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ऑनलाइन की शर्त हटाई, अब ऑफलाइन भी मान्य,पत्रिका ने किसानों का समझा दर्द, उठाया मुद्दा तो सरकार जगी

हनुमानगढ़. सरकार ने अब गिरदावरी कार्य में मल्टीपल खसरे के सलेक्शन को लेकर अहम आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें बताया गया है कि प्रदेश के सभी जिलों में गिरदावरी कार्य में लोकेशन डिसेबल कर दिया गया है।

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ऑनलाइन की शर्त हटाई, अब ऑफलाइन भी मान्य,पत्रिका ने किसानों का समझा दर्द, उठाया मुद्दा तो सरकार जगी

ऑनलाइन की शर्त हटाई, अब ऑफलाइन भी मान्य,पत्रिका ने किसानों का समझा दर्द, उठाया मुद्दा तो सरकार जगी

-राज्य सरकार ने प्रदेश में हो रही गिरदावरी को लेकर किसानों को दी राहत
हनुमानगढ़. सरकार ने अब गिरदावरी कार्य में मल्टीपल खसरे के सलेक्शन को लेकर अहम आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें बताया गया है कि प्रदेश के सभी जिलों में गिरदावरी कार्य में लोकेशन डिसेबल कर दिया गया है। इसके साथ ही मल्टीपल खसरा चयन का प्रावधान भी लागू कर दिया है। इससे बड़ा फायदा यह होगा कि पटवारी, सर्वेयर तथा किसान अब ऑफलाइन तरीके से खेतों की गिरदावरी तैयार कर इसे पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे। जिसे पंद्रह अक्टूबर से पहले तहसीलदार की ओर से प्रमाणित कर दिया जाएगा। इसके बाद किसानों को प्रमाणित गिरदावरी जारी होने लगेगी। प्रदेश के किसान इसके बाद एमएसपी पर अपनी फसलों को बेच सकेंगे। हनुमानगढ़ जिले की बात करें तो खास तौर पर धान व कपास के खेतों में पानी जमा होने की वजह से वहां जाना संभव नहीं हो पा रहा था। इसके अलावा करीब पंद्रह प्रतिशत ऐसे खसरे थे, जिनके नक्शे सही नहीं दर्शाए जा रहे थे। इससे ऑनलाइन तरीके से ऑन स्पॉट जाकर फोटो सहित गिरदावरी करने में लोकेशन मिलान नहीं हो रहा था। इस वजह से गिरदावरी का कार्य प्रभावित हो रहा था। अब सरकार की ओर से लोकेशन डिसेबल करने के आदेश जारी करने से पटवारी व अन्य सर्वेयर टीम की ओर से दूर से फसल की स्थिति देखकर आफलाइन तरीके से गिरदावरी रिपोर्ट तैयार कर इसे संबंधित पोर्टल पर अपलोड किया जा सकेगा। जिसे तहसीलदार की ओर से प्रमाणित करके किसानों को जारी किया जाएगा। इससे किसानों को बड़ी राहत मिलने की संभावना है। वर्तमान में स्थिति यह है कि मूंग फसल की एमएसपी पर खरीद को लेकर सरकार ने ऑनलाइन तरीके से पंजीयन लेने शुरू कर दिए हैं। परंतु प्रमाणित गिरदावरी नहीं मिलने की वजह से उक्त फसल की सरकारी खरीद प्रभावित हो रही है। प्रमाणित गिरदावरी मिलने के बाद ही किसान अपनी फसलों को एमएपी पर बेच सकेंगे। गौरतलब है कि गिरदावरी की धीमी रफ्तार तथा इसके बिना किसानों को हो रहे नुकसान को लेकर राजस्थान पत्रिका ने लगातार समाचारों का प्रकाशन किया। इसके बाद अब सरकार ने आदेश जारी करके किसानों को राहत देने का प्रयास किया है।

इसलिए पड़ी जरूरत
राज्य सरकार ने 15 अक्टूबर तक प्रदेश में गिरदावरी कार्य पूर्ण करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दौरान गिरदावरी कार्य पूर्ण होने में अब चार से पांच दिन का समय बचा है। जबकि प्रदेश में 16 प्रतिशत खेतों में गिरदावरी कार्य अब तक पूरी नहीं हुई है। अभी तक प्रदेश में करीब 40 प्रतिशत गिरदावरी ही पूरी हो पाई है। बाकी गिरदावरी समय पर पूर्ण हो सके, इसे देखते हुए सरकार ने नियमों में बदलाव किया है।

उच्च स्तर पर भेजी थी रिपोर्ट
हनुमानगढ़ जिले की तलवाड़ा क्षेत्र में तैनात अतिरिक्त कानूनगो सचिन शर्मा के अनुसार गिरदावरी कार्य में मल्टीपल खसरे के सलेक्शन चयन का प्रावधान करने से अब गिरदावरी कार्य में तेजी आएगी। निर्धारित समय पर गिरदावरी पूर्ण हो सकेगी। जिसका लाभ किसानों को मिलेगा। बिन गिरदावरी के किसान मंडी में फसल नहीं बेच पा रहे थे। अब गिरदावरी मिलने के बाद किसान एमएसपी पर अपनी फसलों को मंडियों में बेच सकेंगे। जिले में ऑनलाइन गिरदावरी को लेकर आ रही समस्याओं को लेकर हमने उच्च स्तर पर रिपोर्ट भिजवाई थी। इसके बाद अब सरकार स्तर पर निर्णय लेकर किसानों को राहत दी गई है। वहीं हनुमानगढ़ तहसीलदार हरीश सारण ने बताया कि मल्टीपल खसरे के सलेक्शन को लेकर हमें आदेश प्राप्त हो गए हैं। जो गिरदावरी अपलोड हुई है, उसे प्रमाणित कर रहे हैं। जल्द किसानों के हाथ प्रमाणित गिरदावरी पहुंच जाएगी।

……फैक्ट फाइल….
-प्रदेश में 10 अक्टूबर 2025 तक 84 प्रतिशत खेतों में गिरदावरी हुई पूरी।
-15 अक्टूबर तक प्रदेश में गिरदावरी कार्य पूर्ण करने का है लक्ष्य।
-प्रदेश में 16 प्रतिशत गिरदावरी अब तक होनी बाकी, इसलिए सरकार ने नियमों में किया बदलाव।
-प्रदेश में 1000 से अधिक चकों में खसरों के नक्शा मिलान में आ रही थी दिक्कतें।