10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हनुमानगढ़ में मचा भारी बवाल, बेकाबू भीड़ ने गाड़ियां जलाई, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, लाठीचार्ज में विधायक सहित कई घायल

Hanumangarh Ethanol Factory Protest: हनुमानगढ़ जिले की टिब्बी तहसील के राठीखेड़ा के पास एशिया के सबसे बड़े इथेनोल प्लांट का निर्माण रोकने की मांग को लेकर बुधवार को भारी बवाल मच गया।

2 min read
Google source verification

फोटो पत्रिका

हनुमानगढ़। जिले की टिब्बी तहसील के राठीखेड़ा के पास एशिया के सबसे बड़े इथेनोल प्लांट का निर्माण रोकने की मांग को लेकर बुधवार को भारी बवाल मच गया। हजारों की संख्या में ग्रामीण और किसान फैक्ट्री निर्माण स्थल पर पहुंचे। इस दौरान कुछ देर तक भाषणबाजी का दौर चला। प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच समन्वय नहीं बैठा और अचानक भीड़ बेकाबू हो गई। प्रदर्शनकारी बैरिकेट्स को तोड़कर आगे बढ़ने लगे और कई सरकारी व निजी वाहनों को आग लगा दी। भीड़ फैक्ट्री की दीवार को तोड़ने की कोशिश करने लगी।

अचानक बिगड़े हालात पर पुलिस व प्रशासन को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान 10-12 पुलिसकर्मी और संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनियां सहित कई आंदोलनकारी घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार माहौल शुरू में शांत था, लेकिन भीड़ अचानक भड़क उठी जिससे तनाव फैल गया। तनाव बढ़ने पर जिले के अलावा आसपास के जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया।

महापंचायत से पहले ही टिब्बी बना छावनी

इथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में बुलाई गई महापंचायत को लेकर टिब्बी कस्बे को सुबह से ही छावनी में तब्दील कर दिया गया था। कस्बे में भारी पुलिस बल तैनात किया गया और आने जाने वाले रास्ते भी बंद कर दिए। बाजार को बंद करवाया गया। इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई।

फैक्ट्री हटाओ क्षेत्र बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में पिछले 15 माह से चल रहा यह आंदोलन बुधवार को महापंचायत के बाद उग्र हो गया। एसडीएम कार्यालय के सामने सभा के बाद भीड़ सीधे निर्माणाधीन प्लांट की ओर बढ़ी और दीवार तोड़ने का प्रयास किया, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए।

क्यों हो रहा है विरोध?

किसानों का आरोप है कि इथेनॉल प्लांट से प्रदूषण बढ़ेगा और क्षेत्र की उपजाऊ जमीनें बर्बाद होंगी। 18 नवंबर को पुलिस सुरक्षा में फैक्ट्री निर्माण दोबारा शुरू होने के बाद से आंदोलनकारियों का आक्रोश लगातार बढ़ रहा था।