
Ghaggar River Update : रावतसर (हनुमानगढ़)। हरियाणा के ओटू हैड से राजस्थान की तरफ पानी की आवक लगातार बढ़ाई जा रही है। इससे हालात बिगड़ते जा रहे हैं। घग्घर नदी में बढ़ रही पानी की आवक जिले के अधिकारियों के साथ नाली बेड व जीडीसी के आसपास के किसानों व ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। जीडीसी की आरडी 158 पर अधिकारी लगातार नजर बनाए हुए हैं।
पानी की बढ़ती आवक को देखते हुए प्रशासन ने जीडीसी के निचले क्षेत्र में बसे गांव खेदासरी बारानी, खेदासरी व तीन एसपीडी को खाली करवाने की मुनियादी शुरू कर दी है। ग्रामीणों को जल्द से जल्द अपना सामान व पशुधन को लेकर अपने रिश्तेदारों व राहत केंद्रों पर लेकर चले जाने की चेतावनी दी है। प्रशासन द्वारा लोगों को अन्य स्थानों पर ले जाने के लिए वाहनों की सुविधा भी कर दी गई है। इसके लिए उपखंड अधिकारी, वृत्ताधिकारी पूनम चौहान, थाना प्रभारी अरुण चौधरी की ओर से समझाइश की जा रही है। ओटू हेड से बढ़ रही पानी की आवक को देखते हुए ग्रामीणों को दस घंटों का समय दिया है।
तहसीलदार नवीन गर्ग ने बताया कि गांवो को खाली करवाने के लिए कर्मचारियों की डयूटी लगावा दी गई है। उपखंड अधिकारी ने एडवाइजरी जारी करते हुए बताया है कि जीडीसी में अधिक जल बहाव के कारण जीडीसी के आसपास प्राकृतिक डिप्रेसन में पानी का फैलाव होगा। इससे जीडीसी के आसपास के डिप्रेशन एरिया में बसे लोगों को जल्द से जल्द ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने की चेतावनी दी है। जीडीसी के कमजोर बंधों की निगरानी बढ़ा दी गई है। मनरेगा के श्रमिकों व आसपास के किसानों की मदद से तटंबंधों को मजबूत किया जा रहा है।
यहां तक पहुंचा पानी
टाउन व जंक्शन शहर में संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए हाई अलर्ट कर दिया गया है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार ओटू हैड से राजस्थान क्षेत्र के लिए 21 जुलाई को 40350 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। जो 22 जुलाई को बढ़कर 40700 क्यूसेक हो गया। इसके बाद घग्घर के नाली बेड में पानी की मात्रा भी बढ़ा दी गई। वर्तमान में इस नदी में सात हजार क्यूसेक से अधिक पानी चलाया जा रहा है। नाली बेड का पानी शनिवार सुबह पांच बजे 56 जीबी पुल, रामसिंहपुर से कुपली रोड क्रॉस कर गया। रविवार सुबह तक अनूपगढ़-विजयनगर पुल क्रॉस होने की संभावना है। जल संसाधन विभाग हनुमानगढ़ के एक्सईएन सहीराम यादव ने बताया कि पानी का प्रवाह तेज गति से हो रहा है। नाली बेड इस समय खतरे के निशान पर है। बीते दो दशक की बात करें तो सर्वाधिक पानी इस समय नाली बेड में चला रहे हैं। फिलहाल सबको सतर्क रहने की जरूरत है। विभाग अपने स्तर पर पानी का प्रबंधन करने में लगा हुआ है।
पूरा सिस्टम फुल
घग्घर नदी में आ रहे पानी की निकासी को लेकर जल संसाधन विभाग के पास जितने चैनल थे, वह फुल हो गए हैं। अब केवल नाली बेड का रास्ता रह गया है। कलक्टर रुकमणि रियार इस बात को साफ कर चुकी हैं कि अब ओटू से जितना पानी बढ़ेगा, उसे नाली बेड में भी चलाया जाएगा। इसके बाद नाली बेड की निगरानी बढ़ा दी गई है। घग्घर नदी के ओटू हैड पर 22 जुलाई 2023 को 40700 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। दो दशक में रिकॉर्ड पानी की आवक से सब बेचैन हो रहे हैं। इसी तरह घग्घर साइफन में 23550, आईजीएफ आरडी 629 में 5112 क्यूसेक पानी चलाया जा रहा था। वहीं नाली बेड में 7049 क्यूसेक पानी चलाने के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है।
Published on:
23 Jul 2023 04:51 pm
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