23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सिंचाई पानी तो दूर की बात, पेयजल ही नहीं पहुंच रहा टेल तक, अधीक्षण अभियंता कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरना लगाकर जताया रोष

इलाके के किसानों को लगभग डेढ़ माह बाद सिंचाई पानी उपलब्ध हुआ है। लेकिन टेल के किसान पीने के पानी को भी तरस रहा है। पानी के अभाव में किसान अपने खेतों पर समय से बिजाई नहीं कर पाएगा।

less than 1 minute read
Google source verification

इलाके के किसानों को लगभग डेढ़ माह बाद सिंचाई पानी उपलब्ध हुआ है। लेकिन टेल के किसान पीने के पानी को भी तरस रहा है। पानी के अभाव में किसान अपने खेतों पर समय से बिजाई नहीं कर पाएगा।

हनुमानगढ़. आरआरडब्ल्यू माइनर की टेल पर सिंचाई पानी उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर चक चार आरआरडब्ल्यू के किसानों ने क्रय विक्रय सहकारी समिति अध्यक्ष प्रेम गोदारा के नेतृत्व में बुधवार को जिला कलक्टर व सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता से मिल उनको ज्ञापन सौंपे। साथ ही अधीक्षण अभियंता कार्यालय का सांकेतिक रूप से गेट बंद कर धरना लगाकर रोष प्रकट किया या। ज्ञापन में कलक्टर को बताया गया कि आरआरडब्ल्यू माइनर भाखड़ा नहर प्रणाली के अधिशासी अभियन्ता खण्ड द्वितीय के अधिकार क्षेत्र की पहली नहर है। इसकी टेल पर किसानों को सिंचाई पानी मिलना तो दूर पेयजल भी नहीं पहुंच पा रहा है। इलाके के किसानों को लगभग डेढ़ माह बाद सिंचाई पानी उपलब्ध हुआ है। लेकिन टेल के किसान पीने के पानी को भी तरस रहा है। पानी के अभाव में किसान अपने खेतों पर समय से बिजाई नहीं कर पाएगा। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को बार-बार सूचना देने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कलक्टर से तुरन्त लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही कर किसानों को सिंचाई पानी उपलब्ध करवाने की मांग की गई। किसानों ने जिला कलक्टर से मौका मुआयना कर वास्तविक स्थिति का जायजा लेने का भी आग्रह किया। इस मौके पर सरदार अली, आसिफ, पवन डोटासरा, रामप्रताप, कृष्णलाल, श्योप्रकाश, हंसराज, आशीष रेवाड़, बलवीर राम, देवीलाल, जगदीश, विनोद, जमालदीन आदि मौजूद रहे।

अधिकारी बोले नहीं हुई सफाई

उधर, सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सुनील निवाद ने बताया कि पूरी नहर की सफाई नहीं हो पाने की वजह से टेल पर कम पानी पहुंच रहा है। नहरबंदी के बाद अभी पहली बार रेग्यूलेशन जारी किया गया है। नहरबंदी के दौरान बीच-बीच में पेयजल छोडऩे के कारण नहर की पूर्ण सफाई नहीं हो सकी है। इस संबंध में नहर अध्यक्ष को इस बार नहरबंदी में नहर की सफाई करवाने के लिए पाबंद कर दिया गया है।