जांगू ने आरोप लगाया कि चुनाव के वक्त किसानों को हक का पानी दिलाने की बात करने वाले सभी नेता इस बैठक में गैर हाजिर रहे। जो उनकी किसान हित की सोच को साफ दर्शाती है।
विभाग का यह था रेग्यूलेशन
जल संसाधन विभाग की ओर से तैयार रेग्यूलेशन में तीन अक्टूबर से 20 नवम्बर तक 1200 क्यूसेक तथा
20 नवम्बर से 20 मार्च तक 850 क्यूसेक तथा बीस मार्च से 20 अप्रेल तक पूर्ण बंदी लेकर बीस अप्रेल से बीस मई 2025 तक 250 क्यूसेक पानी चलाने का जिक्र किया गया था। इस रेग्यूलेशन के हिसाब से कुल 181500 क्यूसेक पानी की जरूरत पड़ेगी। जबकि बांधों में भंडारित पानी के हिसाब से राजस्थान का शेयर इस बार 168900 क्यूसेक ही बना है। ऐसे में उक्त रेग्यूलेशन को लागू करने में भी 17 प्रतिशत यानी 12600 क्यूसेक बैटर इनफ्लो की आवश्यकता पड़ेगी। एक अक्टूबर को संपन्न हुई भाखड़ा रेग्यूलेशन कमेटी की बैठक में संशोधन करके अब छह दिसम्बर 2024 तक 1200 क्यूसेक पानी चलाने तथा 25 नवम्बर को रीव्यू बैठक करके आगे का रेग्यूलेशन निर्धारित करने की बात पर सहमति बनी है।
उजड़ जाएंगे बाग
पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़ ने कहा कि साठ दिन की प्रस्तावित बंदी में किन्नू बाग खत्म हो जाएंगे। भाखड़ा परियोजना क्षेत्र में किन्नू बाग वाले डिग्गियों में पानी भंडारित करने की व्यवस्था करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हुआ तो किन्नू बाग उजड़ जाएंगे। कलक्टर कानाराम ने कहा कि रेग्यूलेशन के अनुसार ही कुछ भी करना संभव होगा।
रामा और सुरेश पर भरोसा
भाखड़ा नहरों का रेग्यूलेशन बनाने को लेकर हुई बैठक में किसान प्रतिनिधि केसी गोदारा ने कहा कि हमें एसई रामाकिशन और एक्सईएन सुरेश सुथार पर भरोसा है। पहले भी यह किसान हित में सोचते रहे हैं। इस बार भी यह किसान हित में कुछ जरूर अच्छा करेेंगे। किसान प्रतिनिधियों ने नहरी विभाग के अधिकारियों के कार्यशैली की तारीफ की।

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