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सांसें तो थम गई लेकिन यादें हमेशा रहेगी जिंदा,मरणोपरांत शरीर दान कर परिजनों ने निभाया फर्ज

हनुमानगढ़. कहते हैं सांसें गिनी हुई है। जिसके नसीब में जितनी लिखी होती है, उतनी ही नसीब होती है। सांसें थमने के बाद मानव शरीर किसी काम का नहीं रहता। लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनका शरीर मरने के बावजूद भी दूसरों के काम आता है।

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हनुमानगढ़: मरणोपरांत शांति देवी का देहदान के दौरान मौजूद परिजन व ग्रामीण।

हनुमानगढ़: मरणोपरांत शांति देवी का देहदान के दौरान मौजूद परिजन व ग्रामीण।

-देहदान को लेकर हनुमानगढ़ जिले में आ रही जागरुकता, अंगदान के लिए 12492 लोग करवा चुके पंजीयन
हनुमानगढ़. कहते हैं सांसें गिनी हुई है। जिसके नसीब में जितनी लिखी होती है, उतनी ही नसीब होती है। सांसें थमने के बाद मानव शरीर किसी काम का नहीं रहता। लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनका शरीर मरने के बावजूद भी दूसरों के काम आता है। मरने के बाद भी उनकी यादें बरसों तक जिंदा रहती है। ऐसा ही उदाहरण शनिवार को सामने आया। ‘अमर सेवा मुहिम’ के तहत हनुमानगढ़ ब्लॉक के गांव मक्कासर निवासी शांति देवी (75) पत्नी लालचंद असीजा के निधन के बाद उनका शरीर मेडिकल रिसर्च के लिए दान किया गया।
जीते जी उन्होंने मरणोपरांत शरीरदान करने का संकल्प पत्र भरा था। शांति देवी के निधन के बाद परिजनों ने उनका पार्थिव शरीर मेडिकल रिसर्च के लिए दान कर इंसानियत का संदेश दिया। जानकारी के अनुसार गांव मक्कासर निवासी सेवादार प्रेम असीजा व नरेश असीजा की माता शांतिदेवी का शुक्रवार को निधन हो गया था। इसके बाद उनका मृत शरीर मेडिकल खोजों के लिए नेशनल कॉलेज ऑफ आयुर्वेद एंड हॉस्पीटल हिसार को दान किया गया।
शनिवार को अंतिम यात्रा उनके निवास से लेकर गांव में मुख्य मार्ग तक निकाली गई। इसमें काफी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह इंसां की ओर से ‘अमर सेवा मुहिम’ चलाई जा रही है। इससे प्रेरित होकर परिवार ने शरीर दान करने का निर्णय लिया था। राजकीय मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के अनुसार मेडिकल स्टूडेंट्स को रिसर्च के लिए इसकी जरूरत पड़ती रहती है। आमजन को भी मरणोपरांत शरीर दान करने की पहल करनी चाहिए।

अब तक इतनों ने किया देहदान
चिकित्सा विभाग के अनुसार हनुमानगढ़ में राजकीय मेडिकल कॉलेज जब से संचालित हुआ तब से अब तक क्षेत्र के 13 लोगों ने मरणोपरांत शरीर दान किया है। मृत शरीर पर मेडिकल स्टूडेंटस रिसर्च आदि कार्य कर रहे हैं।

प्रदेश में हनुमानगढ़ की सराहना
गत दिनों जिला प्रशासन की पहल पर जिले में अंगदान व शरीर दान के लिए जागरुकता शिविर भी लगाए गए थे। इसमें हनुमानगढ़ जिले के 12492 लोगों ने मरणोपरांत अंगदान करने का संकल्प पत्र भरा था। हनुमानगढ़ जिले में इस क्षेत्र में अच्छा काम होने पर प्रदेश स्तर पर इसकी सराहना की गई थी। राजकीय जिला चिकित्सालय हनुमानगढ़ के पीएमओ डॉ. शंकर सोनी के अनुसार अंगदान के लिए संकल्प पत्र भरने में हनुमानगढ़ जिला पहले स्थान पर रहा था।

लोग हो रहे हैं प्रेरित
बीते दिनों अंगदान करने को लेकर भरवाए गए संकल्प पत्र में जिले के लोगों ने खूब उत्साह दिखाया था। इस कार्य के लिए प्रदेश में जिले की काफी सराहना हुई थी। लोग अंगदान के साथ शरीर दान के लिए भी प्रेरित हो रहे हैं। मानव कल्याण को लेकर चिकित्सा क्षेत्र में रिसर्च हों, इसके लिए मेडिकल स्टूडेंट्स को मानव के मृत शरीर की जरूरत पड़ती है। जिले के लोग इसकी गंभीरता को समझ रहे हैं। जो भविष्य के लिए अच्छा संकेत है।
-डॉ.नवनीत शर्मा, सीएमएचओ, हनुमानगढ़।