पहले जांच-पड़ताल में पिछड़े, अब शिकायत पर जल्दी एक्शन, सैंपल संग बढ़ा फेल होने का ग्राफ
– जिले में मिलावट की शिकायतों के चलते चढ़ा खाद्य व पेय पदार्थों के सैंपल कलेक्शन का ग्राफ
– लोगों की जागरुकता एवं शिकायत को लेकर नम्बर सार्वजनिक करने से बढ़ी जांच-पड़ताल
– तीन साल तक ज्यादा सैंपल हो रहे थे पास, अब बढ़ा फेल का ग्राफ
हनुमानगढ़. खाद्य व पेय पदार्थों की जांच-पड़ताल में दो बरस तक पिछडऩे के बाद अब खाद्य सुरक्षा दल शिकायत पर शीघ्र एक्शन ले रहा है। यही वजह है कि जिले में सैंपल कलेक्शन का आंकड़ा लगातार रेकॉर्ड बना रहा है। पिछले साल तो नमूना संग्रहण में तिहरा शतक जड़ दिया गया। इस साल भी अब तक तीन माह में 165 सैंपल लिए जा चुके हैं, इतने तो पहले दो साल में भी नहीं लिए जाते थे। इसकी बड़ी वजह लोगों की जागरुकता है। साथ ही चिकित्सा विभाग की ओर से मिलावट संबंधी सूचना देने के लिए नम्बर सार्वजनिक करना भी मुख्य कारण है।
इन सबके चलते गत तीन बरस से खाद्य एवं पेय पदार्थों निर्माण व विक्रय संबंधी प्रतिष्ठानों की जांच-पड़ताल तथा सैंपल संग्रहण बढ़ गया है। यह अलग बात है कि सैंपल संग्रहण के साथ उनके पास होने का ग्राफ भी बढ़ा है। जबकि पहले भले ही सैंपल कम संग्रहित होते रहे हो। मगर उनमें से फेल होने का प्रतिशत तुलनात्मक रूप से अधिक था। इस साल जनवरी से अब तक जो सैंपल लिए गए हैं, उनकी बात करें तो रेकॉर्ड संख्या में फेल हुए हैं। तकरीबन 56 प्रतिशत तक सैंपल फेल हुए हैं। गौरतलब है कि सैंपल पास होने के मुद्दे को पत्रिका ने भी फरवरी में ‘मिलावट घटी या जांच का इरादा, अब सैंपल फेल कम, पास ज्यादा’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर प्रमुखता से उठाया था।
गिरकर यूं बढ़ा ग्राफ
चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले से वर्ष 2016 एवं 2017 में क्रमश: 84 एवं 140 सैंपल संग्रहित किए गए थे। मगर इसके बाद अगले दो बरस तक प्रतिष्ठानों की संख्या में बढ़ोतरी के बावजूद सैंपल कलेक्शन 2017 की तुलना में गिरकर आधा रह गया। वर्ष 2018 एवं 2019 में क्रमश: 63 एवं 75 नमूने ही एकत्र किए गए। दो साल तक काफी कम संख्या में सैंपल संग्रहण होने के बाद इसमें तेजी आई। कोरोना संक्रमण काल के दौरान वर्ष 2020 एवं 2021 में तो निरंतर रेकॉर्ड कायम करते हुए क्रमश: 174 तथा 217 सैंपल संग्रहित किए गए। पिछले बरस यह ग्राफ और बढ़ा तथा कुल 349 सैंपल एकत्र किए गए जो अब तक जिले का रेकॉर्ड है।
इसलिए भी बढ़ा कलेक्शन
जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के तीन पद स्वीकृत हैं। जब-जब दो या तीन अधिकारी कार्यरत रहे हैं तब सैंपल कलेक्शन, निरीक्षण आदि बढ़े हैं। जब एक अधिकारी रहा हो, उसके पास अन्य जिले का कार्यभार भी रहा तो कामकाज प्रभावित हुआ है। फिलवक्त जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के तीनों पद भरे हुए हैं। हालांकि इनमें से एक अभी अंडर ट्रेनिंग है। जबकि शेष दो खाद्य सुरक्षा अधिकारी रफीक मोहम्मद एवं सुदेश गर्ग हैं। सभी पद भरे होने से जांच-पड़ताल बढ़ रही है।
यहां दीजिए मिलावट की सूचना
खाद्य एवं पेय पदार्थों में मिलावट आदि की सूचना के लिए चिकित्सा विभाग ने 01552-261190 नम्बर जारी कर रखा है। इस पर कार्यालय समय में मिलावट संबंधी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। सीएमएचओ डॉ. ओपी चाहर ने बताया कि मिलावट संबंधी सूचना का सत्यापन कर तत्काल कार्रवाई की जाती है। पब्लिक से निरंतर शिकायतें मिलती रहती हैं, जिन पर कार्रवाई करते हैं।
गुणवत्ता पर सवाल, अब सुधार
सैंपल कलेक्शन बढऩे के साथ उनकी गुणवत्ता पर भी पिछले बरस तक सवाल उठ रहे थे। क्योंकि सैंपल पास बहुत ज्यादा हो रहे थे। इसमें अब सुधार हुआ है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी रफीक मोहम्मद ने बताया कि वर्ष 2020, 21 एवं 22 में क्रमश: 22, 23 एवं 28 प्रतिशत नमूने ही फेल हुए थे। अब इस वर्ष जनवरी से 26 मार्च तक 165 नमूने लिए हैं। इनमें से 12 मार्च तक के 110 सैंपल की रिपोर्ट मिल चुकी है जिसमें से 62 सैंपल फेल हुए हैं। इसका मतलब कि 56 प्रतिशत से अधिक सैंपल फेल हुए हैं।
फैक्ट फाइल
वर्ष सैंपल
2016 84
2017 140
2018 63
2019 75
2020 174
2021 217
2022 349