7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भारतीय कपास निगम के वरिष्ठ वाण्ज्यिक अधिकारी ने गड़बड़ी करने वाले किसानों की सूची पुलिस को सौंपी

हनुमानगढ़. जिले में कपास की फसल को सफेद सोने के नाम से जाना जाता है। इस बार सीसीआई की ओर से समय पर एमएसपी पर कपास की खरीद शुरू करने से काफी संख्या में किसानों ने फसल बेचने के प्रति रुझान दिखाया है। इस बीच चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

3 min read
Google source verification
हनुमानगढ़ मंडी में लगी कपास की ढेरी।

हनुमानगढ़ मंडी में लगी कपास की ढेरी।

हनुमानगढ़. जिले में कपास की फसल को सफेद सोने के नाम से जाना जाता है। इस बार सीसीआई की ओर से समय पर एमएसपी पर कपास की खरीद शुरू करने से काफी संख्या में किसानों ने फसल बेचने के प्रति रुझान दिखाया है। इस बीच चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। अबकी दफा 23 किसान ऐसे हैं, जिन्होंने सफेद सोने को बेचने के लिए खोटे तरीके अपनाए हैं। अब यह तरीका उन्होंने जानबूझ कर अपनाया है या फिर ईमित्रों पर काम करने वाले या अन्य लोगों की सलाह पर ऐसा किया गया है, इसका पता जांच पूर्ण होने के बाद ही चल पाएगा।


फिलहाल सीसीआई ने जिला पुलिस को रिपोर्ट भेजकर गिरदावरी में हेरफेर कर पंजीयन करवाने वाले इन किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाने का कदम उठा लिया है। ताकि भविष्य में दोबारा किसान इस तरह के तरीके नहीं अपनाएं और एमएसपी पर खरीद प्रक्रिया बाधित नहीं हो। जानकारी के अनुसार जांच में जो चीजें सामने आई है, उसमें मूल गिरदावरी में ग्वार की फसल है तो रजिस्टे्रशन में जो गिरदावरी अपलोड की गई है, उसमें कपास की फसल दर्शाई गई है।


कूटरचित तरीके से रजिस्ट्रेशन में गिरदावरी अपलोड करने के आरोप में किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर जंक्शन पुलिस थाने को रिपोर्ट सौंप दी गई है। बताया जा रहा है कि मोबाइल से कपास बेचने को लेकर जो रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं, उसमें किसान के पास ही ओटीपी आता है। ऐसे में सभी तरह की जिम्मेदारी संबंधित किसानों के ऊपर आ जाती है। भले ही अनजाने में उन्होंने किसी तकनीकी जानकार से रजिस्टे्रशन करवाया हो। भारतीय कपास निगम के वरिष्ठ वाण्ज्यिक अधिकारी सुशील कुमार ने हनुमानगढ़ टाउन मंडी समिति क्षेत्र के 23 किसानों की सूची टाउन पुलिस थाना प्रभारी को सौंपकर रजिस्टे्रशन में अनियमितता बरतने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है।

क्यूआर कोड ने खोली पोल-पट्टी


इस बार सीसीआई ने एमएसपी पर कपास खरीद के लिए कपास किसान एप पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू करवाई। इस दौरान कुछ जगह रजिस्ट्रेशन में अनियमितता की शिकायत मिलने पर जांच कमेटी गठित की गई। इसमें शामिल अधिकारियों के अनुसार कुछ किसान ऐसे हैं जिन्होंने मूल गिरदावरी में कांट-छांट करके कपास बिजाई का क्षेत्रफल भी बढ़ाकर दर्ज करवा दिया है। वहीं कुछ किसान ऐसे हैं जिनके खेतों में कपास की जगह दूसरी फसल लगी है।

जांच दल में शामिल अधिकारियों ने रजिस्ट्रेशन की जांच की तो मूल गिरदावरी को स्कैन करते ही सारा गड़बड़झाला सामने आ गया। आशंका है कि रजिस्ट्रेशन के दौरान एडिट एप का उपयोग भी किया गया है। क्योंकि मूल गिरदावरी और रजिस्ट्रेशन में दर्ज सूचनाएं और फॉन्ट साइज में बदलाव किया गया है। जानकारी के अनुसार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद इसका मंडी समिति सचिव स्तर पर भौतिक सत्यापन किया जाता है। सत्यापन के दौरान ही इस तरह की गड़बड़ी पकड़ में आ गई थी। इसके बाद जांच शुरू की गई।

कपास रजिस्टे्रशन पर नजर


हनुमानगढ़ जिले में अबकी बार भादरा मंडी में 139, गोलूवाला में 992, हनुमानगढ़ जंक्शन में 923, हनुमानगढ़ टाउन मंडी में 1003, फेफाना में 34, रामगढ़ में 40, पीलीबंगा में 2064, रावतसर में 977, संगरिया में 1516 व टिब्बी मंडी क्षेत्र में 42 किसानों ने एमएसपी पर कपास बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्टे्रशन करवाए गए हैं। इन मंडियों में 12 नवम्बर 2025 तक करीब 29000 क्विंटल की सरकारी खरीद की गई है। इसमें अब तक सीसीआई ने 5320 क्विंटल कपास का भुगतान भी कर दिया है। चालू वर्ष में सरकार ने कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7860 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।

कमेटी में इन अधिकारियों को किया शामिल


जिला कलक्टर के निर्देश पर फसलों की खरीद से पहले रजिस्टे्रशन में अनियमितता की जांच के लिए कमेटी गठित की गई थी। इसमें टाउन मंडी समिति क्षेत्र के लिए नायब तहसीलदार भावना शर्मा, मंडी समिति टाउन सचिव सीएल वर्मा, प्रोग्रामर, पंचायत समिति हनुमानगढ़ सतवीर सिंह तथा भू-अभिलेख निरीक्षक तरसेम सिंह को शामिल किया गया था। इसी तरह हनुमानगढ़ जंक्शन मंडी क्षेत्र के लिए तहसीलदार हरीश सारण प्रोग्रामर सतवीर सिंह, जंक्शन मंडी समिति सचिव विष्णुदत्त शर्मा तथा भू अभिलेख निरीक्षक गुलजार आदि को शामिल किया गया था। दोनों जगहों की रिपोर्ट तैयार होने के बाद सीसीआई अधिकारियों ने नियम विरुद्ध तरीके से रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को लेकर पुलिस को सूचित किया है।

गत वर्ष इतनी हुई खरीद
हनुमानगढ़ जिले में गत वर्ष मतलब 2024-25 में गोलूवाला मंडी में 14860.53 क्विंटल, पीलीबंगा में 1050.25 क्विंटल कपास की खरीद की गई थी। इसी तरह हनुमानगढ़ जंक्शन मंडी क्षेत्र में 40611.34 क्विंटल, हनुमागनढ़ टाउन मंडी में 136497.03, रावतसर मंडी में 10536.33 तथा संगरिया मंडी क्षेत्र में 12549.32 क्विंटल कपास की खरीद की गई थी।