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एशिया के सबसे बड़े इथेनोल प्लांट के लगाने का विरोध, बेकाबू भीड़ ने फूंक डाले कई वाहन, फैक्ट्री की दीवार तोड़ी

हनुमानगढ़. जिले की टिब्बी तहसील के राठीखेड़ा के पास लग रहे एशिया के सबसे बड़े इथेनोल प्लांट का निर्माण रोकने की मांग को लेकर बुधवार को भारी बवाल मच गया। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी फैक्ट्री निर्माण स्थल पर पहुंचे। इस दौरान कुछ देर तक भाषणबाजी का दौर चला। प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच समन्वय […]

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हनुमानगढ़ जिले की टिब्बी तहसील में निर्माणाधीन फैक्ट्री के बाहर जल रहे वाहन।

हनुमानगढ़ जिले की टिब्बी तहसील में निर्माणाधीन फैक्ट्री के बाहर जल रहे वाहन।

हनुमानगढ़. जिले की टिब्बी तहसील के राठीखेड़ा के पास लग रहे एशिया के सबसे बड़े इथेनोल प्लांट का निर्माण रोकने की मांग को लेकर बुधवार को भारी बवाल मच गया। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी फैक्ट्री निर्माण स्थल पर पहुंचे। इस दौरान कुछ देर तक भाषणबाजी का दौर चला। प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच समन्वय नहीं होने के कारण अचानक भीड़ बेकाबू होकर फैक्ट्री के आसपास लगे बेरिकेट्स को तोडकऱ आगे जाने लगी। भीड़ में शामिल लोग आसपास में खड़े सरकारी व निजी वाहनों को आग लगाकर फैक्ट्री की दीवार को तोडऩे का प्रयास करने लगे।

अचानक इस तरह का माहौल बनने पर पुलिस व प्रशासन को आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े। लाठीचार्ज करनी पड़ी। इसमें दस-बारह पुलिसकर्मियों के साथ ही संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनियां सहित अन्य आंदोलनकारियों के घायल होने की सूचना है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सबकुछ सही तरीके से चल रहा था। अचानक भीड़ बेकाबू हो गई और फैक्ट्री की दीवार की तरफ उसे तोडऩे के लिए भागने लगी। इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
इससे पहले इथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में टिब्बी में महापंचायत को लेकर टिब्बी कस्बा को छावनी बना दिया गया था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवानेां को तैनात कर दिया गया था। आने जाने वाले रास्ते बंद कर दिए गए थे। फैक्ट्री की ओर जाने वाले रास्ते सील थे। टिब्बी बाजार को बंद करवा दिया गया।

इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई थी। टिब्बी कस्बे के पास ग्राम पंचायत राठीखेडा के चक पांच आरके में लग रही इथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में फैक्ट्री हटाओ क्षेत्र बचाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में पिछले 15 माह से चल रहे आंदोलन के तहत कस्बे में बुधवार को संघर्ष समिति की ओर से महापंचायत बुलाई गई थी। महापंचायत कस्बे के एसडीएम कार्यालय के समक्ष हुई। इसके बाद लोग निर्माणाधीन फैक्ट्री के पास पहुंचे और दीवार को तोडऩे के लिए आगे बढऩे लगे। इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

इथेनॉल फैक्ट्री के कथित प्रदूषण से क्षेत्र की उपजाऊ जमीनो के नुकसान की आशंका को लेकर किसान फैक्ट्री लगाने का विरोध कर रहे हैं। किसानों का आंदोलन पिछले पंद्रह माह से जारी है हालांकि 18 नवम्बर को पुलिस प्रशासन ने पुलिस निगरानी के बीच फैक्ट्री का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया था। इसे लेकर आंदोलनकारियों का आक्रोश और बढ़ गया था। बुधवार को अचानक हालात बिगडऩे पर आसपास के जिलों की पुलिस भी बुलानी पड़ी। आसपास के जिलों से पुलिस बल पहुंचने पर स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास में जिला प्रशासन की टीम जुटी रही।
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