
कॉलेज चलाए प्राथमिक पाठशाला में, अंग्रेजी माध्यम के लिए चाहिए राउमावि
कॉलेज चलाए प्राथमिक पाठशाला में, अंग्रेजी माध्यम के लिए चाहिए राउमावि
- जिले में नव स्वीकृत कन्या कॉलेज चल रहा राउप्रावि भवन में मगर इंग्लिश मीडियम के लिए राउमावि परिवर्तित
- अधिकांशत: राउमावि को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित करने के चलते कई जगह विरोध
हनुमानगढ़. सरकारी कॉलेज का संचालन तो प्राथमिक पाठशाला भवन में ही किया जा रहा है। मगर महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित करने के लिए उच्च माध्यमिक विद्यालय व उसका भवन चाहिए। जिले में यह अजीब स्थिति महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू करने से पैदा हो गई है। क्योंकि पद सृजित किए बगैर कम खर्च में इंग्लिश मीडियम पाठशालाएं प्रारंभ करने के प्रयास में अधिकांशत: राउमावि को ही परिवर्तित किया जा रहा है।
पिछले साल स्वीकृत राजकीय कन्या महाविद्यालय का अस्थाई संचालन जंक्शन स्थित राउप्रावि के खाली भवन में किया जा रहा है। इसका भवन बनने में शायद तीन शिक्षा सत्र तो कम से कम बीत जाएंगे। जबकि जिले में सातों ब्लॉक में राउमावि व रामावि को ही बंद कर अंग्रेजी माध्यम विद्यालय शुरू किए गए हैं। हालांकि इन विद्यालयों के प्रति पिछले साल से अच्छा उत्साह है। मगर राउमावि की कीमत पर इंग्लिश मीडियम स्कूल मिलने का विरोध भी हो रहा है।
रावतसर में एक पखवाड़े से अधिक समय से नागरिकों का इसी मुद्दे को लेकर धरना चल रहा है। उनकी मांग है कि कला, विज्ञान, वाणिज्य व कृषि संकाय वाले तहसील के एकमात्र विद्यालय की बजाय शहर के किसी राउप्रावि को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित किया जाए। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने महात्मा गांधी के डेढ़ सौवीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में गत वर्ष से महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोलने शुरू किए। पहले जिला मुख्यालयों पर तथा अब प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक अंग्रेजी माध्यम विद्यालय शुरू किया जा रहा है। जिले से लेकर प्रदेश भर में कई जगहों पर अच्छे नामांकन वाले विद्यालयों को बंद किया गया है। पांच दर्जन से अधिक बालिकाओं के विद्यालय अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित किए गए हैं।
समाधान तो संभव
रावतसर में नागरिकों के धरने का समाधान संभव है। क्योंकि प्रदेश की बात करें तो ब्लॉक स्तर पर जो अंग्रेजी माध्यम स्कूल स्वीकृत किए गए हैं, उनमें 25 जगहों पर राउप्रावि व राप्रावि को ही अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित किया गया है। मगर जिले में ऐसा नहीं किया गया है। रावतसर में विरोध हो रहा है तो नागरिकों की मांगों पर संवेदनशीलता से ध्यान देते हुए वहां किसी राउप्रावि या राप्रावि को अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में परिवर्तित किया जा सकता है।
लाभ के साथ बड़ी हानि
रावतसर राउमावि तहसील क्षेत्र का एकमात्र विद्यालय है जहां कला के साथ विज्ञान, वाणिज्य तथा कृषि वर्ग संकाय चलता है। बीकानेर संभाग का एकमात्र विद्यालय है जहां कृषि विज्ञान की छात्राओं को छात्रावास की सुविधा मिलती है। इसमें नामांकन भी 500 से अधिक है। गत पांच वर्षों से कक्षा 10 व 12 का परिणाम लगभग शत प्रतिशत रहा है। राउमावि बंद होने से हिन्दी माध्यम में शिक्षा लेने के इच्छुक विद्यार्थियों को अन्यत्र जाना पड़ेगा। नजदीक में चारों संकाय वाला कोई सरकारी स्कूल नहीं होने से उनको निजी विद्यालयों में जाना पड़ेगा। लोग चाहते हैं कि अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खुले। मगर इस तरह अच्छे-खासे राउमावि की कीमत पर नहीं।
Published on:
05 Jul 2020 09:47 pm
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