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घग्घर नदी के गुल्लाचिक्का हैड पर एक ही दिन में 10 हजार क्यूसेक पानी बढऩे से बढ़ी राजस्थान की बेचैनी, प्रशासन हाइ अलर्ट, तैयार हो रहे राहत कैंप, छुट्टी पर गए अफसरों को तत्काल लौटने का निर्देश

हनुमानगढ़. घग्घर नदी के गुल्लाचिक्का हैड पर 31 अगस्त 2025 को पानी बढऩे से राजस्थान की बेचैनी बढ़ गई है। एक ही दिन में इस हैड पर करीब दस हजार क्यूसेक पानी बढऩे से राजस्थान क्षेत्र में प्रशासनिक अमले को सतर्क कर दिया गया है।

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घग्घर नदी के गुल्लाचिक्का हैड पर एक ही दिन में 10 हजार क्यूसेक पानी बढऩे से बढ़ी राजस्थान की बेचैनी, प्रशासन हाइ अलर्ट, तैयार हो रहे राहत कैंप, छुट्टी पर गए अफसरों को तत्काल लौटने का निर्देश

घग्घर नदी के गुल्लाचिक्का हैड पर एक ही दिन में 10 हजार क्यूसेक पानी बढऩे से बढ़ी राजस्थान की बेचैनी, प्रशासन हाइ अलर्ट, तैयार हो रहे राहत कैंप, छुट्टी पर गए अफसरों को तत्काल लौटने का निर्देश

हनुमानगढ़. घग्घर नदी के गुल्लाचिक्का हैड पर 31 अगस्त 2025 को पानी बढऩे से राजस्थान की बेचैनी बढ़ गई है। एक ही दिन में इस हैड पर करीब दस हजार क्यूसेक पानी बढऩे से राजस्थान क्षेत्र में प्रशासनिक अमले को सतर्क कर दिया गया है। सरकारी द$फ्तरों में छुट्टियां निरस्तर कर दी गई है। आपात स्थिति से निपटने को लेकर आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई है। राजस्थान के हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिले से होकर उक्त नदी पाकिस्तान जाती है। वर्तमान में इन दोनों जिलों में स्थिति नियंत्रण में है। परंतु जिस तरह से पंजाब व हिमाचल में बरसात कहर ढा रही है, उससे राजस्थान के इन दोनों जिलों में भी लोग परेशान हो रहे हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार गुल्लाचिक्का हैड पर 37893 क्यूसेक पानी आने से आगे राजस्थान सीमा में पानी बढऩे के आसार हैं। हालांकि अभी ओटू हैड से पानी बढऩा शुरू नहीं हुआ है। 31 अगस्त को गुल्लाचिक्का हैड पर 37893, खनौरी में 8400, चांदपुर में 4150, ओटू हैड पर 26000, घग्घर साइफन में 16930, नाली बेड में 5000 व आरडी 42 जीडीसी में 11880 क्यूसेक पानी चल रहा था। इससे पहले 30 अगस्त को गुल्ला चिक्का हैड पर 28160, खनौरी हैड पर 6875, चांदपुर हैड पर 4350, ओटू हैड पर 27000, घग्घर साइफन में 15880, नाली बेड में 5000, आरडी 42 जीडीसी में 10770 क्यूसेक पानी चल रहा था।
इस बीच घग्घर नदी में लगातार बढ़ रही पानी की आवक के मद्देनजर कलक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव की अध्यक्षता में अहम बैठक की गई। इसमें जिला प्रशासन ने स्थिति को गंभीर मानते हुए व्यापक तैयारियां सुनिश्चित की है। जिला कलक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे हाई अलर्ट मोड पर रहें। मोबाइल और व्हाट्सएप सक्रिय रखें तथा कोई भी अधिकारी मुख्यालय न छोड़े। उन्होंने स्पष्ट कहा कि छुट्टियों पर गए अधिकारी एवं कर्मचारी तुरंत वापिस लौटें, अन्यथा कार्यवाही की जाएगी। कलक्टर ने कहा कि पंजाब और पीछे से आने वाले पानी की आवक पर निरंतर फीडबैक लिया जा रहा है। वर्तमान स्थिति सामान्य है, पर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों का चिन्हांकन कर राहत कैंप तैयार रखने के निर्देश दिए। आवश्यकता पडऩे पर भोजन, बिजली, पानी और मूलभूत सुविधाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि पशुओं के लिए भी अलग से व्यवस्थाएं की जाए।
कॉजवे और मार्ग बंद होने की स्थिति में चेतावनी बोर्ड लगाए जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम और सायरन को पूरी तरह दुरुस्त रखा जाए। कलक्टर ने एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस टीमों को एक्टिव मोड पर रहने के निर्देश दिए। बैठक में जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर प्रदीप रूस्तगी ने जानकारी दी कि जिले में घग्घर की कुल क्षमता 23,000 क्यूसेक पानी प्रवाहित होने की है, जिसे आईजीएनपी में डाइवर्जन के जरिए 28,000 क्यूसेक तक बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल 15,800 क्यूसेक पानी बह रहा है, जो नियंत्रण में है। आवश्यकता पडऩे पर अतिरिक्त पानी को आईजीएनपी में डायवर्ट कर दिया जाएगा। अब तक तटबंधों की मजबूती के लिए 1,63,000 मिट्टी के कट्टे उपलब्ध हैं। कलक्टर ने आमजन से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल जिला प्रशासन की आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें। कहा कि किसी भी आपात सूचना या सहायता के लिए नागरिक सुरक्षा जिला कंट्रोल रूम नंबर 01552-260299 पर संपर्क कर सकते हैं। कलक्टर ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत कई निर्णय जारी किए। जिले के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के पूर्व स्वीकृत अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त किए। आदेश मुताबिक, घग्घर नदी से संबंधित राजकीय कार्यालय अवकाशों में भी खुले रहेंगे। जिले के सभी पेट्रोल पंप 24 घंटे खुले रहेंगे तथा पेट्रोल-डीजल आरक्षित रहेगा। राशन दुकानों पर खाद्य सामग्री का पर्याप्त भंडारण अनिवार्य किया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में तटबंधों की मजबूती हेतु कट्टों की भराई एवं अतिरिक्त व्यवस्था की जाए। स्वास्थ्य विभाग को पर्याप्त दवाइयों की उपलब्धता व मेडिकल टीम गठन के निर्देश दिए गए है। बैठक में एडीएम उम्मेदी लाल मीना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जनेश तंवर, डिस्कॉम के एसई रिछपाल चारण, सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा, डीएसओ सुनील घोड़ेला, नगर परिषद आयुक्त सुरेंद्र यादव, जिला परिष्ज्ञद के एसीईओ देशराज बिश्नोई सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

नदी ने रोका कई गांवों का रास्ता
घग्घर नदी में पानी की भारी आवक के चलते कई गांवों के रास्ते अवरुद्ध हो रहे हैं। मार्गों से आवागमन बाधित होने के बाद वैकल्पिक रास्तों की सूचना आमजन को दी जा रही है। इसमें डबलीराठान उप तहसील का बहलोलनगर को जाने वाला रास्ते पर बना कॉजवे बंद कर दिया गया है। यहां जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग कालीबंगा और सहजीपुरा होकर जाया जा सकता है। इसी तरह गंगागढ़ से मक्कासर जाने का रास्ता, यह रास्ता जो नदी से होकर गुजरता था, अब पानी के कारण पूरी तरह से बंद हो गया है। वैकल्पिक मार्ग के तौर पर अब 4 किमी दूर दो केएनजे में नाली पर बने पुल से होकर आवागमन किया जा सकता है। गांव गंगागढ़ से डबली जाने का रास्ता पानी बढ़ जाने के कारण बंद कर दिया गया है। वैकल्पिक मार्ग के तौर पर अब गंगागढ़ से सहजीपुरा होते हुए डबलीराठान जाया जा सकता है। अमरपुरा थेड़ी के पास भद्रकाली मंदिर से ग्राम ढालिया का कॉजवे घग्घर नदी में पानी बढ़ जाने से बंद कर दिया गया है। वैकल्पिक मार्ग के तौर पर आवागमन के लिए हनुमानगढ़ होकर जाया जा सकता है।

देख चुके बाढ़ के खतरे को
पूर्व में वर्ष 1995 में घग्घर के नाली बेड क्षेत्र में हनुमानगढ़ जंक्शन व टाउन के बीच का बंधा टूटने से आधा शहर बाढ़ की चपेट में आ गया था। इस बार भी बढ़ रहे पानी को देखते हुए लोगों की बेचैनी बढऩे लगी है। वहीं धान उत्पादक किसानों के लिए नदी का पानी वरदान साबित हो रहा है।


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