
समर्थन मूल्य पर खरीद से सरकार का इनकार
-सरकारी खरीद में आ रही अड़चनों को दूर करने में सिस्टम हुआ नाकाम
-किसानों ने नारेबाजी कर जताया रोष, विरोध पर व्यापारियों ने अपनी दुकानों के आगे लगाई बोली
हनुमानगढ़. जिले में खरीफ फसलों की सरकारी खरीद करने में सरकारी सिस्टम अब तक नाकाम साबित हुआ है। हालात ऐसे हैं कि मंडियों में लगातार नरमा-कपास की बम्पर आवक हो रही है। लेकिन सरकारी तंत्र किसानों की उपज को खरीदने में नाकाम साबित हो रहा है। जिससे किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बुधवार को विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधि जंक्शन मंडी पहुंचे और कपास की सरकारी खरीद शुरू करने की पुरजोर मांग उठाई।
इस दौरान मंडी समिति के टीनशैड के नीचे किसान ट्रेक्टर ट्रॉली में फसल लेकर बेचने को पहुंचे। प्राइवेट बोली शुरू करने पर किसानों ने विरोध शुरू कर दिया। सभी किसान सरकारी खरीद शुरू करने की मांग कर रहे थे। सूचना पर मंडी समिति सचिव एलआर खुराना भी मौके पर पहुंचे। किसानों ने खुराना से दो टूक में सवाल किया कि बताओ सरकार कब से सरकारी खरीद शुरू करेगी, इस बात पर मंडी समिति सचिव ने कहा कि हमने तो दो माह पहले ही पत्र लिखकर सरकार को अवगत करवा दिया था।
जिसमें खरीद शुरू नहीं होने की स्थिति में कानून व्यवस्था बिगडऩे का उल्लेख भी किया था। मंडी समिति सचिव खुराना ने कहा कि सामने सीसीआई के अधिकारी बैठे हैं, खरीद कब से शुरू करेंगे, इसके बारे में तो यही बेहतर तरीके से बता सकते हैं। किसानों ने सरकारी खरीद को लेकर जब उनसे सवाल किया तो सीसीआई के वरिष्ठ खरीद अधिकारियों ने बिना जिनिंग मिल से टेंडर हुए खरीद शुरू करने में खुद को असमर्थ बताया।
इस तरह साफ है कि समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद करने में सरकारी तंत्र की रुचि नहीं है। जिसका नुकसान किसान गत एक पखवाड़े से उठा रहे हैं। इस दौरान अखिल भारतीय किसान संघ तहसील ईकाई का प्रतिनिधि मंडल तहसील अध्यक्ष बीरबल राम भांभू के नेतृत्व में मंडी समिति सचिव से मिला। नरमा-कपास की सरकारी खरीद ग्यारह अक्टूबर तक शुरू नहीं करने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। इंद्रजीत धारणियां, जगदीश पूनियां, बनवारीलाल, रायसिंह भांभू, संदीप भांभू, जयसिंह, मदनलाल सहारण आदि किसान मौजूद रहे। माकपा नेता रघुवीर वर्मा ने प्रशासन को चेताया है कि यदि जल्द सरकारी खरीद शुरू नहीं की गई तो किसान गुरुवार से मंडी में धरना शुरू कर देंगे।
आवक पर नजर
हनुमानगढ़ मंडी में एक अक्टूबर को नरमा 10672, गोलूवाला में 1637, पीलीबंगा में 5400, रावतसर में 3820 क्विंटल आवक हुई। मंडियों में आवक की स्थिति लगातार बढ़ रही है। लेकिन सरकारी खरीद अब तक बाधित है। इससे किसानों को उपज का न्यूनतम मूल्य भी नहीं मिल रहा। इससे किसान हैरान परेशान हो रहे हैं। प्राइवेट बोली पर रेट भी 5000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से मिल रहे हैं। जबकि जिले में उत्पादन की गुणवत्ता के लिहाज से कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5350 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
यह है अड़चन
कपास की सरकारी खरीद में सीसीआई के सामने कई अड़चने आ रही है। वरिष्ठ कपास क्रय अधिकारी गुरदीप सिंह व दलवीर सिंह ने बताया कि जिनिंग कार्य के लिए कॉटन फैक्ट्रियों से संपर्क कर रहे हैं। पांचवी बार टेंडर निकाले हैं। देखते हैं क्या होता है। उन्होंने बताया कि जिनिंग सहित अन्य कार्य के लिए सीसीआई 750 रुपए प्रति बेल्स के हिसाब से देने को तैयार है। लेकिन जिनिंग फैक्ट्रियों के मालिक 850 से 2200 रुपए तक रेट मांग रहे हैं। इस बार खरीद को लेकर सरकार की ओर से तय किए नए मापदंड भी जिनिंग फैक्ट्रियों को मंजूर नहीं है।
Published on:
03 Oct 2018 07:17 pm
बड़ी खबरें
View Allहनुमानगढ़
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
